Hariyali Teej Vrat Katha in Hindi – हरियाली तीज व्रत कथा, पति की लंबी उम्र के लिए करें ये व्रत हम यहां आपको इस वर्ष में हरियाली तीज कब मनाई जाएगी इसकी तारीख और वार की जानकारी दी जाएगी साथ ही आपको हरियाली तीज व्रत कथा के बारे में भी बताया जायेगा आप इस हरियाली तीज व्रत कथा को पूजा विधि करते समय पढ़ सकते हैं पूरी जानकारी के लिए अंत तक इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक से पढ़ें।
हरियाली तीज 2025 कब हैं?
इस वर्ष 2025 में Hariyali Teej 27 जुलाई, वार रविवार के दिन मनाई जाएगी।
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Hariyali Teej Ki Kahani – सुहाग और समृद्धि के लिए व्रत कथा जरूर पढ़ें
हरियाली तीज उत्सव को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस कड़ी तपस्या से माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया।
कथा के अनुसार माता गौरी ने पार्वती के रूप में हिमालय के घर पुनर्जन्म लिया था। माता पार्वती बचपन से ही शिव को वर के रूप में पाना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने कठोर तप किया। एक दिन नारद जी पहुंचे और हिमालय से कहा कि पार्वती के तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उनसे विवाह करना चाहते हैं। यह सुन हिमालय बहुत प्रसन्न हुए। दूसरी ओर नारद मुनि विष्णुजी के पास पहुंच गए और कहा कि हिमालय ने अपनी पुत्री पार्वती का विवाह आपसे कराने का निश्चय किया है। इस पर विष्णुजी ने भी सहमति दे दी।
नारद इसके बाद माता पार्वती के पास पहुंच गए और बताया कि पिता हिमालय ने उनका विवाह विष्णु से तय कर दिया है। यह सुन पार्वती बहुत निराश हुईं और पिता से नजरें बचाकर सखियों के साथ एक एकांत स्थान पर चली गईं।
घने और सुनसान जंगल में पहुंचकर माता पार्वती ने एक बार फिर तप शुरू किया। उन्होंने रेत से शिवलिंग का निर्माण किया और उपवास करते हुए पूजन शुरू किया। भगवान शिव इस तप से प्रसन्न हुए और मनोकामना पूरी करने का वचन दिया। इस बीच माता पार्वती के पिता पर्वतराज हिमालय भी वहां पहुंच गए। वह सत्य बात जानकर माता पार्वती की शादी भगवान शिव से कराने के लिए राजी हो गए।
Hariyali Teej Ke Upay – वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए करें हरियाली तीज के उपाय
Hariyali Teej Puja Vidhi in Hindi – हरियाली तीज पूजा विधि 2025 सही से करें पूजन और पाएं शुभ फल
शिव इस कथा में बताते हैं कि बाद में विधि-विधान के साथ उनका पार्वती के साथ विवाह हुआ। शिव कहते हैं, ‘हे पार्वती! तुमने जो कठोर व्रत किया था उसी के फलस्वरूप हमारा विवाह हो सका। इस व्रत को निष्ठा से करने वाली स्त्री को मैं मनवांछित फल देता हूं।’

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