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Navanita Krishna Stavan (The Butter Thief Prayer) – Lyrics & Meaning: श्री नवनीत कृष्ण स्तवन (माखन चोर स्तुति) – अर्थ, लिरिक्स व PDF

Navanita Krishna Stavan (The Butter Thief Prayer) – Lyrics & Meaning: श्री नवनीत कृष्ण स्तवन (माखन चोर स्तुति) – अर्थ, लिरिक्स व PDF नवनीत कृष्ण स्तव भगवान श्री कृष्ण जी समर्पित हैं। नवनीत कृष्ण स्तव का पाठ विशेष रूप से श्री कृष्ण जन्माष्टमी या भगवान श्री कृष्ण जी से संबंधित अन्य कई त्योहारों पर किया जाता हैं। नवनीत कृष्ण स्तव का नियमित रूप से पाठ करने से भगवान श्री कृष्ण जी को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता हैं। नवनीत कृष्ण स्तव के बारे में बताने जा रहे हैं।

Navanita Krishna Stotram: The Hymn to Makhan Chor with Meaning: माखन चोर कृष्ण की स्तुति: श्री नवनीत कृष्ण स्तवन (अर्थ सहित)

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Navanita Krishna Stavan
Navanita Krishna Stavan

सञ्चितयामि गुरुवायुपुरेश, नाद-ब्रह्मात्मिकां मुरलिकामुपसन्दधानम्।

प्रेमात्मकं च नवनीतमुदावहन्तं योगद्वयीसुखसमन्वयिमन्दहासम् ॥१॥

पिञ्छाञ्चलाञ्चितमणीमुकुटाभिरामं लोलालकान्तललितालिकसन्निवेशम्।

चिल्लीलतामृदुविलासविशेषरम्यं कारुण्यवर्षिनयनान्तमुपाश्रये त्वाम्॥२॥

रक्ताधरप्रसृतसुन्दरमन्दहासं गण्डस्थलप्रतिफलन्मणिकुण्डलाढ्यम्।

ईषत्स्फुरद्दशनमुग्धमुखारविन्दं त्वामाश्रये सुमधुरं नवनीतकृष्णम्॥३॥

त्वां द्वीपिदिव्यनखभूषणचारुवत्सं वंशीविराजितविमोहनवामहस्तम्।

हैय्यङ्गवीनभृतदक्षिणपाणिपद्मं भक्तप्रियं परिभजे नवनीतकृष्णम्॥४॥

उद्दीप्तकान्तिविलसन्मणिकिङ्किणीकं पीताम्बरावृतमिदं भवदीयमध्यम्।

चित्ते चकास्तु भगवन् नवनीलरत्न-स्तम्भाभमूरुयुगलं च हरे नमस्ते ॥५॥

जानुद्वयं सुमधुराकृतिरम्यरम्यं वृत्तानुपूर्वललिते तव जङ्घिके च।

मञ्जीरमञ्जुलतमं प्रपदं मुनीन्द्र-वृन्दार्चितं च चरणं हृदि भावयेऽहम्॥६॥

मज्जीविताब्धिमथनेन भवत्प्रसादा-ल्लब्धं विभो सुमधुरं नवनीतमल्पम्।

त्वत्प्रेमरूपममृतं परिकल्पयामि नैवेद्यकं, मयि कुचेलसख, प्रसीद! ॥७॥

श्रीमारुतालयपते, नवनीतकृष्ण, त्वामेव सत्यशिवसुन्दररूपमेकम्।

योगीन्द्रवन्दितविशुद्धपदारविन्दं तापत्रयैकशमनं शरणं प्रपद्ये ॥८॥

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