श्री भुवनेश्वरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् (PDF) | Bhuvaneswari Ashtottara Shatanama Stotram Lyrics, Meaning & Benefits Bhuvaneswari Ashtottara Shatanama Stotram पढ़ने से साधक को अपने जीवन में में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थो की प्राप्ति निश्चित रूप से होती है। साधक Bhuvaneswari Ashtottara Shatanama Stotram पढ़ने से दरिद्रता को समृद्धि में बदला जा सकता हैं। साधक को कभी भी असाध्य रोग नही होता हैं। Bhuvaneswari Ashtottara Shatanama Stotram पढ़ने से साधक की कुंडलिनी जागरण होने लगती हैं।
श्री भुवनेश्वरी के 108 दिव्य नाम (अष्टोत्तरशत नामावली स्तोत्रम्) | The 108 Divine Names of Bhuvaneswari (Ashtottara Shatanama Stotram) with Benefits
हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।
हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)

🧿 लैब सर्टिफाइड और अभिमंत्रित सिद्ध रुद्राक्ष पाने के लिए तुरंत कॉल करें मोबाइल नंबर: 9667189678
अथ श्रीभुवनेश्वर्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् ।
ईश्वर उवाच
महासम्मोहिनी देवी सुन्दरी भुवनेश्वरी ।
एकाक्षरी एकमन्त्री एकाकी लोकनायिका ॥ १॥
एकरूपा महारूपा स्थूलसूक्ष्मशरीरिणी ।
बीजरूपा महाशक्तिः सङ्ग्रामे जयवर्धिनी ॥ २॥
महारतिर्महाशक्तिर्योगिनी पापनाशिनी ।
अष्टसिद्धिः कलारूपा वैष्णवी भद्रकालिका ॥ ३॥
भक्तिप्रिया महादेवी हरिब्रह्मादिरूपिणी ।
शिवरूपी विष्णुरूपी कालरूपी सुखासिनी ॥ ४॥
पुराणी पुण्यरूपा च पार्वती पुण्यवर्धिनी ।
रुद्राणी पार्वतीन्द्राणी शङ्करार्धशरीरिणी ॥ ५॥
नारायणी महादेवी महिषी सर्वमङ्गला ।
अकारादिक्षकारान्ता ह्यष्टात्रिंशत्कलाधरी ॥ ६॥
सप्तमा त्रिगुणा नारी शरीरोत्पत्तिकारिणी ।
आकल्पान्तकलाव्यापिसृष्टिसंहारकारिणी ॥ ७॥
सर्वशक्तिर्महाशक्तिः शर्वाणी परमेश्वरी ।
हृल्लेखा भुवना देवी महाकविपरायणा ॥ ८॥
इच्छाज्ञानक्रियारूपा अणिमादिगुणाष्टका ।
नमः शिवायै शान्तायै शाङ्करि भुवनेश्वरि ॥ ९॥
वेदवेदाङ्गरूपा च अतिसूक्ष्मा शरीरिणी ।
कालज्ञानी शिवज्ञानी शैवधर्मपरायणा ॥ १०॥
कालान्तरी कालरूपी संज्ञाना प्राणधारिणी ।
खड्गश्रेष्ठा च खट्वाङ्गी त्रिशूलवरधारिणी ॥ ११॥
अरूपा बहुरूपा च नायिका लोकवश्यगा ।
अभया लोकरक्षा च पिनाकी नागधारिणी ॥ १२॥
वज्रशक्तिर्महाशक्तिः पाशतोमरधारिणी ।
अष्टादशभुजा देवी हृल्लेखा भुवना तथा ॥ १३॥
खड्गधारी महारूपा सोमसूर्याग्निमध्यगा ।
एवं शताष्टकं नाम स्तोत्रं रमणभाषितम् ॥ १४॥
सर्वपापप्रशमनं सर्वारिष्टनिवारणम् ।
सर्वशत्रुक्षयकरं सदा विजयवर्धनम् ॥ १५॥
आयुष्करं पुष्टिकरं रक्षाकरं यशस्करम् ।
अमरादिपदैश्वर्यममत्वांशकलापहम् ॥ १६॥
इति श्रीरुद्रयामले तन्त्रे भुवनेश्वर्यष्टोत्तरशतनाम समाप्तम् ।
👉 भुवनेश्वरी साधना कैसे करें? जानें मंत्र, यंत्र पूजा और नियम | Bhuvaneshwari Sadhana
👉 श्री भुवनेश्वरी स्तोत्रम् (PDF) | Bhuvaneshwari Stotram Lyrics, Meaning & Benefits
👉 Bhuvaneshwari Kavacham for Ultimate Protection | श्री भुवनेश्वरी कवचम् (PDF)

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
