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Shardiya Navratri Puja Vidhi 2025: Step-by-Step Guide for Beginners शारदीय नवरात्रि 2025: जानें संपूर्ण पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री लिस्ट

Shardiya Navratri Puja Vidhi 2025: Step-by-Step Guide for Beginners शारदीय नवरात्रि 2025: जानें संपूर्ण पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री लिस्ट यह तो आप सब जानते हो की नवरात्र साल में 2 बार आते है एक तो चैत्र शुक्ल के और दुसरे आश्विन शुक्ल के शारदीय नवरात्र नवरात्र व्रत की शुरूआत प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना से की जाती है।

नवरात्र के नौ दिन प्रात:, मध्याह्न और संध्या के समय भगवती दुर्गा की पूजा करनी चाहिए हमारे द्वारा बताये जा रहे नवरात्रि पूजा विधि को पढ़कर आप भी नवरात्रि पूजा की विधि सही प्रकार से नियम अनुसार कर सकते हैं।

🕉️ घर पर ऐसे करें नवरात्रि की पूजा (संपूर्ण विधि) | Navratri Puja Vidhi Step by Step

हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।

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Shardiya Navratri Puja Vidhi
Shardiya Navratri Puja Vidhi

नवरात्रि के 9 दिनों की संपूर्ण पूजा विधि | पहले दिन से लेकर कन्या पूजन तक 9 Days of Puja Method for Navratri

Navratri Vrat Puja 2025 Kab Hai: शारदीय नवरात्रि व्रत कब हैं 2025

इस साल 2025 में Shardiya Navratri Vrat Puja का पर्व 22 सितम्बर, 2025 वार सोमवार से शुरू होकर 01 अक्टूबर, 2025 वार बुधवार तक मनाया जायेगा।

Navratri Puja Items List 2025: नवरात्रि पूजा सामग्री लिस्ट 2025

आप नवरात्रि पूजा में माँ दुर्गा जी की फोटो, शुद्ध जल से भरा हुआ सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश, अशोक या आम के 5 पत्ते, एक पानी वाला नारियल, रोली, मोली, साबुत चावल, साबुत सुपारी, कपूर, लोंग, इलायची, लाल कपड़ा, चुनरी, शुद्ध साफ की हुई मिट्टी, मिट्टी का पात्र और जौ , पुप्ष की माला, सिक्का।

Shardiya Navratri Puja Vidhi 2025: Step-by-Step जानें शारदीय नवरात्रि की सबसे सरल पूजा विधि और नियम

आप नवरात्रि पूजा और कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पूजा स्थल और कलश स्थल को साफ़ व शुद्ध कर लेना चाहिए फिर उसके बाद एक लकड़ी का फट्टा रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़ा-थोड़ा चावल रख कर श्री गणेश जी का ध्यान और स्मरण करते हुए मिटटी के पात्र में जौ बोने चाहिए। आप जौ को फर्श पर साफ़ करके भी उगा सकते है। यदि पात्र नही है। तो इसके बाद कलश में जल और थोडा सा गंगाजल डालते समय ‘ॐ वरुणाय नमः’ मंत्र बोलते हुए पूर्ण रूप से जल भर दें। और जल से भरा कलश स्थापित करना चाहिए।

उसके बाद कलश पर रोली से स्वस्तिक या ॐ बनाना चाहिए। और कलश के मुख पर रक्षा सूत्र बांधना चाहिए। कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम या अशोक के पत्ते रखने चाहिए। कलश के मुख को ढक्कन से ढंक देना चाहिए। ढक्कन पर चावल भर देना चाहिए। एक नारियल ले उस पर चुनरी लपेटकर रक्षा सूत्र से बांध देना चाहिए। इस नारियल को कलश के ढक्कन पर रखते हुए सभी देवताओं का आवाहन करना चाहिए। अंत में दीप जलाकर कलश की पूजा करनी चाहिए। कलश पर फूल और मिठाइयां चढ़ाना चाहिए। 2 दिन के बाद अंकुर फूटने पर रोज सुबह शाम धुप लगा दे और थोडा थोडा जल ले छींटे दें देने चाहिए। 

नोटः नवरात्र में देवी पूजा के लिए जो कलश स्थापित किया जाता है वह सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का ही होना चाहिए। नवरात्रि पूजा में लोहे या स्टील के कलश का प्रयोग पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

कलश स्थापना के बाद मां श्री दुर्गा की मूर्ति रखे और बाईं तरफ श्री गणेश की मूर्ति या फोटो रखें। नवरात्रि पूजा आरंभ के समय ‘ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः’ मन्त्र बोलते हुए अपने ऊपर जल छिड़कें और अपने पूजा स्थल से दक्षिण और पूर्व के कोने में घी का दीपक जलाते हुए, ‘ॐ दीपो ज्योतिः परब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः। दीपो हरतु में पापं पूजा दीप नमोस्तु ते।’ मंत्र बोलते हुए दीपक प्रज्ज्वलित करें। मां भगवती दुर्गा की अखंड ज्योति जलाये यह ज्योति पूरे नौ दिनों तक जलती रहनी चाहिए।

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शारदीय नवरात्रि 2025: पूजा संकल्प विधि

इसके बाद पुष्प लेकर मन में ही संकल्प लें कि मां मैं आज नवरात्र की प्रतिपदा से आपकी आराधना अमुक (कार्य नाम) कार्य के लिए कर रहा/रही हूं, मेरी पूजा स्वीकार करके इष्ट कार्य को सिद्ध करो। यदि आपको कोई मंत्र नही आता है श्री दुर्गा माँ का तो आप श्री दुर्गा सप्तशती में दिए गए नवार्ण मंत्र ‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’ बोलते हुए सभी पूजन सामग्री चढ़ाएं। यह मां शक्ति का यह मंत्र अमोघ है। अब आपके पास जो भी यथा संभव सामग्री हो, उसी से आराधना करें। संभव हो सके तो शृंगार का सामान और नारियल-चुन्नी जरूर चढ़ाएं।

इसके बाद श्री दुर्गा माँ को जोत जलाये उसमे घी डालकर जोत लेते है उसके बाद उसमे इच्छानुसार माँ दुर्गा जी को भोग लगाये और जल के छीटें दें।दुर्गा सप्तशती का पाठ करें श्रद्धापूर्वक सपरिवार आरती करें और अंत में क्षमा प्रार्थना करें। नवरात्र में एक समय भोजन करें हो सके तो फलाहार करें नवमी के दिन 9 कन्याओ को भोजन खिलाये।

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