WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Shailputri Vrat Katha in Hindi: माँ शैलपुत्री व्रत कथा 2025: नवरात्रि पहला दिन जानें पूरी कहानी और महत्व

Shailputri Vrat Katha in Hindi: माँ शैलपुत्री व्रत कथा 2025: नवरात्रि पहला दिन जानें पूरी कहानी और महत्व हम यहां आपको नवरात्रि के पहले दिन की जाने वाली मां शैलपुत्री जी के बारे में बताने जा रहे हैं, यहां हम आपको माता शैलपुत्री देवी का स्वरूप और मां शैलपुत्री कथा की विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

🕉️ नवरात्रि पहला दिन: माँ शैलपुत्री की यह चमत्कारी कथा अवश्य पढ़ें | Shailputri Katha Lyrics & Text

हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।

हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)

Shailputri Vrat Katha
Shailputri Vrat Katha

Maa Shailputri Katha PDF Download: नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की व्रत कथा के श्रवण से होगा सुख-समृद्धि

Maa Shailputri Katha 2025: माता शैलपुत्री देवी का स्वरूप

उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प रहता है नवरात्र के इस प्रथम दिन की उपासना में योगी अपने मन को ‘मूलाधार’ चक्र में स्थित करते हैं और यहीं से उनकी योग साधना प्रारंभ होती है पौराणिक कथानुसार शैलपुत्री देवी अपने पूर्व जन्म में प्रजापति दक्ष के घर कन्या रूप में उत्पन्न हुई थी उस समय माता का नाम सती था और इनका विवाह भगवान शंकर से हुआ था।

Navratri Day 1 Special Maa Shailputri’s Complete Vrat Katha PDF Download | कैसे बनीं देवी पार्वती माँ शैलपुत्री? जानें पूरी कहानी

एक बार प्रजापति दक्ष ने एक बहुत बड़ा यज्ञ किया इसमें उन्होंने सारे देवताओं को अपना-अपना यज्ञ-भाग प्राप्त करने के लिए निमंत्रित किया, लेकिन शंकरजी को उन्होंने इस यज्ञ में निमंत्रित नहीं किया सती ने जब सुना कि उनके पिता एक अत्यंत विशाल यज्ञ का अनुष्ठान कर रहे हैं, तब वहां जाने के लिए उनका मन विकल हो उठा। Shailputri Vrat Katha

अपनी यह इच्छा उन्होंने शंकरजी को बताई सारी बातों पर विचार करने के बाद उन्होंने कहा- प्रजापति दक्ष किसी कारण से हमसे नाराज हैं अपने यज्ञ में उन्होंने सारे देवताओं को निमंत्रित किया है उनके यज्ञ-भाग भी उन्हें समर्पित किए हैं, लेकिन हमें जान-बूझकर नहीं बुलाया है कोई सूचना तक नहीं भेजी है ऐसी स्थिति में तुम्हारा वहां जाना सही नहीं होगा। Shailputri Vrat Katha

शंकरजी के यह कहने से भी सती नहीं मानी उनका प्रबल आग्रह देखकर भगवान शंकरजी ने उन्हें वहां जाने की अनुमति दे दी सती ने पिता के घर पहुंचकर देखा कि कोई भी उनसे आदर और प्रेम के साथ बातचीत नहीं कर रहा है केवल उनकी माता ने स्नेह से उन्हें गले लगाया बहनों की बातों में व्यंग्य और उपहास के भाव भरे हुए थे। Shailputri Vrat Katha

परिजनों के इस व्यवहार से उनके मन को बहुत दुख पहुंचा यह सब देखकर सती का हृदय क्षोभ, ग्लानि और क्रोध से संतप्त हो उठा उन्होंने सोचा भगवान शंकरजी की बात न मान, यहां आकर मैंने बहुत बड़ी गलती की है वे अपने पति भगवान शंकर के इस अपमान को सह न सकीं उन्होंने अपने उस रूप को तत्क्षण वहीं योगाग्नि द्वारा जलाकर भस्म कर दिया वज्रपात के समान इस दारुण-दुःखद घटना को सुनकर शंकरजी ने क्रुद्ध हो अपने गणों को भेजकर दक्ष के उस यज्ञ का पूर्णतः विध्वंस करा दिया। Shailputri Vrat Katha

सती ने योगाग्नि द्वारा अपने शरीर को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया इस बार वे ‘शैलपुत्री’ नाम से विख्यात हुर्ईं। Shailputri Vrat Katha

🕉️ नवरात्रि पहला दिन: माँ शैलपुत्री पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती

🕉️ नवरात्र का पहला दिन, आज करें शैलपुत्री मंत्र का जाप

🕉️ नवरात्रि पहला दिन: माँ शैलपुत्री स्तोत्र, हर संकट से करेगा आपकी रक्षा

🕉️ नवरात्रि के पहले दिन पढ़ें यह शैलपुत्री कवच, कोई शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा

🕉️ नवरात्रि पहला दिन: शैलपुत्री माता की आरती (PDF) (शैलपुत्री मां बैल असवार) सुनकर ही दूर होंगे कष्ट

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment

Call Us Now
WhatsApp
We use cookies in order to give you the best possible experience on our website. By continuing to use this site, you agree to our use of cookies.
Accept