भैरव रक्षा कवच (PDF): संपूर्ण पाठ, हिंदी अर्थ और लाभ Bhairav Raksha Kavach Lyrics in Sanskrit & Hindi भैरव रक्षा कवच / काल भैरव रक्षा कवच / तांत्रोक्त भैरव रक्षा कवच / बटुक भैरव रक्षा कवच भगवान भैरव जी को समर्पित हैं। भैरव रक्षा कवच / काल भैरव रक्षा कवच / तांत्रोक्त भैरव रक्षा कवच / बटुक भैरव रक्षा कवच को करने से व्यक्ति की शरीर की रक्षा, घर की सुरक्षा, भुत प्रेत से रक्षा, काला जादू से रक्षा, शत्रु नष्ट आदि से रक्षा होती हैं। जो भी Bhairav Raksha Kavach को जो नियमित रूप से 11 बार करने से परिणाम आपको स्वयं देखने को मिल जायेगे। Bhairav Raksha Kavach के बारे में बताने जा रहे हैं।
भैरव रक्षा कवच 2025: हिंदी पाठ व पीडीएफ | Bhairav Raksha Kavach PDF Download for Enemies, Fear & Black Magic
हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।
हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)

🧿 लैब सर्टिफाइड और अभिमंत्रित सिद्ध रुद्राक्ष पाने के लिए तुरंत कॉल करें मोबाइल नंबर: 9667189678
भैरव रक्षा कवच (PDF Download): जप विधि, नियम व समय | Bhairav Raksha Kavach Lyrics in Hindi, Meaning & Powerful Benefits
भैरव रक्षा कवच (Lyrics) | Bhairav Raksha Kavach PDF Download (Lyrics in Hindi & Sanskrit)
ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः ।
पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ॥
पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।
आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ॥
नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे ।
वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः ॥
भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा ।
संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ॥
ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः ॥
रामदेवो वनान्ते च वने घोरस्तथावतु ।
जले तत्पुरुषः पातु स्थले ईशान एव च ॥
डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः ।
हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः ॥
पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः ।
मालिनी पुत्रकः पातु पशूनश्वान् गंजास्तथा ॥
महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा ।
वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ॥

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
