भूमि पूजन मुहूर्त नवम्बर 2025: देखें सभी शुभ दिन और सही समय Bhumi Pujan Muhurat November 2025: Best Neev Pujan Dates & Times हम यंहा आपको 2025 में नवम्बर महीने में आने वाले भूमि पूजन के शुभ मुहूर्त बताने जा रहे हैं इसके साथ-साथ हम आपको नवम्बर में आने वाले समस्त भूमि पूजन की शुभ मुहूर्त की तारीखें, वार और सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र भी बताने जा रहे है जिससे आप भी नवम्बर 2025 महीने के शुभ दिन में अपना भूमि पूजन कर सकते हैं नीचे बताई जा रही नवम्बर भूमि पूजन मुहूर्त की तारीखें निम्न प्रकार बताई गई हैं।
भूमि पूजन मुहूर्त नवम्बर 2025: शुभ तिथियां और पूजा विधि | Shubh Muhurat for Bhumi Pujan November 2025: Dates, Timings (Panchang)
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नवम्बर 2025 भूमि पूजन मुहूर्त: शुभ तिथियां व समय | November 2025 Bhumi Pujan Muhurat: All Shubh Dates & Puja Vidhi
November 2025 me Bhumi Pujan ka Shubh Muhurat: Best Dates List — शुभ दिन और तारीख
| दिनांक | वार | नक्षत्र |
| 03 नवम्बर 2025 | सोमवार | उत्तराभाद्रपद |
| 07 नवम्बर 2025 | शुक्रवार | रोहिणी |
| 08 नवम्बर 2025 | शनिवार | मृगशिरा |
Bhumi Pujan Muhurat November 2025 — निकालते समय ध्यान रखें ये आवश्यक बातें
1. शुभ महीने (Bhumi Pujan Muhurat November 2025: Auspicious Months)
गृह निर्माण शुरू करने के लिए सभी महीने शुभ नहीं होते। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुछ महीने विशेष रूप से शुभ माने गए हैं।
- शुभ महीने: वैशाख, श्रावण, मार्गशीर्ष (अगहन), माघ और फाल्गुन।
- मध्यम महीने: कार्तिक और ज्येष्ठ।
- वर्जित महीने: चैत्र, आषाढ़, भाद्रपद (भादों), और आश्विन (क्वार) मास में नींव खुदाई से बचना चाहिए। साथ ही, चातुर्मास (देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक) में भी गृह निर्माण का कार्य आरंभ नहीं करना चाहिए।
2. शुभ पक्ष (Bhumi Pujan Muhurat November 2025: Auspicious Lunar Fortnight)
हमेशा शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के बढ़ने वाले दिन) में ही नींव खुदाई का कार्य आरंभ करें। कृष्ण पक्ष को इस कार्य के लिए शुभ नहीं माना जाता है, क्योंकि इसे क्षीण चंद्रमा का समय माना जाता है, जो शुभ कार्यों में ऊर्जा की कमी का प्रतीक है।
3. शुभ तिथियां (Bhumi Pujan Muhurat November 2025: Auspicious Tithis)
सभी तिथियां नींव पूजन के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं।
- शुभ तिथियां: द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, और त्रयोदशी तिथियां नींव पूजन के लिए उत्तम मानी जाती हैं। पूर्णिमा भी शुभ होती है।
- वर्जित तिथियां: “रिक्ता तिथियों” यानि चतुर्थी, नवमी, और चतुर्दशी में यह कार्य भूलकर भी न करें। अमावस्या और प्रतिपदा तिथि भी वर्जित है।
4. शुभ वार (Bhumi Pujan Muhurat November 2025: Auspicious Weekdays)
सप्ताह के दिन भी मुहूर्त में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- शुभ दिन: सोमवार, बुधवार, गुरुवार, और शुक्रवार नींव खुदाई के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं।
- वर्जित दिन: मंगलवार और रविवार को गृह निर्माण कार्य आरंभ करने से बचना चाहिए। मंगलवार अग्नि तत्व का दिन है, जिससे आग लगने का भय रहता है, जबकि रविवार क्रूर ग्रह का दिन माना जाता है। शनिवार को भी आमतौर पर टाला जाता है।
5. शुभ नक्षत्र (Bhumi Pujan Muhurat November 2025: Auspicious Nakshatras)
नक्षत्र मुहूर्त का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। नींव की खुदाई “स्थिर” और “सौम्य” नक्षत्रों में करनी चाहिए ताकि घर स्थिर रहे और उसमें सुख-शांति बनी रहे।
- अति शुभ नक्षत्र: रोहिणी, मृगशिरा, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तरा भाद्रपद, और चित्रा।
- अन्य शुभ नक्षत्र: हस्त, स्वाति, अनुराधा, और शतभिषा।
6. शुभ लग्न (Bhumi Pujan Muhurat November 2025: Auspicious Ascendant)
लग्न वह राशि है जो मुहूर्त के समय पूर्वी क्षितिज पर उदय हो रही होती है। भूमि पूजन के लिए स्थिर लग्न (वृषभ, सिंह, वृश्चिक, और कुंभ) को सबसे उत्तम माना जाता है। इससे घर की नींव मजबूत और स्थिर रहती है। चर लग्न (मेष, कर्क, तुला, मकर) में खुदाई करने से बचना चाहिए।
7. शेषनाग का विचार (Bhumi Pujan Muhurat November 2025: Position of Sheshnag)
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी हुई है और वे अपनी स्थिति बदलते रहते हैं। नींव की खुदाई हमेशा शेषनाग के मुख की विपरीत दिशा में, यानी उनकी पीठ या पूंछ की तरफ करनी चाहिए।
- भादों, क्वार, कार्तिक: शेषनाग का वास पूर्व दिशा में होता है। खुदाई पश्चिम दिशा से करें।
- अगहन, पूस, माघ: शेषनाग का वास दक्षिण दिशा में होता है। खुदाई उत्तर दिशा से करें।
- फाल्गुन, चैत्र, बैसाख: शेषनाग का वास पश्चिम दिशा में होता है। खुदाई पूर्व दिशा से करें।
- जेठ, आषाढ़, सावन: शेषनाग का वास उत्तर दिशा में होता है। खुदाई दक्षिण दिशा से करें।
8. खुदाई की सही दिशा
मुहूर्त के अनुसार, नींव की खुदाई हमेशा राहुमुख के अनुसार से आरंभ करनी चाहिए। इसके बाद आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व), फिर वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम), और अंत में नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) में खुदाई करनी चाहिए।
9. भद्रा और अन्य अशुभ योग से बचें
मुहूर्त निकालते समय यह सुनिश्चित करें कि उस दिन भद्रा न हो। भद्रा काल को किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत अशुभ माना जाता है। साथ ही, व्यतिपात और वैधृति जैसे अशुभ योगों में भी यह कार्य नहीं करना चाहिए।
10. किसी विद्वान ज्योतिषी से सलाह लें
ऊपर बताए गए सभी नियम सामान्य हैं। आपकी जन्मकुंडली के ग्रहों की स्थिति के अनुसार आपके लिए कौन सा मुहूर्त सबसे श्रेष्ठ रहेगा, यह एक विद्वान ज्योतिषी या पंडित ही बता सकते हैं। वे पंचांग के सभी पांच अंगों (तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण) का सूक्ष्म विश्लेषण करके आपके लिए व्यक्तिगत रूप से सबसे शुभ समय निकाल सकते हैं।
निष्कर्ष:
घर जीवन में एक बार बनता है। इसलिए, जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। शुभ मुहूर्त में भूमि पूजन और नींव की खुदाई करके आप न सिर्फ निर्माण कार्य को बाधा रहित बनाते हैं, बल्कि अपने भविष्य के घर को सकारात्मक ऊर्जा, सुख और खुशहाली से भी भर देते हैं।

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