Chaturmas Me Kya Kare : Chaturmas Ke Niyam : चातुर्मास में क्या करे आपने आपको अपनी इस पोस्ट के जरिये चातुर्मास के कुछ महत्पूर्ण नियम बताने जा रहे हैं साथ में चातुर्मास के लाभ के बारे में जानकारी देंगे और आपको यह भी बताया जायेगा की चातुर्मास में किस बातों का ख्याल रखना चाहिए क्या करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए आदि जानकारी प्राप्त होगी।
चातुर्मास में क्या करे || Chaturmas Me Kya Kare
चातुर्मास में क्या करना चाहिए || Chaturmas Me Kya Karna Chahiye
- जलाशयों में स्नान करना चाहिए। या तिल व जौं को पीसकर स्नान वाले जल में डालकर स्नान करना चाहिए यदि हो सके तो बाल्टी में बेलपत्र डाल सको तो डालो ऐसे स्नान करने से जातक का पाप का नाश होगा। व प्रसन्नतादायक स्नान होगा तन के दोष व् मन के दोष मिटने लगेंगे। स्नान करने से पहले “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 5 बार जाप करके उसके बाद फिर लोटा से सिर पे पानी डालना चाहिए। ऐसा करने से पित्त की बीमारी, कंठ का सूखना आदि बिमारियों से मुक्ति मिलती है। व जिस जातक का चिडचिडा हो उसका चिडचिडा स्वभाव भी कम हो जाता है।
- चतुर्मास में भगवान श्री नारायण शेष शैय्या पर शयन करते हैं इसलिए ४ महीने सभी जलाशयों में तीर्थत्व का प्रभाव आ जाता है। इसलिए जातक को सादे बिस्तर पर शयन करना चाहिए। और सत्संग सुने संतों की सेवा करनी चाहिए।
- चतुर्मास में स्टील के बर्तन में भोजन करने की अपेक्षा पलाश के पत्तों पर भोजन करने से भोजन पापनाशक पुण्यदायी हो जाता है। व ब्रह्मभाव को प्राप्त कराने वाला भी होता है।
- चतुर्मास में ये पुए 4 महीनों में आने वाली दोनों पक्षों की एकादशी तिथि का व्रत व् उपवास करना चाहिये। ऐसा करने से १५ दिन में १ दिन उपवास १४ दिन का खाया हुआ जो तुम्हारा अन्न है वो ओज में बदल जायेगा।
- चतुर्मास में भगवान श्री विष्णु जी के सामने बैठकर पुरुष सूक्त का पाठ करने से बुद्धि का विकास होता है।
- चतुर्मास में दान, दया और इन्द्रिय संयम करते हुए उत्तम धर्म करने वाले को उत्तम लोकों की प्राप्ति होती है।
- चतुर्मास में आंवला व मिश्री जल से स्नान करने से महान पुण्य की प्राप्ति होती है।
चातुर्मास में क्या नहीं करना चाहिए || Chaturmas Me Kya Nahi Karna Chahiye
- चतुर्मास में किसी का पराया धन हड़प करना, परस्त्री से समागम करना, निंदा करना, ब्रह्मचर्य तोड़ना आदि काम नही करने चाहिए।
- चतुर्मास में ताम्बे के बर्तन में भोजन व् जल ग्रहण नही करना चाहिए।
- चतुर्मास में काला और नीला वस्त्र पहनने नही चाहिए इससे स्वास्थ्य में हानि और पुण्य का नाश होता है।
- परनिंदा महा पापं शास्त्र वचन : “परनिंदा महा पापं परनिंदा महा भयं, परनिंदा महा दुखं तस्या पातकम न परम” ये स्कन्द पुराण का श्लोक है परनिंदा महा पाप है, परनिंदा महा भय है, परनिंदा महा दुःख है तस्या पातकम न परम उस से बड़ा कोई पाप नही | इस चतुर्मास में पक्का व्रत ले लो कि हम किसी की निंदा न करेंगे | असत्य भाषण का त्याग कर दें, क्रोध का त्याग कर दें।
- चतुर्मास में बाजार की वस्तुओं का त्याग कर देना चाहिए।
- चतुर्मास में स्त्री-पुरुष के मैथुन संग का त्याग कर देना चाहिए। माँ पार्वती ने कहा है जो भी ऐसा करेगा वो जीव अपने दोषों से पार होकर मेरी भक्ति को और मुक्ति को पाता है, व अश्वमेघ यज्ञ के फल को पाता है।
- चतुर्मास में बैंगन, मूली, प्याज, लहसुन, इमली, मसूर, लोबिया, अचार, बहुबीज अथवा निर्बीज फल, बेर, मांस इत्यादि पदार्थ को ग्रहण करना निषिद्ध बताया है।
चातुर्मास के लाभ || Chaturmas Ke Labh
- चातुर्मास में जो जातक गुड़ का त्याग करता हैं, उसकी वाणी में मधुरता आती हैं ।
- चातुर्मास में जो जातक तेल का त्याग करता हैं, उसके समस्त शत्रुओं का नाश होता हैं ।
- चातुर्मास में जो जातक घी का त्याग करता हैं, उसके सौन्दर्य में वृद्धि होती हैं ।
- चातुर्मास में जो जातक हरी सब्जी का त्याग करता हैं, उसकी बुद्धि प्रबल होती हैं एवं पुत्र लाभ प्राप्त होता हैं ।
- चातुर्मास में जो जातक दूध एवं दही का त्याग करता हैं , उसके वंश में वृद्धि होकर उसे मृत्यु उपरांत गौलोक में स्थान प्राप्त होता हैं ।
- चातुर्मास में जो जातक नमक का त्याग करता हैं, उसकी समस्त मनोकामना पूर्ण होकर उसके सभी कार्य में निश्चित सफलता प्राप्त होती हैं ।
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