जानें छठ पूजा का महत्व, इतिहास और कथा Chhath Puja Ka Mahatva 2025 हम यहां आपको छठ पूजा के संबधित यहां जानकारी बताने जा रहे हैं यहां हम आपको बताएंगे की छठ पूजा क्यों मनाई जाती हैं छठ पूजा में किसकी आराधना की जाती हैं और छठ पूजा मनाने का महत्व क्या हैं आदि सभी जानकारी यहां आप देख सकते हैं।
छठ पूजा का महत्व: जानें क्यों मनाया जाता है यह महापर्व (2025) Significance of Chhath Puja 2025 | Why We Celebrate This Great Festival
हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।
हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)

संतान प्राप्ति और सुख-समृद्धि के लिए क्यों खास है छठ पर्व? जानें महत्व | Chhath Puja 2025: Significance, Story, Benefits, and Traditions
👉 छठ पूजा कथा 2025: यह कथा सुनने से मिलता है संतान और सौभाग्य का वरदान
👉 छठ पूजा 4 दिन की संपूर्ण विधि: नहाय खाय, खरना से लेकर अर्घ्य तक (2025)
👉 संतान प्राप्ति और उसकी लंबी आयु के लिए करें ये महाउपाय
👉 छठ पूजा के दौरान सूर्य अर्घ्य देते समय करें यह एक उपाय, सूर्य देव की कृपा से पूरी होगी हर इच्छा
रोग, शोक और दरिद्रता दूर करने वाले छठ महापर्व का महत्व | Chhath Puja 2025: A Festival of Nature, Purity, and Gratitude | Its True Meaning
छठ पुजा का महत्व 2025: Chhath Puja Ka Mahatva 2025
➤ छठ पर्व का जिक्र महाभारत देखा जा सकता हैं महाभारत की कथा के अनुसार जब पांडव कौरव से जुए में अपना सारा राज-पाट हार गए थे तब पांडव के लिए द्रौपदी ने छठ का व्रत किया था इस व्रत के बाद दौपद्री की सभी मनोकामनाएं पूरी हुई थी तब से ही छठ पूजा करने की प्रथा चली आ रही है छठ पर्व को चार दिन तक मानते है।
👉 छठ एक ऐसा पर्व जिसमे स्त्री और पुरुष दोनों एक साथ व्रत रख सकते है छठ का व्रत रखना बहुत कठिन होता है इसमें चार दिन तक अन्न और जल ग्रहण नही करना होता है छठ एक पवित्र पर्व है छठ पूजा की परंपरा और उसके महत्व का प्रतिपादन करने वाली पौराणिक और लोककथाओं के अनुसार यह पर्व सर्वाधिक शुद्धता और पवित्रता का पर्व है।
➤ छठ पर्व के बारे में रामायण के अनुसार जब भगवान श्री राम जी लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद अपने रामराज्य की स्थापना के दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी यानी छठ के दिन भगवान राम और माता सीता ने व्रत किया था और सूर्यदेव को प्रसन्न किया था इसके बाद सप्तमी के दिन सूर्योदय के समय फिर से अनुष्ठान कर भगवान सूर्यदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया था।
छठ पूजा के फायदे | The Scientific Significance of Chhath Puja: Health Benefits of Sun Worship
👉 पौराणिक कथाओं के अनुसार यह भी माना जाता है कि यह भारत के सूर्यवंशी राजाओं के मुख्य पर्वों से एक था कहा जाता है कि एक समय मगध सम्राट जरासंध के एक पूर्वज का कुष्ठ रोग हो गया था इस रोग से निजात पाने हेतु राज्य के शाकलद्वीपीय मग ब्राह्मणों ने सूर्य देव की उपासना की थी फलस्वरूप राजा के पूर्वज को कुष्ठ रोग से छुटकारा मिला और तभी से छठ पर सूर्योपासना की प्रातः आरंभ हुई है।
➤ छठ पर्व को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो षष्ठी तिथि (छठ) को एक विशेष खगोलीय परिवर्तन होता है, इस समय सूर्य की पराबैगनी किरणें (Ultra Violet Rays) पृथ्वी की सतह पर सामान्य से अधिक मात्रा में एकत्र हो जाती हैं इस कारण इसके सम्भावित कुप्रभावों से मानव की यथासम्भव रक्षा करने का सामर्थ्य प्राप्त होता है पर्व पालन से सूर्य (तारा) प्रकाश (पराबैगनी किरण) के हानिकारक प्रभाव से जीवों की रक्षा सम्भव है सूर्य का प्रकाश जब पृथ्वी पर पहुँचता है, तो पहले वायुमंडल मिलता है वायुमंडल में प्रवेश करने पर उसे आयन मंडल मिलता है पराबैगनी किरणों का उपयोग कर वायुमंडल अपने ऑक्सीजन तत्त्व को संश्लेषित कर उसे उसके एलोट्रोप ओजोन में बदल देता है।
👉 इस क्रिया द्वारा सूर्य की पराबैगनी किरणों का अधिकांश भाग पृथ्वी के वायुमंडल में ही अवशोषित हो जाता है पृथ्वी की सतह पर केवल उसका नगण्य भाग ही पहुँच पाता है सामान्य अवस्था में पृथ्वी की सतह पर पहुँचने वाली पराबैगनी किरण की मात्रा मनुष्यों या जीवों के सहन करने की सीमा में होती है अत: सामान्य अवस्था में मनुष्यों पर उसका कोई विशेष हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि उस धूप द्वारा हानिकारक कीटाणु मर जाते हैं, जिससे मनुष्य या जीवन को लाभ होता है।
➤ छठ जैसी खगोलीय स्थिति (चंद्रमा और पृथ्वी के भ्रमण तलों की सम रेखा के दोनों छोरों पर) सूर्य की पराबैगनी किरणें कुछ चंद्र सतह से परावर्तित तथा कुछ गोलीय अपवर्तित होती हुई, पृथ्वी पर पुन: सामान्य से अधिक मात्रा में पहुँच जाती हैं वायुमंडल के स्तरों से आवर्तित होती हुई, सूर्यास्त तथा सूर्योदय को यह और भी सघन हो जाती है ज्योतिषीय गणना के अनुसार यह घटना कार्तिक तथा चैत्र मास की अमावस्या के छ: दिन उपरान्त आती है ज्योतिषीय गणना पर आधारित होने के कारण इसका नाम और कुछ नहीं, बल्कि छठ पर्व ही रखा गया है।
छठ पूजा क्यों मनाई जाती हैं? 2025 | Why is Chhath Puja celebrated 2025
👉 छठ व्रत पूर्ण नियम तथा निष्ठा से किया जाता है श्रद्धा भाव से किए गए इस व्रत से नि:संतान संपति को संतान सुख की प्राप्ति होती हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है उपासक का जीवन सुख-समृद्धि से परिपूर्ण रहता है पारिवारिक सुख-समृद्धी तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए यह पर्व मनाया जाता है स्त्री और पुरुष समान रूप से इस पर्व को मनाते हैं छठ व्रत के सम्बन्ध में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं जिसके बारे में हम पहले ही ऊपर बता चुकें हैं।

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
