दधि वामन स्तोत्र | Dadhi Vamana Stotram: A Powerful Prayer for Childless Couples (Santan Prapti) भगवत पुराण के अष्टम स्कंध में बताया गया है। इसके अनुसार हिंदू धर्म का ग्रंथ श्री भगवत महापुराण के अष्टम् स्कंध के 17 वें अध्याय में वामन अवतार का वर्णन किया गया हैं। श्री दधि वामन स्तोत्रम् भगवान श्री विष्णु जी को समर्पित हैं। श्री दधि वामन स्तोत्रम् भगवान श्री विष्णु जी के वामन अवतार का स्तोत्र हैं। Sri Dadhi Vamana Stotram के बारे में बताने जा रहे हैं।
यह स्तोत्र सूनी गोद भर देगा: पढ़ें श्री दधि वामन स्तोत्र | The Divine Stotra for Children’s Welfare & Santan Prapti: Dadhi Vamana Stotram Full Lyrics in Sanskrit
हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।
हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)
हेमाद्रिशिखराकारं शुद्धस्फटिकसन्निभम् ।
पूर्णचन्द्रनिभं देवं द्विभुजं वामनं स्मरेत् ॥१॥
पद्मासनस्थं देवेशं चन्द्रमण्डलमध्यगम्।
ज्वलत्कालानलप्रख्यं तडित्कॊटिसमप्रभम् ॥२॥
सुर्यकॊटिप्रतीकाशं चन्द्रकोटिसुशीतलम्।
चन्द्रमण्डलमध्यस्थं विष्णुमव्ययमच्युतम् ॥३॥
श्रीवत्सकौस्तुभोरस्कं दिव्यरत्नविभूषितम्।
पीतांबरमुदाराङ्गं वनमालाविभूषितम् ॥४॥
सुन्दरं पुण्डरीकाक्षं किरीटेन विराजितम्।
षोडशस्त्रीयुतं संयगप्सरोगणसेवितम्॥५॥
ऋग्यजुस्सामाथर्वाद्यैः गीयमानं जनार्दनम्।
चतुर्मुखाद्यैः देवेशैः स्तोत्राराधनतत्परैः ॥६॥
सनकाद्यैः मुनिगणैः स्तूयमानमहर्निशम्।
त्रियंबको महादेवो नृत्यते यस्य सन्निधौ॥७॥
दधिमिश्रान्नकवलं रुक्मपात्रं च दक्षिणे।
करे तु चिन्तयेद्वामे पीयूषममलं सुधीः ॥८॥
साधकानाम् प्रयच्छन्तं अन्नपानमनुत्तमम्।
ब्राह्मे मुहूर्तेचोत्थाय ध्यायेद्देवमधोक्षजम् ॥९॥
अतिसुविमलगात्रं रुक्मपात्रस्थमन्नम् सुललितदधिभाण्डं पाणिना दक्षिणेन ।
कलशममृतपूर्णं वामहस्ते दधानं तरति सकलदुःखान् वामनं भावयेद्यः ॥१०॥
क्षीरमन्नमन्नदाता लभेदन्नाद एव च।
पुरस्तादन्नमाप्नोति पुनरावर्तिवर्जितम् ॥११॥
आयुरारोग्यमैश्वर्यं लभते चान्नसंपदः।
इदं स्तोत्रं पठेद्यस्तु प्रातःकाले द्विजोत्तमः ॥१२॥
अक्लेशादन्नसिध्यर्थं ज्ञानसिध्यर्थमेव च।
अभ्रश्यामः शुद्धयज्ञोपवीती सत्कौपीनः पीतकृष्णाजिनश्रीः
छ्त्री दण्डी पुण्डरीकायताक्षः पायाद्देवो वामनो ब्रह्मचारी ॥१३॥
अजिनदण्डकमण्डलुमेखलारुचिरपावनवामनमूर्तये।
मितजगत्त्रितयाय जितारये निगमवाक्पटवे वटवे नमः॥१४॥
श्रीभूमिसहितं दिव्यं मुक्तामणिविभूषितम्।
नमामि वामनं विष्णुं भुक्तिमुक्तिफलप्रदम् ॥१५॥
वामनो बुद्धिदाता च द्रव्यस्थो वामनः स्मृतः।
वामनस्तारकोभाभ्यां वामनाय नमो नमः ॥१६॥
👉 श्री वामन स्तुति (PDF) | Vaman Stuti Lyrics, Meaning & Powerful Benefits
👉 श्री वामन स्तुति (PDF) | Vamana Stuti Lyrics, Meaning & Powerful Benefits
👉 श्री वामन के 108 दिव्य नाम (अष्टोत्तरशत नामावली) | Vamana Ashtottara Shatanamavali Lyrics & PDF
वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े