दीपावली 2025: लक्ष्मी पूजन की संपूर्ण विधि, मुहूर्त और सामग्री लिस्ट Diwali Lakshmi Puja Vidhi 2025: A Step-by-Step Guide with Samagri & Muhurat पूजा में सबसे महत्वपूर्ण है श्रद्धा व आस्था होनी चाहिए। श्रद्धा व आस्था के साथ अगर आप कोई भी कैसी भी आराधना करते हैं तो विधि-विधान से की जाने वाली पूजा जैसी ही फल प्राप्ति हो सकती है। हम यंहा आपको Diwali Lakshmi Puja Vidhi के बारे में बताने जा रहे हैं। यह दिवाली की छोटी व आसन विधि हैं।
श्री लक्ष्मी पूजन की सुगम विधि यहां विद्वान पंडित जी द्वारा दी गयी है श्री विष्णु प्रिया लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी मानी जाती है। जो भी श्रद्धा के साथ उनकी आराधना करता है उसे वे समृद्धि और वैभव प्रदान करती हैं। वे सफलता की भी देवी हैं। उनकी कृपा भक्तों पर सदैव बनी रहती है। Free Upay.in द्वारा बताये जा रहे दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि (Diwali Lakshmi Puja Vidhi) को पढ़कर आप भी आप भी लक्ष्मी पूजन विधि को शुभ व उत्तम बनाइयें।
घर में सुख-समृद्धि लाने के लिए दिवाली पर ऐसे करें लक्ष्मी पूजन (सही विधि) | Diwali Puja Vidhi 2025: Lakshmi, Ganesh, Kuber & Saraswati Pujan
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दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि: चरण, मुहूर्त व मंत्र 2025 | Sampurna Diwali Lakshmi Puja Vidhi 2025 (Step-by-Step): Muhurat, Samagri List, Mantra & Aarti
दीपावली 2025 संपूर्ण पूजन: लक्ष्मी, गणेश, कुबेर, सरस्वती पूजा विधि | Diwali Puja Vidhi 2025: Lakshmi, Ganesh, Kuber & Saraswati Pujan
दिवाली पूजा 2025 कब की है? | Diwali Date 2025
➤ इस साल 2025 में दिवाली लक्ष्मी पूजा अक्टूबर की 20 तारीख, वार सोमवार को मनाई जायेगी।
दिवाली लक्ष्मी पूजा सामग्री लिस्ट 2025 | Diwali Puja Samagri List in Hindi
👉 महालक्ष्मी पूजा या दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान- सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी व गणेश जी की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दिए आदि वस्तुएं Diwali Lakshmi Puja के लिए एकत्र कर लेना चाहिए।
घर पर कैसे करें दिवाली की पूजा? (2025) | How to Do Diwali Lakshmi Puja at Home (Step-by-Step Guide 2025)
➤ घर में शाम के समय पूजा घर में लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियों को एक चौकी पर स्वस्तिक बनाकर तथा चावल रखकर स्थापित करना चाहिए। मूर्तियों के सामने एक जल से भरा हुआ कलश रखना चाहिए। इसके बाद मूर्तियों के सामने बैठकर हाथ में जल लेकर शुद्धि मंत्र का उच्चारण करते हुए उसे मूर्ति पर, परिवार के सदस्यों पर और घर में छिड़कना चाहिए। गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्रियों का प्रयोग करते हुए पूरे विधान से लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इनके साथ- साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, काली मां और कुबेर देव की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
👉 किसी भी पूजा में सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा की जाती है। इसलिए हाथ में पुष्प लेकर गणपति का ध्यान करें।
गजाननम्भूतगणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्।
➤ आवाहन: ॐ गं गणपतये इहागच्छ इह तिष्ठ कहकर पात्र में अक्षत छोड़ें ।
👉 पूजा भगवती लक्ष्मी की साधना के साथ शुरू करना चाहिए. ध्यान आप के सामने पहले से ही स्थापित श्री लक्ष्मी प्रतिमा के सामने किया जाना चाहिए। भगवती श्री लक्ष्मी का मनन करते हुए निम्न Diwali Lakshmi Puja Mantra का जाप किया जाना चाहिए।
ॐ या सा पद्मासनस्था, विपुल-कटि-तटी, पद्म-दलायताक्षी।
गम्भीरावर्त-नाभिः, स्तन-भर-नमिता, शुभ्र-वस्त्रोत्तरीया।।
लक्ष्मी दिव्यैर्गजेन्द्रैः। मणि-गज-खचितैः, स्नापिता हेम-कुम्भैः।
नित्यं सा पद्म-हस्ता, मम वसतु गृहे, सर्व-मांगल्य-युक्ता।।
लक्ष्मी देवी की अंग पूजा:
➤ बायें हाथ में अक्षत लेकर दायें हाथ से थोड़ा-थोड़ा छोड़ते जायें — ॐ चपलायै नम: पादौ पूजयामि ॐ चंचलायै नम: जानूं पूजयामि, ॐ कमलायै नम: कटि पूजयामि, ॐ कात्यायिन्यै नम: नाभि पूजयामि, ॐ जगन्मातरे नम: जठरं पूजयामि, ॐ विश्ववल्लभायै नम: वक्षस्थल पूजयामि, ॐ कमलवासिन्यै नम: भुजौ पूजयामि, ॐ कमल पत्राक्ष्य नम: नेत्रत्रयं पूजयामि, ॐ श्रियै नम: शिरं: पूजयामि।
अष्टसिद्धि पूजा:
👉 अंग पूजन की भांति हाथ में अक्षत लेकर मंत्रोच्चारण करें. ॐ अणिम्ने नम:, ॐ महिम्ने नम:, ॐ गरिम्णे नम:, ॐ लघिम्ने नम:, ॐ प्राप्त्यै नम: ॐ प्राकाम्यै नम:, ॐ ईशितायै नम:, ॐ वशितायै नम:।
अष्टलक्ष्मी पूजन:
➤ अंग पूजन एवं अष्टसिद्धि पूजा की भांति हाथ में अक्षत लेकर मंत्रोच्चारण करें. ॐ आद्ये लक्ष्म्यै नम:, ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम:, ॐ सौभाग्य लक्ष्म्यै नम:, ॐ अमृत लक्ष्म्यै नम:, ॐ लक्ष्म्यै नम:, ॐ सत्य लक्ष्म्यै नम:, ॐ भोगलक्ष्म्यै नम:, ॐ योग लक्ष्म्यै नम:।
👉 अब श्री लक्ष्मी को धूप की पेशकश अब श्री लक्ष्मी को दीप की पेशकश अब श्री लक्ष्मी को नैवैद्य अर्पणदेवी को “इदं नानाविधि नैवेद्यानि ऊं महालक्ष्मियै समर्पयामि” मंत्र से नैवैद्य अर्पित करें लक्ष्मी आरती करें।
➤ Diwali Lakshmi Puja करते समय 11 छोटे दीप तथा एक बड़ा दीप जलाना चाहिए। सभी छोटे दीप को घर के चौखट, खिड़कियों व छतों पर जलाकर रखना चाहिए तथा बड़े दीपक को रात पर जलता हुआ घर के पूजा स्थान पर रख देना चाहिए।

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