श्री गणेश कवचम | Ganesh Kavacham Lyrics, PDF & Meaning in Hindi श्री गणेश कवचम् भगवान श्री गणेश जी को समर्पित हैं। Shri Ganesh Kavacham का नियमित रूप से पाठ करने से जातक को धन धान्य और समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। Shri Ganesh Kavacham का दस लाख बार जाप करने से सिद्ध हो जाता हैं। सिद्ध करने से बाद श्री गणेश कवचम् का पाठ करने से जातक के ऊपर मारण, उच्चाटन, भूत-प्रेत, पिशाच, कूष्माण्ड, ब्रह्मराक्षस, डाकिनी, योगिनी, वेताल और मोहन आदि प्रभाव नही होता हैं।
हर संकट और बुरी नजर से बचाने वाला गणेश कवचम | Ganesha Kavacham (The Divine Armor of Ganesha) | Full Lyrics & Benefits
हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।
हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)
ध्यायेत् सिंहगतं विनायकममुं दिग्बाहुमाद्ये युगे,
त्रेतायां तु मयूरवाहनममुं षड्बाहुकं सिद्धिदम्।
द्वापरे तु गजाननं युगभुजं रक्ताङ्गरागं विभुं,
तुर्ये तु द्विभुजं सितांगरुचिरं सर्वार्थदं सर्वदा ॥१॥
विनायकः शिखां पातु परमात्मा परात्परः।
अतिसुन्दरकायस्तु मस्तकं महोत्कटः॥२॥
ललाटं कश्यपः पातु भ्रूयुगं तु महोदरः।
नयने फालचन्द्रस्तु गजास्यस्त्वोष्ठपल्लवौ॥३॥
जिह्वां पातु गणक्रीडश्चिबुकं गिरिजासुतः।
वाचं विनायकः पातु दन्तान् रक्षतु दुर्मुखः ॥४॥
श्रवणौ पाशपाणिस्तु नासिकां चिन्तितार्थदः।
गणेशस्तु मुखं कण्ठं पातु देवो गणञ्जयः॥५॥
स्कन्धौ पातु गजस्कन्धः स्तनौ विघ्नविनाशनः।
हृदयं गणनाथस्तु हेरंबो जठरं महान् ॥६॥
धराधरः पातु पार्श्वौ पृष्ठं विघ्नहरः शुभः।
लिंगं गुह्यं सदा पातु वक्रतुण्डो महाबलः ॥७॥
गणक्रीडो जानुजंघे ऊरू मङ्गलमूर्तिमान्।
एकदन्तो महाबुद्धिः पादौ गुल्फौ सदाऽवतु॥८॥
क्षिप्रप्रसादनो बाहू पाणी आशाप्रपूरकः।
अंगुलींश्च नखान् पातु पद्महस्तोऽरिनाशनः॥९॥
सर्वांगानि मयूरेशो विश्वव्यापी सदाऽवतु।
अनुक्तमपि यत्स्थानं धूम्रकेतुः सदाऽवतु॥१०॥
आमोदस्त्वग्रतः पातु प्रमोदः पृष्ठतोऽवतु।
प्राच्यां रक्षतु बुद्धीशः आग्नेयां सिद्धिदायकः॥११॥
दक्षिणस्यामुमापुत्रो नैरृत्यां तु गणेश्वरः ।
प्रतीच्यां विघ्नहर्ताव्याद्वायव्यां गजकर्णकः॥१२॥
कौबेर्यां निधिपः पायादीशान्यामीशनन्दनः ।
दिवाऽव्यादेकदन्तस्तु रात्रौ सन्ध्यासु विघ्नहृत्॥१३॥
राक्षसासुरवेतालग्रहभूतपिशाचतः ।
पाशाङ्कुशधरः पातु रजस्सत्वतमःस्मृतिम् ॥१४॥
ज्ञानं धर्मं च लक्ष्मीं च लज्जां कीर्तिं तथा कुलम्।
वपुर्धनं च धान्यं च गृहदारान् सुतान् सखीन् ॥१५॥
सर्वायुधधरः पौत्रान् मयूरेशोऽवतात्सदा ।
कपिलोऽजाविकं पातु गजाश्वान् विकटोऽवतु॥१६॥
भूर्जपत्रे लिखित्वेदं यः कण्ठे धारयेत् सुधीः।
न भयं जायते तस्य यक्षरक्षपिशाचतः ॥१७॥
त्रिसन्ध्यं जपते यस्तु वज्रसारतनुर्भवेत्।
यात्राकाले पठेद्यस्तु निर्विघ्नेन फलं लभेत् ॥१८॥
युद्धकाले पठेद्यस्तु विजयं चाप्नुयाद्द्रुतम् ।
मारणोच्चाटनाकर्षस्तंभमोहनकर्मणि ॥१९॥
सप्तवारं जपेदेतद्दिनानामेकविंशतिम्।
तत्तत्फलमवाप्नोति साध्यको नात्रसंशयः ॥२०॥
एकविंशतिवारं च पठेत्तावद्दिनानि यः ।
कारागृहगतं सद्यो राज्ञावध्यश्च मोचयेत् ॥२१॥
राजदर्शनवेलायां पठेदेतत् त्रिवारतः।
स राजानं वशं नीत्वा प्रकृतीश्च सभां जयेत् ॥२२॥
श्री गणेश जी की आरती (Aarti) | Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics, PDF in Hindi
श्री गणेश मंत्र स्तोत्र | Ganesh Mantra Stotram Lyrics, Meaning & PDF
गणेश प्रातः स्मरण स्तोत्र | Ganesh Pratah Smaran Stotram Lyrics, Meaning & PDF
श्री विनायक स्तोत्रं | Vinayaka Stotram Lyrics, PDF & Meaning in Hindi
हर संकट और विघ्न दूर करने वाला संकटनाशन गणेश स्तोत्र | Sankat Nashan Ganesh Stotram
वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े