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Krishna Mangalam – Auspicious Lyrics & Meaning: श्री कृष्ण मंगलम (नारायणीयम) – मंगल श्लोक, अर्थ व PDF

Krishna Mangalam – Auspicious Lyrics & Meaning: श्री कृष्ण मंगलम (नारायणीयम) – मंगल श्लोक, अर्थ व PDF श्री कृष्ण मङ्गलम् भगवान श्री कृष्ण जी समर्पित हैं। श्री कृष्ण मङ्गलम् का पाठ विशेष रूप से श्री कृष्ण जन्माष्टमी या भगवान श्री कृष्ण जी से संबंधित अन्य कई त्योहारों पर किया जाता हैं। श्री कृष्ण मङ्गलम् का नियमित रूप से पाठ करने से भगवान श्री कृष्ण जी को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता हैं। Shri Krishna Mangalam के बारे में बताने जा रहे हैं।

Shri Krishna Mangalam: Auspicious Prayer with Lyrics & Benefits: श्री कृष्ण मंगलम स्तोत्र – शुभ प्रार्थना (लिरिक्स और लाभ)

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Krishna Mangalam
Krishna Mangalam

मङ्गलं यादवेन्द्राय महनीयगुणात्मने

वसुदेवतनूजाय वासुदेवाय मङ्गलम्॥१॥

किरीटकुण्डलभ्राजदलकैर्यन्मुखश्रिये

श्रीवत्सकौस्तुभोद्भासिवक्षसे चास्तु मङ्गलम् ॥२॥

नीलांबुदनिकाशाय विद्युत्सदृशवाससे।

देवकीवसुदेवाभ्यां संस्तुतायास्तु मङ्गलम्॥३॥

ताभ्यां संप्रार्थितायाथ प्राकृतार्भकरूपिणे।

यशोदाया गृहं पित्रा प्रापितायास्तु मङ्गलम्॥४॥

पूतनाऽसुपयःपानपेशलायासुरारये।

शकटासुरविध्वंसिपादपद्माय मङ्गलम् ॥५॥

यशोदाऽऽलोकिते स्वास्ये विश्वरूपप्रदर्शिने।

मायामानुषरूपाय माधवायास्तु मङ्गलम्॥६॥

तृणावर्तदनूजासुहारिणे शुभकारिणे।

वत्सासुरप्रभेत्रे च वत्सपालाय मङ्गलम्॥७॥

दामोदराय वीराय यमलार्जुनपातिने ।

धात्रा हृतानां वत्सानां रूपधर्त्रेऽस्तु मङ्गलम्॥८॥

ब्रह्मस्तुताय कृष्णाय कालीयफणनृत्यते।

दावाग्निरक्षिताशेषगोगोपालाय मङ्गलम्॥९॥

गोवर्धनाचलोद्धर्त्रे गोपीक्रीडाभिलाषिणॆ।

अञ्जल्याहृतवस्त्राणां सुप्रीतायास्तु मङ्गलम्॥१०॥

कंसहन्त्रे जरासन्धबलमर्दनकारिणे।

मथुरापुरवासाय महाधीराय मङ्गलम्॥११॥

मुचुकुन्दमहानन्ददायिने परमात्मने।

रुक्मिणी परिणेत्रे च सबलायास्तु मङ्गलम्॥१२॥

द्वारकापुरवासाय हारनूपुरधारिणे।

सत्यभामासमेताय नरकघ्नाय मङ्गलम्॥१३॥

बाणासुरकरच्छेत्रे भूतनाथस्तुताय च ।

धर्माहूताय यागार्थं शर्मदायास्तु मङ्गलम्॥१४॥

कारयित्रे जरासन्धवधं  भीमेन राजभिः।

मुक्तैः स्तुताय तत्पुत्रराज्यदायास्तु मङ्गलम्॥१५॥

चैद्यतेजोऽपहर्त्रे च पाण्डवप्रियकारिणे।

कुचेलायमहाभाग्यदायिने तेऽस्तु मङ्गलम्॥१६॥

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