Maa Mahagauri Vrat Katha 2025 : नवरात्रि में आठवें दिन की जाती है माँ महागौरी व्रत कथा पूजा में, पढ़ें पावन ये कथा माँ महागौरी जी के बारे में बताने जा रहे हैं, यहां हम आपको माता महागौरी देवी का स्वरूप और मां महागौरी कथा की विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

माता महागौरी देवी का स्वरूप
माँ महागौरी की आयु आठ वर्ष मानी गई है देवी महागौरा के शरीर बहुत गोरा है महागौरा के वस्त्र और अभुषण श्वेत होने के कारण उन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहा गया है इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें एक हाथ में त्रिशूल है, दूसरे हाथ से अभय मुद्रा में हैं, तीसरे हाथ में डमरू सुशोभित है और चौथा हाथ वर मुद्रा में है | इनका वाहन गाय है।
माँ महागौरी कथा
मान्यतानुसार कथानुसार माँ महागौरी ने अपने पूर्व जन्म में भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके कारण इनके शरीर का रंग एकदम काला पड़ गया था तब मां की भक्ति से प्रसन्न होकर स्वयं शिवजी ने इनके शरीर को गंगाजी के पवित्र जल से धोया, जिससे इनका वर्ण विद्युत-प्रभा की तरह कान्तिमान और गौर वर्ण का हो गया और उसी कारणवश माता का नाम महागौरी पड़ा।
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