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Narak Chaturdashi Ke Upay 2025: अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाएंगे नरक चतुर्दशी के ये उपाय

अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाएंगे नरक चतुर्दशी के ये उपाय Narak Chaturdashi Ke Upay 2025 हम आपको Narak Chaturdashi Ke Upay बताने जा रहे हैं। जिन्हें आप नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली के दिन और नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली की रात में कर सकते हैं। नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली के दिन व् रात में किये गये उपाय व टोटके और सामान्य दिनों की तुलना में बहुत जल्द प्रभाव देते है।

जिनका असर आपको अपने जीवन में देखने को बहुत जल्दी मिल जाता हैं। और आप नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली के दिन बताये गुए उपाय को करके अपने जीवन से जुडी कुछ परेशानी को आसानी से दूर कर सकते हैं। Free Upay.in द्वारा बताये जा रहे नरक चतुर्दशी के उपाय (Narak Chaturdashi Ke Upay) को करके आप भी अपने जीवन में फायदा व लाभ उठा सकते है।

Narak Chaturdashi ke Totke: For Wealth, Health, and Protection from Evil Eye | नरक चतुर्दशी की रात करें यह एक उपाय, घर में कभी नहीं आएगी गरीबी

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Narak Chaturdashi Ke Upay 2025
Narak Chaturdashi Ke Upay 2025

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➤ नरक चतुर्दशी का पर्व धनतेरस के अगले दिन आता है इस दिन सूर्य उदय से पूर्व उठकर तेल लगाकर और पानी में चिरचिरी के पत्ते डालकर उससे स्नान करने श्री विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर में भगवान का दर्शन करना चाहिए। Narak Chaturdashi Ke Upay के अनुसार ऐसा करने से पाप कटता है और रूप सौन्दर्य की प्राप्ति होती है।

इस दिन कई जगह पर रात के समय घर का सबसे बड़ा बुजुर्ग सदस्य एक दीया जला कर पूरे घर में घुमाता है और फिर उसे घर से बाहर ले जाकर कहीं दूर रख कर आता है। घर के अन्य सदस्य अंदर रहते हैं और इस दीये को नहीं देखते। यह दीया यम का दीया कहलाता है। माना जाता है कि पूरे घर में इसे घुमा कर बाहर ले जाने से सभी बुराइयां और कथित बुरी शक्तियां घर में जो विधमान रहती है वह इस दिये से बाहर चली जाती हैं। अत: नरक चतुर्दशी के दिन यह Narak Chaturdashi Ke Upay अवश्य किया जाना चाहिए। 

➤ Narak Chaturdashi Ke Upay के अनुसार इस दिन दोपहर के समय श्री हनुमान जी के मंदिर जाकर दर्शन करें और उन्हें प्रसाद के रूप में गुड और चने का भोग लगाये। साथ ही दीपक जलाकर प्रार्थना करें।

🪔 नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठ जाना चाहिए फिर नित्य कामों से निवृत्त होकर तिल के तेल से शरीर का मालिश करें। इसके बाद स्नान करें। स्नान करने के बाद श्री कृष्ण, धनवंतरी और यम देवता के सामने दीपक जलाकर अपनी सेहत और लंबी आयु के लिए प्रार्थना करें।

➤ नरक चतुर्दशी के दिन व शाम के समय अपने पूरे घर में दीपक जलाएं। और माता लक्ष्मी और कुबेर के मंत्रों के साथ जाप करें। साथ ही आर्थिक समृद्धि का कामना करें।

🪔 अगर घर में धन नहीं रूकता तो नरक चतुर्दशी के दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ लाल चंदन, गुलाब के फूल व रोली लाल कपड़े में बांधकर पूजें और फिर उसे अपनी तिजोरी में रखें, Narak Chaturdashi Ke Upay के अनुसार ऐसा करने से धन घर में रूकेगा और बरकत होगी।

➤ नरक चतुर्दशी की शाम को अपने पूरे घर में दीपक जलाएं । और माता श्री लक्ष्मी जी और कुबेर के मंत्रों के साथ जाप करना चाहिए। Narak Chaturdashi Ke Upay के अनुसार ऐसा करने से आर्थिक समृद्धि बनी रहती हैं।

🪔 Narak Chaturdashi Ke Upay के अनुसार यानि की छोटी दिवाली को प्रातःकाल हाथी को गन्ना या मीठा खिलाने से जातकों को तकलीफों से मुक्ति मिलती है।

Narak Chaturdashi 2025 Ke Upay | नरक चतुर्दशी के उपाय 2025 और टोटके

नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी एवं छोटी दीपावली के नाम से भी मनाया जाता है। इस दिन श्री कृष्ण ने नरकासुर दैत्य का वध करके लोगों को अत्याचार से मुक्ति दिलाई थी। साथ ही यह भी मान्यता है कि इस दिन घरों में पितृश्वरों का आगमन होता है, अत: उनकी आत्मा की शांति के लिए यमराज के निमिश्र घर के बाहर तेल का चौमुख दीपक जलाया जाता है। यह पूजन करने की विधि निम्न प्रकार से है। तद्पश्चात एक थाली में एक चौमुखी दीपक और सोलह छोटे दीपक लेकर तेल बाती डालकर जलाना चाहिए। इसी दिन देवाधीदेव महादेव के एकादश अवतार बजरंग बली भगवान हुनमान जी की जयंती भी मनाई जाती है।

फिर रोली, धूप, अबीर, गुलाल, गुड, फूल आदि से पंचोपचार पूजन करें। यह पूजन स्त्रियों को घर के परूषों के बाद करना चाहिए। पूजा के बाद चौमुखी दीपक को घर के मुख्य द्वार पर रख दें और बाकी दीपक घर के अलग अलग स्थानों पर रख दें। माँ लक्ष्मी की पूजा आज भी की जाती है। नरक चतुर्दशी के दिन अभ्यंगस्नान, यमतर्पण, आरती, ब्राह्मणभोज, वस्त्रदान, यमदीपदान, प्रदोषपूजा, शिवपूजा, दीपप्रज्वलन जैसी धार्मिक विधियां करने से कोई भी मनुष्य अपने सभी पाप बंधन से मुक्त हो कर हरीपद को प्राप्त कर्ता है।

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नरक चतुर्दशी यानि की छोटी दिवाली के दिन अपने पितृ की आत्मा की शांति के लिए एक थाल को सजाकर उसमें एक चौमुख दीया तथा सोलह छोटे दीप तेल के जलाएं। पर उन्हें जलाने से पहले व्यक्ति को अपने ईष्ट देव की पूजा करें। व उसके बाद अपने कार्य स्थान की पूजा करें। उसके बाद चौमुख दीया को अपने घर के दरवाजे पर रखें और बाकी दिए को घर के अलग स्थान पर रख दें। Narak Chaturdashi Ke Upay के अनुसार ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं होगा। इसे यमराज के लिए भी दीपदान करना कहते हैं।

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