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Radha Ashtmi Vrat Katha in Hindi: राधा अष्टमी व्रत कथा 2025: जानें पूरी कहानी और महत्व

Radha Ashtmi Vrat Katha in Hindi: राधा अष्टमी व्रत कथा 2025: जानें पूरी कहानी और महत्व हम यहां आपको राधा अष्टमी कब मनाई जाती हैं, और राधा अष्टमी मनाने के पीछे की व्रत कथा के बारे में यहां बताने जा रहे हैं नीचे बताई जा रही राधा अष्टमी व्रत कथा का पाठ आपको राधा अष्टमी के दिन करना चाहिए इससे राधा रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।

Radha Ashtmi Vrat 2025 Date राधा अष्टमी व्रत कब हैं 2025

इस साल 2025 में राधा अष्टमी अगस्त महीने की 31 तारीख़ वार रविवार के दिन मनाई जायेगी।

राधा अष्टमी की प्रामाणिक व्रत कथा (पढ़ें) | Radha Ashtami Vrat Katha in Hindi

हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।

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Radha Ashtmi Vrat Katha
Radha Ashtmi Vrat Katha

राधा वृषभानु गोप की संतान थी उनकी माता का नाम कीर्ति था। पद्मपुराण में राधाजी को राजा वृषभानु की संतान बताया गया। जब राजा यज्ञ के लिए भूमि की सफाई कर रहे थे तब भूमि से कन्या के रुप में राधा मिली थी। राजा ने इस कन्या को अपनी पुत्री मानकर इसका लालन-पालन किया।

एक अन्य कथा के अनुसार जब भगवान विष्णु कृष्ण अवतार में जन्म लिया था तब उनके अन्य सदस्य भी पृथ्वी पर जन्म लिया था। विष्णु जी की पत्नी लक्ष्मी जी, राधा के रुप में पृथ्वी पर आई थी। ऐसी मान्यता है कि राधाजी अपने जन्म के समय ही वयस्क हो गई थी। राधाजी को श्रीकृष्ण की प्रेमिका माना जाता है। Radha Ashtami Vrat Katha

राधा अष्टमी 2025: पढ़ें पूरी व्रत कथा और महत्व | Radha Ashtami Story & Significance 2025

राधा का पृथ्वी पर आना एक सामान्य घटना नहीं है। गोलोक में रहने वाली राधा को एक शाप के कारण पृथ्वी पर आकर कृष्ण का वियोग सहना पड़ा। इस संदर्भ में ब्रह्मवैवर्त पुराण में एक कथा आई है। एक बार राधा गोलोक से कहीं बाहर गयी थी उस समय श्री कृष्ण अपनी विरजा नाम की सखी के साथ विहार कर रहे थे। संयोगवश राधा वहां आ गई। विरजा के साथ कृष्ण को देखकर राधा क्रोधित हो गईं और कृष्ण एवं विरजा को भला बुरा कहने लगी। लज्जावश विरजा नदी बनकर बहन लगी। Radha Ashtami Vrat Katha

कृष्ण के प्रति राधा के क्रोधपूर्ण शब्दों को सुनकर कृष्ण का मित्र सुदामा आवेश में आ गया। सुदामा कृष्ण का पक्ष लेते हुए राधा से आवेशपूर्ण शब्दों में बात करने लगा। सुदामा के इस व्यवहार को देखकर राधा नाराज हो गई।

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राधा ने सुदामा को दानव रूप में जन्म लेने का शाप दे दिया। क्रोध में भरे हुए सुदामा ने भी हित अहित का विचार किए बिना राधा को मनुष्य योनि में जन्म लेने का शाप दे दिया। राधा के शाप से सुदामा शंखचूर नाम का दानव बना जिसका वध भगवान शिव ने किया। सुदामा के शाप के कारण राधा को मनुष्य रूप में जन्म लेकर धरती पर आना पड़ा। Radha Ashtami Vrat Katha

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