Radha Ashtottara Shatanama Stotram: Full Lyrics & PDF | राधा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् श्री राधा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् श्री राधा जी को समर्पित हैं। श्री राधा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् का शुक्रवार के दिन पाठ करने श्री लक्ष्मी माता की पूर्ण कृपा प्राप्ति के साथ दरिद्रता भी दूर होती हैं। श्री राधा शतनामावली स्तोत्रम के बारे में बताने जा रहे हैं।
श्री राधा के 108 नाम (अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्) | The 108 Divine Names of Radha (Ashtottara Shatanama Stotram) with Benefits
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अथास्याः सम्प्रवक्ष्यामि नाम्नामष्टोत्तरं शतम् ।
यस्य सङ्कीर्तनादेव श्रीकृष्णं वशयेद्ध्रुवम् ॥ १॥
राधिका सुन्दरी गोपी कृष्णसङ्गमकारिणी ।
चञ्चलाक्षी कुरङ्गाक्षी गान्धर्वी वृषभानुजा ॥ २॥
वीणापाणिः स्मितमुखी रक्ताशोकलतालया ।
गोवर्धनचरी गोपी गोपीवेषमनोहरा ॥ ३॥
चन्द्रावली-सपत्नी च दर्पणस्था कलावती ।
कृपावती सुप्रतीका तरुणी हृदयङ्गमा ॥ ४॥
कृष्णप्रिया कृष्णसखी विपरीतरतिप्रिया ।
प्रवीणा सुरतप्रीता चन्द्रास्या चारुविग्रहा ॥ ५॥
केकराक्षा हरेः कान्ता महालक्ष्मी सुकेशिनी ।
सङ्केतवटसंस्थाना कमनीया च कामिनी ॥ ६॥
वृषभानुसुता राधा किशोरी ललिता लता ।
विद्युद्वल्ली काञ्चनाभा कुमारी मुग्धवेशिनी ॥ ७॥
केशिनी केशवसखी नवनीतैकविक्रया ।
षोडशाब्दा कलापूर्णा जारिणी जारसङ्गिनी ॥ ८॥
हर्षिणी वर्षिणी वीरा धीरा धाराधरा धृतिः ।
यौवनस्था वनस्था च मधुरा मधुराकृति ॥ ९॥
वृषभानुपुरावासा मानलीलाविशारदा ।
दानलीला दानदात्री दण्डहस्ता भ्रुवोन्नता ॥ १०॥
सुस्तनी मधुरास्या च बिम्बोष्ठी पञ्चमस्वरा ।
सङ्गीतकुशला सेव्या कृष्णवश्यत्वकारिणी ॥ ११॥
तारिणी हारिणी ह्रीला शीला लीला ललामिका ।
गोपाली दधिविक्रेत्री प्रौढा मुग्धा च मध्यका ॥ १२॥
स्वाधीनपका चोक्ता खण्डिता याऽभिसारिका ।
रसिका रसिनी रस्या रसनास्त्रैकशेवधिः ॥ १३॥
पालिका लालिका लज्जा लालसा ललनामणिः ।
बहुरूपा सुरूपा च सुप्रसन्ना महामतिः ॥ १४॥
मरालगमना मत्ता मन्त्रिणी मन्त्रनायिका ।
मन्त्रराजैकसंसेव्या मन्त्रराजैकसिद्धिदा ॥ १५॥
अष्टादशाक्षरफला अष्टाक्षरनिषेविता ।
इत्येतद्राधिकादेव्या नाम्नामष्टोत्तरशतम् ॥ १६॥
कीर्तयेत्प्रातरुत्थाय कृष्णवश्यत्वसिद्धये ।
एकैकनामोच्चारेण वशी भवति केशवः ॥ १७॥
वदने चैव कण्ठे च बाह्वोरुरसि चोदरे ।
पादयोश्च क्रमेणास्या न्यसेन्मन्त्रान्पृथक्पृथक् ॥ १८॥
॥ इत्यूर्ध्वाम्नाये राधाष्टोत्तरशतनामकथनं नाम प्रथमः पटलः ॥
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