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Shukra Pradosh Vrat Katha in Hindi: शुक्र प्रदोष व्रत कथा 2025: जानें पौराणिक कथा और महत्व

Shukra Pradosh Vrat Katha in Hindi: शुक्र प्रदोष व्रत कथा 2025: जानें पौराणिक कथा और महत्व हमारे हिंदू धर्म के अनुसार शुक्र त्रयोदशी व्रत के दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए शुक्र प्रदोष व्रत किया जाता हैं। शुक्र प्रदोष व्रत कथा करने से साधक को भगवान् शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं और अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करके अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता हैं। इसलिए शुक्र प्रदोष व्रत को बहुत मंगलकारी व लाभकारी बताया गया है। वैसे हर वार में आने वाले प्रदोष व्रत कथा के अलग-अलग ही फायदे और लाभ बताये गये हैं। इसलिए यंहा हम केवल Shukra Pradosh Vrat Katha के बारे में बताने जा रहे हैं।

सुख-समृद्धि और शिव कृपा के लिए शुक्र प्रदोष व्रत: पढ़ें पूरी कथा | Shukra Pradosh Vrat 2025: The Full Story (Katha), Puja Vidhi & Significance

हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।

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Shukra Pradosh Vrat Katha
Shukra Pradosh Vrat Katha

शुक्र प्रदोष व्रत 2025: संपूर्ण व्रत कथा, पूजा विधि और महत्व

शुक्र त्रयोदशी प्रदोष व्रत करने से आरोग्य लाभ होता है। इसके अतिरिक्त वह अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है एवं सम्पूर्ण पापों से मुक्त होकर शिवधाम को पाता है। शिव जी हमारे सारे कष्टों को दूर कर सुख समृद्धि प्रदान करें। सूत जी बोले –

॥ दोहा ॥

“अभीष्ट सिद्धि की कामना, यदि हो ह्रदय विचार। धर्म, अर्थ, कामादि, सुख, मिले पदारथ चार ॥”

शुक्र प्रदोष व्रत कथा 2025: Benefits of Shukra Pradosh Vrat Katha

👉 Shukra Pradosh Vrat Katha करने से साधक की हर इच्छा पूर्ण होती हैं।

👉 इस Shukra Pradosh Vrat Katha को करने से जातक को धर्म, अर्थ, काम आदि का सुख प्राप्त होती हैं।

👉 Shukra Pradosh Vrat Katha करने से जातक के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

शुक्र प्रदोष व्रत 2025: संपूर्ण व्रत कथा, पूजा विधि और महत्व | Shukra Pradosh Vrat for Prosperity & Blessings: Read the Full Story (Katha)

Shukra Pradosh Vrat Katha के अनुसार प्राचीनकाल की बात है, एक नगर में तीन मित्र रहते थे – एक राजकुमार, दूसरा ब्राह्मण कुमार और तीसरा धनिक पुत्र। राजकुमार व ब्राह्मण कुमार का विवाह हो चुका था। धनिक पुत्र का भी विवाह हो गया था, किन्तु गौना शेष था । एक दिन तीनों मित्र स्त्रियों की चर्चा कर रहे थे। ब्राह्मण कुमार ने स्त्रियों की प्रशंसा करते हुए कहा- ‘नारीहीन घर भूतों का डेरा होता है।’ धनिक पुत्र ने यह सुना तो तुरन्त ही अपनी पत्‍नी को लाने का निश्‍चय किया।

माता-पिता ने उसे समझाया कि अभी शुक्र देवता डूबे हुए हैं। ऐसे में बहू-बेटियों को उनके घर से विदा करवा लाना शुभ नहीं होता। किन्तु धनिक पुत्र नहीं माना और ससुराल जा पहुंचा। ससुराल में भी उसे रोकने की बहुत कोशिश की गई, मगर उसने जिद नहीं छोड़ी।

👉 Shukra Pradosh Puja Vidhi 2025: A Step-by-Step Puja Vidhi & Vrat Guide शुक्र प्रदोष व्रत 2025: जानें संपूर्ण पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री लिस्ट

माता-पिता को विवश होकर अपनी कन्या की विदाई करनी पड़ी। ससुराल से विदा हो पति-पत्‍नी नगर से बाहर निकले ही थे कि उनकी बैलगाड़ी का पहिया अलग हो गया और एक बैल की टांग टूट गई। दोनों को काफी चोटें आईं फिर भी वे आगे बढ़ते रहे। कुछ दूर जाने पर उनकी भेंट डाकुओं से हो गई। डाकू धन-धान्य लूट ले गए । दोनों रोते-पीटते घर पहूंचे। वहां धनिक पुत्र को सांप ने डस लिया। उसके पिता ने वैद्य को बुलवाया। वैद्य ने निरीक्षण के बाद घोषणा की कि धनिक पुत्र तीन दिन में मर जाएगा। 

जब ब्राह्मण कुमार को यह समाचार मिला तो वह तुरन्त आया। उसने माता-पिता को शुक्र प्रदोष व्रत करने का परामर्ष दिया और कहा- ‘इसे पत्‍नी सहित वापस ससुराल भेज दें। यह सारी बाधाएं इसलिए आई हैं क्योंकि आपका पुत्र शुक्रास्त में पत्‍नी को विदा करा लाया है। यदि यह वहां पहुंच जाएगा तो बच जाएगा।’ धनिक को ब्राह्मण कुमार की बात ठीक लगी। उसने वैसा ही किया। ससुराल पहुंचते ही धनिक कुमार की हालत ठीक होती चली गई। शुक्र प्रदोष के माहात्म्य से सभी घोर कष्ट टल गए।

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