Somvati Amavasya Puja Vidhi : सोमवती अमावस्या के दिन कैसे करें पूजा, जानें सोमवती अमावस्या की पूजा सामग्री, पूजा विधि एवं मुहूर्त

Somvati Amavasya Puja Vidhi
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Somvati Amavasya Puja Vidhi : सोमवती अमावस्या के दिन कैसे करें पूजा, जानें सोमवती अमावस्या की पूजा सामग्री, पूजा विधि एवं मुहूर्त सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को “सोमवती अमावस्या” के नाम से जाना चाहता है। हम यंहा आपको सोमवती अमावस्या पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। हमारे द्वारा बताये जा रहे सोमवती अमावस्या पूजा विधि को पढ़कर आप भी बहुत आसन तरीक़े से सोमवती अमावस्या की पूजा विधि करने के बारे में जानकारी जान सकते हैं।

सोमवती अमावस्या पूजा का महत्व

सोमवती अमावस्या का और अमावस्या की तुलना में विशेष पर्वो में स्थान प्राप्त माना गया है। सोमवती अमावस्या वाले दिन पूजा पाठ करने से विशेष रूप से फल की प्राप्ति होती है। क्योंकी सोमवार के दिन आने वाली अमावस्या को “सोमवती अमावस्या” से नाम से जानी जाती है। जो की ऐसा संयोग बहुत कम ही कम देखने को मिलता है। जो फल यानि आशीर्वाद आपके देवता व पितरों से आपको मिलता है। हमारे पूजनीय हिन्दू धर्मग्रंथो के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियो व सरोवर में स्नान करके दान पुण्य करना चाहिए।

यदि आप ऐसे स्नान पर स्नान नही कर सकते तो घर पर स्नान के जल में गंगाजल मिलकर स्नान करना चाहिए। कहा जाता है कि महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को सोमवती अमावस्या के दिन का महत्व बताते हुये कहा है की इस दिन जो भी पवित्र नदियो व् सरोवर में स्नान करता है उस मनुष्य का स्वस्थ्य सही रहता है, उसके सारे दुःख समाप्त हो जाते है। व उसके पितरों की आत्मा को शांति भी मिलती है।

सोमवती अमावस्या वाले दिन जो भी व्यक्ति मौन व्रत (बिना बोले उपवास) रखता है उस व्यक्ति को सहस्त्र गोदान के बराबर का फल मिलता है। शास्त्रों में सोमवती अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष की पूजन की भी संज्ञा दी है। सोमवती अमावस्या के दिन विवाहित स्त्रियों उपवास करती है इस दिन उनके द्वारा पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन आदि से पूजन विधि की जाती है। उसके बाद पीपल वृक्ष की चारों ओर 108 बार धागा लपेटकर परिक्रमा करने का भी विधान होता है। साथ ही इसी दिन धान, पान और खड़ी हल्दी को मिला कर उसे विधानपूर्वक तुलसी को भी चढ़ाया जाता है।

सोमवती अमावस्या पूजा विधि Somvati Amavasya Puja Vidhi

  • इस दिन पवित्र नदियो व सरोवर में स्नान करके या घर में स्नान के जल में गंगाजल डालकर स्नान करके उगते हुए सूर्य को गायत्री मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से गरीबी और दरिद्रता का नाश होता है।
  • सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करनी चाहिए।
  • उसके बाद अपने पास वाले पीपल वृक्ष के पास जाकर अपने पितरों के नाम बोलकर कच्चा दूध मिश्रित जल चढ़ाये उसके बाद काले तिल अर्पित करें, और मिठाई व् लौंग अर्पित करनी चाहिए। यदि आप पिंडदान करवाना चाहते है तो किसी तीर्थ स्थान पर करवाना चाहिए। 
  • सोमवती अमावस्या पूजा करने के बाद पीपल की पूजा करके उसकी 7, 11, 21 या 108 परिक्रमा लगानी चाहिए।
  • यदि संभव हो सके तो इस दिन दान देना चाहिए या गरीबों को खाना खिलाना चाहिए।
  • घर आकर नीचे दिए गये मंत्र की आज के दिन जितना भी जाप हो सके करना चाहिए। सोमवती अमावस्या पूजा मंत्र : अयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांचीअवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेया: सप्तैता मोक्ष दायिका।। गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा सिंधु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू।।

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