Surya Grahan Ke Upay 2025: सूर्य ग्रहण पर करें ये उपाय, करीब नहीं आएगा आपके कोई संकट आज हम आपको सूर्य ग्रहण के समय करने वाले उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं सूर्य ग्रहण के उपाय को आप केवल सूर्य ग्रहण के दिन ही करना है सूर्य ग्रहण के समय की जाने वाली पूजा, या मंत्र सिद्धि और समय की तुलना में बहुत जल्दी सिद्ध होती हैं।
Surya Grahan Ke Upay 2025: सूर्य ग्रहण पर करें ये उपाय, करीब नहीं आएगा आपके कोई संकट आप सूर्य ग्रहण के समय अपने इष्ट देव के मंत्र का ज्यादा से ज्यादा जाप करके अपने इष्ट देव के मन्त्र को सिद्ध भी कर सकते हैं हमारे द्वारा बताये जा रहे सूर्य ग्रहण के उपाय को पढ़कर आप भी सूर्य ग्रहण का लाभ उठा सकते हैं।
सूर्य ग्रहण के उपाय
- सूर्य ग्रहण के समय के दौरान मंत्र जाप, ध्यान लगाना, प्रार्थना करना और हवन अच्छे फल देते हैं हालांकि इस दौरान मूर्ति पूजा नहीं करनी चाहिए सूतक काल (ग्रहण काल) के खत्म होने के बाद स्नान कर नए वस्त्र धारण करने चाहिए और देवताओं की मूर्तियों को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण काल के दौरान तुलसी के पौधे को छूना नही चाहिए और ग्रहण खत्म होते ही पौधे को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर देना चाहिए।
- हमारे सूर्य ग्रहण के उपाय अनुसार सूर्य ग्रहण काल में दीपक जलाकर गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र या गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण काल के समय भोजन करना, खाना पकाना, नहाना, शौच क लिए जाना और सोना आदि काम नही करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद पानी में गंगा जल डालकर स्नान करना चाहिए व नए वस्त्र धारण करने चाहिए यदि आपके आस पास कोई धार्मिक स्थल है तो वंहा जाकर स्नान करना और अच्छा रहता है वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए व स्त्रियाँ सिर धोये बिना भी स्नान कर सकती हैं।
- हमारे इस सूर्य ग्रहण के उपाय के अनुसार सूर्य ग्रहण के बाद स्नान में कोई मंत्र नहीं बोलना चाहिए ग्रहण के स्नान में गरम जल की अपेक्षा ठंडा जल से स्नान करना चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के के समय सूर्य देव की पूजा आराधना करनी चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के समय सभी जातकों को लाल पुष्पों और लाल चन्दन या कुमकुम आदि से भगवान् सूर्य की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
- सूर्य ग्रहण के समय दिए गये सूर्य के वैदिक मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना चाहिए मंत्र : “ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:” और “ऊँ घृणि: सूर्याय नम:”।
- सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद जातक को दान करने चाहिए जैसे : माणिक, सोना मनान्तर से तांबा, गेहूं, गुड़, घी, लाल कपड़ा, लाल फूल, केशर, मूंगा, लाल गाय, लाल चंदन, तेजफल, गुलाबी पगड़ी, गुलाबी रंग के वस्त्र, खस-खस, साठी चावल। लाल रंग, ऊनी वस्त्र, लकड़ी की वस्तु, यथा शक्ति सोना, खड़े मसूर का दान करना चाहिए।
- जिस भी भी जातक की कुंडली में सूर्य उच्च का हो तो उससे लाल वस्तुओं का दान नही करना चाहिए वह जातक अन्न, वस्त्र, फल, पीली मिठाई आदि का दान कर सकता है।
- सूर्य ग्रहण में 9 घंटे पहले सूतक लग जाते है सूतक काल में देव दर्शन करना वर्जित है वहीं मन्दिरों के पट भी बन्द कर दिये जाते हैं जलाशयों, नदियों व मन्दिरों में राहू, केतु व सुर्य के मंत्र का जप करने से सिद्धि प्राप्त होती है और ग्रहों का दुष्प्रभाव भी खत्म हो जाते है।
- सूर्य ग्रहण मे ग्रहण से चार प्रहर पूर्व और चंद्र ग्रहण मे तीन प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिये परन्तु बूढे बालक व रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं ग्रहण पूरा होने पर सूर्य या चंद्र, जिसका ग्रहण हो, उसका शुध्द बिम्ब को देख कर ही भोजन करना चाहिये। ( 1 प्रहर = 3 घंटे )
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