मंगला गौरी 2025: जानें संपूर्ण पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री लिस्ट Mangla Gauri Puja Vidhi 2025: Step-by-Step Guide, Samagri List & Katha हम यंहा आपको मंगला गौरी व्रत पूजा की सम्पूर्ण विधि को विस्तार के साथ बताने जा रहे हैं, इस पोस्ट के माध्यम से आप भी बहुत आसन तरीके साथ माँ मंगला गौरी व्रत पूजा विधि को सही तरह से कर सकते हैं। इस आर्टिकल में Mangla Gauri Puja Vidhi सामग्री, पूजा विधि, पूजा मंत्र एवं उद्यापन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।
मंगला गौरी पूजा विधि 2025: संपूर्ण पूजन विधि, सामग्री सूची और व्रत कथा | Mangla Gauri Vrat 2025: Complete Puja Vidhi, Samagri List, Stuti & Aarti
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सावन मंगलवार व्रत: घर पर मंगला गौरी पूजा कैसे करें? (संपूर्ण विधि 2025) | How to do Mangla Gauri Puja at Home? Full Vidhi & Samagri (Sawan 2025)
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मंगला गौरी व्रत पुजा सामग्री लिस्ट 2025 | Mangla Gauri Vrat Puja Samagri List in Hindi
👉 इस Mangla Gauri Puja Vidhi के लिए फल, फूलों की मालाएं, लड्डू, पान, सुपारी, इलायची, लोंग, जीरा, धनिया (सभी वस्तुएं सोलह की संख्या में होनी चाहिए), साडी सहित सोलह श्रंगार की 16 वस्तुएं, 16 चूडियां इसके अतिरिक्त पांच प्रकार के सूखे मेवे 16 बार. सात प्रकार के धान्य (गेंहूं, उडद, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर) 16 बार।
मंगला गौरी व्रत पूजा कैसे करें 2025 | How to perform Mangala Gauri Vrat Puja in Hindi 2025
🔹 इस मंगला गौरी व्रत पूजा को करने वाली महिलाओं को श्रावण मास के प्रथम मंगलवार के दिन इन व्रतों का संकल्प सहित प्रारम्भ करना चाहिए. श्रावण मास के प्रथम मंगलवार की सुबह, स्नान आदि से निर्वत होने के बाद, मंगला गौरी की मूर्ति या फोटो को लाल रंग के कपडे से लिपेट कर, लकडी की चौकी पर रखा जाता है. इसके बाद गेंहूं के आटे से एक दीया बनाया जाता है, इस दीये में 16-16 तार कि चार बतियां कपडे की बनाकर रखी जाती है।
सावन मंगलवार: मंगला गौरी पूजा की सरल विधि | Mangla Gauri Puja at Home
☀️ मंगला गौरी व्रत पूजा करने वाले व्रती को सुबह स्नान आदि कर व्रत का प्रारम्भ किया जाता हैं।
☀️ एक चौकी पर सफेद लाल कपडा बिछाना चाहिये।
☀️ सफेद कपडे पर चावल से नौ ग्रह बनाते है, तथा लाल कपडे पर षोडश माताएं गेंहूं से बनाते है।
☀️ चौकी के एक तरफ चावल और फूल रखकर गणेश जी की स्थापना की जाती है।
☀️ दूसरी और गेंहूं रख कर कलश स्थापित करते हैं।
☀️ कलश में जल रखते है।
☀️ आटे से चौमुखी दीपक बनाकर कपडे से बनी 16-16 तार कि चार बतियां जलाई जाती है।
☀️ सबसे पहले श्री गणेश जी का पूजन किया जाता है।
☀️ पूजन में श्री गणेश पर जल, रोली, मौली, चन्दन, सिन्दूर, सुपारी, लोंग, पान,चावल, फूल, इलायची, बेलपत्र, फल, मेवा और दक्षिणा चढाते हैं।
☀️ इसके पश्चात कलश का पूजन भी श्री गणेश जी की पूजा के समान ही किया जाता है।
☀️ फिर नौ ग्रहों तथा सोलह माताओं की पूजा की जाती है। चढाई गई सभी सामग्री ब्राह्माण को दे दी जाती है।
☀️ मंगला गौरी की प्रतिमा को जल, दूध, दही से स्नान करा, वस्त्र आदि पहनाकर रोली, चन्दन, सिन्दुर, मेंहन्दी व काजल लगाते है। श्रंगार की सोलह वस्तुओं से माता को सजाया जाता हैं।
☀️ सोलह प्रकार के फूल- पत्ते माला चढाते है, फिर मेवे, सुपारी, लौग, मेंहदी, शीशा, कंघी व चूडियां चढाते है।
☀️ अंत में मंगला गौरी व्रत की कथा सुनी जाती हैं. मंगला गौरी की पूजा मंत्र को करके मंगला गौरी की आरती करे।
☀️ कथा सुनने के बाद विवाहित महिला अपनी सास तथा ननद को सोलह लड्डु देती हैं. इसके बाद वे यही प्रसाद ब्राह्मण को भी देती हैं. अंतिम व्रत के दूसरे दिन बुधवार को देवी मंगला गौरी की प्रतिमा को नदी या पोखर में विर्सिजित कर दिया जाता हैं।
मंगला गौरी व्रत पूजा मंत्र (PDF) | Mangla Gauri Puja Mantra Lyrics in Hindi
🕉️ दिए गये मंगला गौरी व्रत पूजा मंत्र को कम से कम 11, 21, 51, 108 बार या अपनी श्रध्दा के अनुसार जाप करना चाहिए।
👉 मंत्र: सर्वमंगल मांगल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरणनेताम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते..
पुरूष क्या करें:
➤ ज्योतिषशास्त्र के अनुसार Mangla Gauri Puja Vidhi करने से मंगलिक योग का कुप्रभाव भी कम होता है। पुरूषों को इस दिन मंगलवार का व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इससे उनकी कुण्डली में मौजूद मंगल का अशुभ प्रभाव कम होता है और दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।
मंगला गौरी व्रत पूजा उद्यापन विधि 2025 | Mangala Gauri Puja Vrat Udyapan Vidhi 2025
✡ मंगला गौरी पूजा व्रत का उद्यापन आखरी मंगलवार को किसी पंडित या पुरोहित या आचार्य जी को सोलह सुहागन स्त्रियों को भोजन करा कर मंगला गौरी पूजा व्रत उद्यापन करना चाहिए। मंगला गौरी व्रत पूजा उद्यापन वाले दिन हर मंगलवार की तरह ही पूजा करनी चाहिए। आखरी मंगलवार को समस्त परिवार के साथ हवन करना चाहिए। हवन पूर्णाहुति के बाद मंगला गौरी की आरती करे। इस प्रकार से मंगला गौरी व्रत का उद्धयापन किया जाता है।

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