WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Kuber Chalisa in Hindi: Full Lyrics, Meaning, and Benefits | धन की तिजोरी भरने वाली श्री कुबेर चालीसा (PDF)

धन की तिजोरी भरने वाली श्री कुबेर चालीसा (PDF) Kuber Chalisa in Hindi: Full Lyrics, Meaning, and Benefits भगवान श्री कुबेर जी की पूजा अर्चना में श्री कुबेर चालीसा का पाठ किया जाता हैं। श्री कुबेर चालीसा जी की आरती नियमित करने से जातक हमेशा धनवान रहता है।

Kuber Chalisa PDF in Hindi (Free Download) | श्री कुबेर चालीसा

हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।

हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)

Kuber Chalisa
Kuber Chalisa

Kuber Chalisa Lyrics in Hindi | कुबेर चालीसा लिखा हुआ

कुबेर के 108 नाम (PDF): अर्थ, लाभ व जप विधि

श्री कुबेर अष्टोत्तर शतनामावली (108 Names) – अर्थ, लाभ व PDF

धनतेरस 2025 कब है? जानें सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

धनतेरस पूजा मुहूर्त 2025: जानें पूजा का सबसे शुभ समय और अवधि

धनतेरस खरीदारी मुहूर्त 2025: इस शुभ मुहूर्त में खरीदारी से मिलेगा 13 गुना लाभ

कुबेर के 108 नाम लिखा हुआ | Powerful Kuber Chalisa for Extreme Wealth & Financial Success

|| दोहा ||

जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर ।

ऐसे ही स्वर्ग द्वार पे, अविचल खडे कुबेर ।

विघ्न हरण मंगल करण, सुनो शरणागत की टेर ।

भक्त हेतु वितरण करो, धन माया के ढेर ॥

|| पाठ ||

जै जै जै श्री कुबेर भंडारी ।

धन माया के तुम अधिकारी ।।

तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।

पवन बेग सम तनु बलधारी ।।

स्वर्ग द्वार की करे पहरे दारी ।

सेवक इन्द्र देव के आज्ञा कारी ।।

यक्ष यक्षणी की है सेना भारी ।

सेनापती बने युद्ध में धनुधारी ।।

महा योद्धा बन शस्त्र धारै ।

युद्ध करै शत्रु को मारै ।।

सदा विजयी कभी ना हारै ।

भगत जनों के संकट टारै ।।

प्रपितामह हैं स्वयं विधाता ।

पुलिस्त वंश के जन्म विख्याता ।।

विश्रवा पिता इडापिडा जी माता ।

विभिषण भगत आपके भ्राता ।।

शिव चरणों में जब ध्यान लगाया ।

घोर तपस्या करी तन को सुखाया ।।

शिव वरदान मिले देवत्व पाया ।

अम्रूत पान करी अमर हुई काया ।।

धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में ।

देवी देवता सब फिरैं साख में ।।

पीताम्बर वस्त्र पहरे गात में ।

बल शक्ति पुरी यक्ष जात में ।।

स्वर्ण सिंघासन आप विराजैं ।

त्रशुल गदा हाथ में साजैं ।।

शंख म्रुदंग नगारे बाजैं ।

गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं ।।

चौंसठ योगनी मंगल गावैं ।

रिद्धी सिद्धी नित भोग लगावैं ।।

दास दासनी सिर छत्र फिरावैं ।

यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढुलावैं ।।

रिषियों में जैसे परशुराम बली हैं ।

देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं ।।

पुरुषों में जैसे भीम बली हैं ।

यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं ।।

भगतों में जैसे प्रल्हाद बडे हैं ।

पक्षियो में जैसे गरुड बडे हैं ।।

नागो मे जैसे शेष बडे हैं ।

वैसे ही भगत कुबेर बडे हैं ।।

कांधे धनुष हा में भाला ।

गल फुलो की पहरी माला ।।

स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला ।

दुर दुर तक होए उजाला ।।

कुबेर देव को जो मन में धारे ।

सदा विजय हो कभी ना हारे ।।

बिगडे काम बन जाए सारे ।

अन्न धन के रहे भरे भन्डारे ।।

कुबेर गरीब को आप उभारैं ।

कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं ।।

कुबेर भगत के संकट टारैं ।

कुबेर शत्रु को क्षण में मारैं ।।

शीघ्र धनी जो होना चाहए ।

क्युं नही यक्ष कुबेर मनाए ।।

यह पाठ जो पढे पढाए ।

दिन दुगना व्यापार बढाए ।।

भूत प्रेत को कुबेर भगावैं ।

अडे काम को कुबेर बनावैं ।।

रोग शोक को कुबेर नशावैं ।

कलंक कोढ को कुबेर हटावैं ।।

कुबेर चढे को और चढादे ।

कुबेर गिरे को पुनः उठादे ।।

कुबेर भाग्य को तुरन्त जगादे ।

कुबेर भुले को राह बतादे ।।

प्यासे की प्यास कुबेर बुझादे ।

भुखे की भुख कुबेर मिटादे ।।

रोगी का रोग कुबेर घटादे ।

दुखिया क दुख कुबेर छुटादे ।।

बांझ की गोद कुबेर भरादे ।

कारोबार को कुबेर बढादे ।।

कारागार से कुबेर छुडादे ।

चोर ठगों से कुबेर बचादे ।।

कोर्ट केस में कुबेर जितावैं ।

जो कुबेर को मन में ध्यावै ।।

चुनाव में जीत कुबेर करावै ।

मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं ।।

पाठ करे जो नित मन लाई ।

उसकी कला हो सदा सवाई ।।

जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई ।

उसका जीवन चले सुखदाई ।।

जो कुबेर का पाठ करावै ।

उसका बेडा पार लगावै ।।

उजडे घर को पुनः बसावै ।

शत्रु को भी मित्र बनावै ।।

सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई ।

सब सुख भोग पदार्थ पाई ।।

प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई ।

क्रुष्णदत्त कुबेर कीर्ती गाई ।।

|| दोहा ||

शिव भक्तों में अग्रणी, श्री यक्षराज कुबेर ।

हिरदे मे ज्ञान प्रकाश भर, करदो दूर अंधेर ।।

करदो दूर अंधेर अब, जरा करो ना देर ।

शरण पडा हुं आपकी, दया की द्रुष्टी फेर ।।

हरी ॐ दया की द्रुष्टी फेर

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment

Call Us Now
WhatsApp
We use cookies in order to give you the best possible experience on our website. By continuing to use this site, you agree to our use of cookies.
Accept