वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Maa Skandmata Vrat Katha 2025 : नवरात्रि में पांचवें दिन की जाती है माँ स्कंदमाता देवी पूजा में पढ़ें पावन ये कथा

Maa Skandmata Vrat Katha 2025 : नवरात्रि में पांचवें दिन की जाती है माँ स्कंदमाता देवी पूजा में पढ़ें पावन ये कथा माँ स्कंदमाता जी के बारे में बताने जा रहे हैं, यहां हम आपको माता स्कंदमाता देवी का स्वरूप और मां स्कंदमाता कथा की विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।

हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)

Maa Skandmata Vrat Katha UpayFree
Maa Skandmata Vrat Katha

माता स्कंदमाता देवी का स्वरूप

माता स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं जिनमें से माता ने अपने दो हाथों में कमल का फूल पकड़ा हुआ है उनकी एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है जिससे वह भक्तों को आशीर्वाद देती हैं तथा एक हाथ से उन्होंने गोद में बैठे अपने पुत्र स्कंद को पकड़ा हुआ है इनका वर्ण पूर्णतः शुभ है और ये कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं, जिस कारण माता को पद्मासना देवी भी कहा जाता है।

माता स्कंदमाता को अपना नाम अपने पुत्र के साथ जोड़ना बहुत अच्छा लगता है इसलिए इन्हें स्नेह और ममता की देवी माना जाता है। इनका वाहन सिंह है ये माता भक्त की सभी इच्छाओंको पूर्ण करने वाली हैं भगवान स्कन्द की माता होने के कारण श्री दुर्गा के इस स्वरुप को स्कंदमाता कहा जाता है।

माँ स्कंदमाता कथा

मान्यताओं के अनुसार तारकासुर नामक एक राक्षस था जिसने अपनी तपस्या से ब्रह्मदेव को प्रसन्न कर लिया था उसने ब्रह्मदेव से अजर-अमर होने का वरदान माँगा ब्रह्मा जी ने उसे समझाया की इस धरती पर जिसने भी जन्म लिया है उसे मरना ही है तब उसने सोचा कि शिव जी तपस्वी हैं, इसलिए वे कभी विवाह नहीं करेंगे अतः यह सोचकर उसने भगवान से सिर्फ शिव के पुत्र द्वारा ही मारे जाने का वरदान मांग लिया ब्रह्मा जी इस बात से सहमत होकर उसे तथास्तु कहकर चले गए।

उसके बाद उस राक्षस ने पूरी दुनिया में तबाही मचाना शुरू कर दिया उसके अत्याचार से तंग होकर देवतागण शिव जी के पास पहुँचे और उनसे विवाह करने का अनुरोध किया तब शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया और वे कार्तिकेय के पिता बनें शिव जी के पुत्र भगवान कार्तिकेय ने बड़े होकर तारकासुर दानव का वध किया और लोगों को बचाया।

Maa Skandmata Vrat Katha 2025 Check

10 साल उपाय के साथ लाल किताब कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: यहां क्लिक करें

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: यहां क्लिक करें

नवरात्रि संबधित जानकारी के लिए हमारे WhatsApp ग्रुप्स से: यहां से जुड़ें

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment

Call Us Now
WhatsApp
We use cookies in order to give you the best possible experience on our website. By continuing to use this site, you agree to our use of cookies.
Accept