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Dhanteras Vrat Katha in Hindi PDF | धनतेरस की कथा 2025: पढ़ें पूरी व्रत कथा और महत्व

धनतेरस की कथा 2025: पढ़ें पूरी व्रत कथा और महत्व | Dhanteras Vrat Katha in Hindi PDF धनतेरस व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है। धनतेरस व्रत और पूजा विधि करने से सभी व्यक्तियों के यहां सुख समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।

Dhanteras Vrat Katha (In Hindi): Read Full Story & Puja Vidhi: यह धनतेरस व्रत कथा PDF पढ़ने से घर में आती है सुख-समृद्धि

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Dhanteras Vrat Katha
Dhanteras Vrat Katha

Dhanteras Ki Kahani: Dhanvantari aur Yamdeep Daan Vrat Katha | धनतेरस व्रत कथा: पूरी कहानी, पूजा विधि व मुहूर्त 2025

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Full Dhanteras Katha PDF in Hindi | धनतेरस व्रत कथा

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👉 कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस कहते हैं। इस साल 2025 में धनतेरस अक्टूबर महीने के 18 तारीख वार शनिवार के दिन बनाया जायेगा।

Dhanteras Katha 2025: Full Story and Significance | धनतेरस की कथा: पढ़ें पूरी व्रत कथा और महत्व

एक किवदन्ती के अनुसार एक राज्य में एक राजा था, कई वषरें तक प्रतिक्षा करने के बाद, उसके यहां पुत्र संतान कि प्राप्ति हुई। राजा के पुत्र के बारे में किसी ज्योतिषी ने यह कहा कि, बालक का विवाह जिस दिन भी होगा, उसके चार दिन बाद ही इसकी मृ्त्यु हो जायेगी। Dhanteras Vrat Katha

ज्योतिषी की यह बात सुनकर राजा को बेहद दु:ख हुआ। एक दिन वहां से एक राजकुमारी गुजरी, राजकुमार और राजकुमारी दोनों ने एक दूसरे को देखा, दोनों एक दूसरे को देख कर मोहित हो गये, और उन्होने आपस में विवाह कर लिया। ज्योतिषी की भविष्यवाणी के अनुसार ठीक चार दिन बाद यमदूत राजकुमार के प्राण लेने आ पहुंचें। यमदूत को देख कर राजकुमार की पत्‍‌नी विलाप करने लगी। Dhanteras Vrat Katha

यह देख यमदूत ने यमराज से विनती की और कहा की इसके प्राण बचाने का कोई उपाय बताइये, इस पर यमराज ने कहा की जो प्राणी कार्तिक कृ्ष्ण पक्ष की त्रयोदशी की रात में मेरा पूजन करके दीप माला से दक्षिण दिशा की ओर मुंह वाला दीपक जलायेगा, उसे कभी अकाल मृ्त्यु का भय नहीं रहेगा, तभी से इस दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाये जाते है। Dhanteras Vrat Katha

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