Ganesh Chaturthi Chandra Katha: क्यों नहीं देखते गणेश चतुर्थी का चाँद? जानें पूरी कहानी हम यहां आपको गणेश चतुर्थी की रात में चंद्र दर्शन होने के पीछे क्या पौराणिक कथा हैं इसके बारे में बताने जा रहे है साथ ही जो व्यक्ति भूल चुक से भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि की रात्रि में चन्द्रमा का दर्शन कर लेता हैं तो उस कलंक से बचने के क्या उपाय हो सकते है इसके बारे में पूरी जानकारी हमारे द्वारा बताई जा रही हैं।
हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।
हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)

🧿 लैब सर्टिफाइड और अभिमंत्रित सिद्ध रुद्राक्ष पाने के लिए तुरंत कॉल करें मोबाइल नंबर: 9667189678
गणेश चतुर्थी चंद्र दर्शन 2025: पढ़ें श्राप, कृष्ण कथा और दोष मुक्ति के उपाय | Ganesh Chaturthi Chandra Darshan Katha
गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी चंद्र दर्शन नही करें वरना आपके उपर बड़ा कलंक लग सकता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा का दृष्टांत है। आइये जानते हैं।
एक दिन गणपति चूहे की सवारी करते हुए गिर पड़े तो चंद्र ने उन्हें देख लिया और हंसने लगे। चंद्रमा को हंसी उड़ाते देख गणपति को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने चंद्र को श्राप दिया कि अब से तुम्हें कोई देखना पसंद नहीं करेगा। जो तुम्हे देखेगा वह कलंकित हो जाएगा। इस श्राप से चंद्र बहुुत दुखी हो गए। तब सभी देवताओं ने गणपति की साथ मिलकर पूजा अर्चना कर उनका आवाह्न किया तो गणपति ने प्रसन्न होकर उनसे वरदान मांगने को कहा। तब देवताओं ने विनती की कि आप गणेश को श्राप मुक्त कर दो। तब गणपति ने कहा कि मैं अपना श्राप तो वापस नहीं ले सकता लेकिन इसमें कुछ बदलाव जरूर कर सकता हूं।
भगवान गणेश ने कहा कि चंद्र का ये श्राप सिर्फ एक ही दिन मान्य रहेगा। इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन यदि अनजाने में चंद्र के दर्शन हो भी जाएं तो इससे बचने के लिए छोटा सा कंकर या पत्थर का टुकड़ा लेकर किसी की छत पर फेंके। ऐसा करने से चंद्र दर्शन से लगने वाले कलंक से बचाव हो सकता है। इसलिए इस चतुर्थी को पत्थर चौथ भी कहते है। Ganesh Chaturthi Chandra Darshan Katha
भाद्रपद (भादव ) मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी के चन्द्रमा के दर्शन हो जाने से कलंक लगता है। अर्थात् अपकीर्ति होती है। भगवान् श्रीकृष्ण को सत्राजित् ने स्यमन्तक मणि की चोरी लगायी थी।
स्वयं रुक्मिणीपति ने इसे “मिथ्याभिशाप”-भागवत-१०/५६/३१, कहकर मिथ्या कलंक का ही संकेत दिया है। और देवर्षि नारद भी कहते हैं कि –
आपने भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि के चन्द्रमा का दर्शन किया था जिसके फलस्वरूप आपको व्यर्थ ही कलंक लगा –
त्वया भाद्रपदे शुक्लचतुर्थ्यां चन्द्रदर्शनम् ।
कृतं येनेह भगवन् वृथा शापमवाप्तवान् ।।
– भागवतकी श्रीधरी पर वंशीधरी टीका, स्कन्दपुराण का श्लोक ।
तात्पर्य यह कि भादंव मास की शुक्लचतुर्थी के चन्द्रदर्शन से लगे कलंक का सत्यता से सम्बन्ध हो ही –ऐसा कोई नियम नहीं । किन्तु इसका दर्शन त्याज्य है । तभी तो पूज्यपाद गोस्वामी जी लिखते हैं —
“तजउ चउथि के चंद नाई”-मानस. सुन्दरकाण्ड,३८/६,
स्कन्दमहापुराण में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि भादव के शुक्लपक्ष के चन्द्र का दर्शन मैंने गोखुर के जल में किया जिसका परिणाम मुझे मणि की चोरी का कलंक लगा।
मया भाद्रपदे शुक्लचतुर्थ्याम् चन्द्रदर्शनम्।
गोष्पदाम्बुनि वै राजन् कृतं दिवमपश्यता ।।
Ganesh Chaturthi Vrat Katha in Hindi: गणेश चतुर्थी की पूरी कहानी और व्रत का महत्व
Ganesh Puja Mantra: पूजा के लिए गणेश जी के सिद्ध मंत्र, श्लोक और आरती
Ganesh Mantra: For Success, Wealth, and Removing Obstacles | गणेश जी के शक्तिशाली मंत्र
Ganesh Chaturthi Upay – गणेश चतुर्थी 2025: करें ये 9 अचूक उपाय, होगी हर मनोकामना पूरी
Ganesh Chaturthi Ke Totke – गणेश चतुर्थी के चमत्कारी टोटके: विवाह, नौकरी और व्यापार में मिलेगी सफलता
Ganesh Chaturthi Moon Dosha Remedy: What to Do If You See the Moon? | गणेश चतुर्थी पर चांद देखने का दोष: जानें झूठे कलंक से बचने का उपाय
यदि भादव के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का चंद्रमा दिख जाय तो कलंक से कैसे छूटें?
- यदि उसके पहले द्वितीया का चंद्र्मा आपने देख लिया है तो चतुर्थी का चन्द्र आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता।
- या भागवत की स्यमन्तक मणि की कथा सुन लीजिए।
- या आप निम्नलिखित दिए गये मन्त्र का 21 बार जप कर लें –
सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः ।।
- यदि आप इन ऊपर बताये गये उपायों में से कोई भी नहीं कर सकते हैं तो एक सरल उपाय बता रहा हूँ उसे सब लोग कर सकते हैं । एक लड्डू किसी भी पड़ोसी के घर पर फेंक दे।

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
