Krishna Sharanam Ashtakam (Shri Krishna Sharanam Mama) – Lyrics & Meaning: श्रीकृष्ण शरणाष्टकम् (श्रीकृष्णः शरणं मम) – श्री वल्लभाचार्य कृत (अर्थ व PDF) श्रीकृष्ण शरणाष्टक भगवान श्री कृष्ण जी को समर्पित हैं। श्रीकृष्ण शरणाष्टक के बारे में बताने जा रहे हैं।
Shri Krishna Sharanam Mama: श्रीकृष्णः शरणं मम – शरणाष्टकम् स्तोत्र अर्थ सहित
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॥ श्रीकृष्णशरणाष्टकम् ॥
सर्वसाधनहीनस्य पराधीनस्य सर्वतः ।
पापपीनस्य दीनस्य श्रीकृष्णः शरणं मम ॥ १॥
संसारसुखसम्प्राप्तिसन्मुखस्य विशेषतः ।
वहिर्मुखस्य सततं श्रीकृष्णः शरणं मम ॥ २॥
सदा विषयकामस्य देहारामस्य सर्वथा ।
दुष्टस्वभाववामस्य श्रीकृष्णः शरणं मम ॥ ३॥
संसारसर्वदुष्टस्य धर्मभ्रष्टस्य दुर्मतेः ।
लौकिकप्राप्तिकामस्य श्रीकृष्णः शरणं मम ॥ ४॥
विस्मृतस्वीयधर्मस्य कर्ममोहितचेतसः ।
स्वरूपज्ञानशून्यस्य श्रीकृष्णः शरणं मम ॥ ५॥
संसारसिन्धुमग्नस्य भग्नभावस्य दुष्कृतेः ।
दुर्भावलग्नमनसः श्रीकृष्णः शरणं मम ॥ ६॥
विवेकधैर्यभक्त्यादिरहितस्य निरन्तरम् ।
विरुद्धकरणासक्तेः श्रीकृष्णः शरणं मम ॥ ७॥
विषयाक्रान्तदेहस्य वैमुख्यहृतसन्मतेः ।
इन्द्रियाश्वगृहितस्य श्रीकृष्णः शरणं मम ॥ ८॥
एतदष्टकपाठेन ह्येतदुक्तार्थभावनात् ।
निजाचार्यपदाम्भोजसेवको दैन्यमाप्नुयात् ॥ ९॥
॥ इति हरिदासवर्यविरचितं श्रीकृष्णशरणाष्टकं सम्पूर्णम् ॥
Krishna Stotram – कृष्ण स्तोत्र – प्रेम और भक्ति में लीन होने के लिए रोजाना पढ़े

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