Shani Jayanti Puja Vidhi : शनि जयंती पर ऐसे करें शनिदेव की पूजा विधि, जानें पूजा शुभ मुहूर्त यह तो आप सब जानते हो की हमारे हिन्दू धर्म के ग्रंथों के अनुसार शनिदेव को ग्रहों में न्यायाधीश का पद प्राप्त है। इन्हें न्याय के देवता कहा जाता हैं। जातक के अच्छे और बुरे कर्मों का फ़ल शनिदेव ही देते हैं। जिस भी व्यक्ति पर शनिदेव की टेड़ी नजर पड़ जाए, वह थोड़े ही समय में राजा से रंक बन जाता है और जिस पर शनिदेव प्रसन्न हो जाएं वह मालामाल भी हो जाता है। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सूर्यास्त के समय शिंगणापुर नगर में शनिदेव की उत्पत्ति हुई थी।
शनि जयंती पूजा विधि — Shani Jayanti Puja Vidhi
शनि जयंती कब है 2025
इस वर्ष 2025 में शनि जयंती मई महीने की 27 तारीख़ वार मंगलवार के दिन बनाई जायेगी।
शनि जयंती पूजा मुहूर्त
सुबह 09:02 से दोपहर 02:05 बजे तक।
शाम को 03:48 से सांय 05:28 बजे तक।
शनि जयंती पूजा सामग्री
आपको शनि जयंती पूजा सामग्री में शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर, काला वस्त्र, शुद्ध घी व तेल का दीपक, पंचगव्य, पंचामृत, इत्र, अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम, काजल, नीले या काले पुष्प की माला और पुष्प, श्री फल।
शनि जयंती पूजा विधि
जातक को Shani Jayanti Puja करने के लिए प्रात: काल उठकर शौचादि से निवृत होकर स्नानादि से शुद्ध होकर काले वस्त्र धारण करके पश्चिम मुखी होकर काले आसन पर बैठकर अपने सामने चोकी रखकर उस पर काला कपड़ा बिछाकर श्री शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर या फिर एक सुपारी रखकर पंचगव्य, पंचामृत, इत्र आदि से स्नान करवायें। उसके बाद फिर दोनों तरह शुद्ध घी व सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाकर धूप जलाएं। इसके बाद अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम व काजल लगाकर नीले या काले फूल अर्पित करें।
तत्पश्चात इमरती व तेल में तली वस्तुओं का नैवेद्य अपर्ण करें। इसके बाद श्री फल सहित अन्य फल भी अर्पित करें। शनि जयंती पूजा में आपको भगवान शनि देव की पंचोपचार पूजन के बाद दिए गये नीचे दिए गए शनि देव मंत्र का जाप करें।
शनि जयंती पूजा मंत्र
“ॐ शनैश्चराय नमः”।
शनि मंत्र की कम से कम एक माला का जाप करें। माला जपने के पश्चात श्री शनि चालीसा का पाठ करें व उसके बाद श्री शनि देव की आरती भी उतारे।