Shri Krishna Mantra – प्रेम, शांति और सफलता के लिए शक्तिशाली कृष्ण मंत्र यहां हम आपको भगवान श्री कृष्ण जी के मन्त्रों के बारे में बताने जा रहे हैं। हमारे द्वारा बताये जा रहे हैं भगवान श्री कृष्ण जी के मंत्रो का नियमित जाप करने से भगवान श्री कृष्ण जी का आपके ऊपर आशीर्वाद और कृपा बनी रहती हैं। यंहा हम श्री कृष्ण मंत्र मन्त्रों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
Powerful Krishna Mantra – भक्ति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के लिए करे भगवान श्री कृष्ण मंत्र का जाप
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भगवान श्री कृष्ण जी का बीज मंत्र
क्लीं कृष्णाय नम: ||
या
ॐ क्रीं कृष्णाय नमः ||
भगवान श्री कृष्ण जी का मूलमंत्र
“कृं कृष्णाय नमः”
इस श्री कृष्ण के मूलमंत्र (Shri Krishna Ji Ka Mool Mantra) का जाप, सुख प्रेमी प्रत्येक मनुष्य को प्रातःकाल नित्यक्रिया व स्नानादि के पश्चात 108 बार करना चाहिए । ऐसा करने से, मनुष्य की समस्त बाधाये, घर में सुख-शांति, रूका हुआ धन, व्यापार और रोजगार में आने वाली सभी रुकवाटे एवं कष्टों से सदैव मुक्ति मिलती हैं।
सप्तदशाक्षर श्री कृष्ण महामंत्र
“ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा”।
इस श्रीकृष्ण के सप्तदशाक्षर महामंत्र (Sapta Dashakshar Shri Krishna Maha Mantra) का पञ्च लक्ष्य (500000) जाप करने से, यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। जप के समय हवन का दशांश, अभिषेक का दशांश, तर्पण तथा तर्पण का दशांश, मार्जन करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है। जिस व्यक्ति को यह मंत्र सिद्ध हो जाता है, उसे सर्वत्र प्राप्त हो जाता है।
सप्ताक्षर श्री कृष्ण मंत्र
“गोवल्लभाय स्वाहा”।
इस ७ अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र (7 Akshar Shri Krishna Mantra) का जाप जो भी साधक करता है, उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्त होती हैं।
अष्टाक्षर श्री कृष्ण मंत्र
“गोकुल नाथाय नमः”।
इस ८ अक्षरों वाले श्री कृष्ण मंत्र (8 Akshar Shri Krishna Mantra) का जो भी साधक जाप करता है, उसकी समस्त कामनाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं।
दशाक्षर श्रीकृष्ण मंत्र
“क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः”।
इस १० अक्षर वाले श्री कृष्ण मंत्र (10 Akshar Shri Krishna Mantra) का, जो भी साधक जाप करता है, उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्त होती हैं।
द्वादशाक्षर श्रीकृष्ण मंत्र
“ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय”।
इस १२ अक्षर वाले श्री कृष्ण मन्त्र का, जो भी साधक जाप करता है, उसे सर्वत्र प्राप्त होता है।
२२ अक्षर श्री कृष्ण मंत्र
“ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्सों”।
इस २२ अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र (22 Akshar Shri Krishna Mantra) का, जो भी साधक जाप करता है, उसे वागीशत्व की प्राप्ति होती है।
23 अक्षर श्री कृष्ण मंत्र
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री”।
इस २३ अक्षरों वाले श्री कृष्ण मंत्र का, जो भी साधक जाप करता है, उसकी समस्त बाधाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं।
अट्ठाईस अक्षर श्री कृष्ण मंत्र
“ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा”।
इस २८ अक्षरों वाले श्री कृष्ण मन्त्र का, जो भी साधक जाप करता है, उसको समस्त अभिष्ट वस्तुएं प्राप्त होती हैं।
उन्तीस अक्षरों श्री कृष्ण मंत्र
“लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा”।
इस २९ अक्षरों वाले श्री कृष्ण मन्त्र का, जो भी साधक एक लक्ष्य (100000) जप एवं घृत, शर्करा व मधु में तिल व अक्षत मिश्रित कर होम करते हैं, उन्हें स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
बत्तीस अक्षरों श्री कृष्ण मंत्र
“गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।
नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय ॥”
इस ३२ अक्षरों वाले श्री कृष्ण मन्त्र का, जो भी साधक एक लक्ष्य (100000) जाप करता है तथा पायस, दुग्ध व शर्करा से निर्मित खीर द्वारा दशांश हवन करता है, उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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तैंतीस अक्षरी श्री कृष्ण मंत्र
“ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे।
रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे॥”
इस ३३ अक्षरों वाले श्री कृष्ण मन्त्र का, जो भी साधक जाप करता है, उसे समस्त प्रकार की विद्याएं निःसंदेह प्राप्त होती हैं।
बाल गोपाल कृष्ण मंत्र
ॐ श्री कृष्णाय क्लीं नम:।
बालक स्वरुप श्री कृष्ण जो हाथ में बंसी लिए हुए है, उनका ध्यान करते हुए इस मन्त्र के चन्दन की माला से जप करने चाहिए।
लड्डू गोपाल कृष्ण मंत्र
ॐ स: फ्रें क्लीं कृष्णाय नम:।
भगवान श्री कृष्ण के लड्डू गोपाल अवतार को ध्यान करते हुए इस मंत्र के चन्दन की माला से जप करने चाहिए।

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