Siddhidatri Kavach: नवरात्रि के नौवें दिन करें माता सिद्धिदात्री देवी कवच का पाठ, करने से होती हैं सभी कामनाओं की पूर्ति मां दुर्गा अपने नौवें स्वरूप में सिद्धिदात्रीके नाम से जानी जाती है। आदि शक्ति भगवती का नवम् रूप सिद्धिदात्री है, जिनकी चार भुजाएं हैं। उनका आसन कमल है। दाहिने और नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा, बाई ओर से नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प है, यह भगवती का स्वरूप है, इस स्वरूप की ही हम आराधना करते हैं।
सिद्धिदात्री कवच || Siddhidatri Kavach
!! कवच !!
ओंकार: पातुशीर्षोमां, ऐं बीजंमां हृदयो ।
हीं बीजंसदापातुनभोगृहोचपादयो ॥
ललाट कर्णोश्रींबीजंपातुक्लींबीजंमां नेत्र घ्राणो।
कपोल चिबुकोहसौ:पातुजगत्प्रसूत्यैमां सर्व वदनो॥
Maa Siddhidatri Kavach कवच के लाभ
विशेष : भगवती सिद्धिदात्री का ध्यान, स्तोत्र, कवच का पाठ करने से निर्वाण चक्र जाग्रत होता है जिससे ऋद्धि, सिद्धि की प्राप्ति होती है। कार्यो में चले आ रहे व्यवधान समाप्त हो जाते हैं। कामनाओं की पूíत होती है।
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