वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

श्री गणेश पञ्चरत्नं स्तोत्र | Ganesha Pancharatnam Stotram Lyrics, PDF & Meaning

श्री गणेश पञ्चरत्नं स्तोत्र | Ganesha Pancharatnam Stotram Lyrics, PDF & Meaning श्री गणेशपञ्चरत्नम् स्तोत्र के रचियता श्री आदी शंकराचार्य जी हैं। श्री गणेशपञ्चरत्नम् स्तोत्र पूर्ण रूप से संस्कृत भाषा में हैं। श्री गणेशपञ्चरत्नम् स्तोत्र में भगवान श्री गणेश जी को पांच रत्न कहा गया हैं। जो भी व्यक्ति श्री गणेशपञ्चरत्नम् स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करता हैं उस पर भगवान श्री गणेश जी पूर्ण रूप से आशीवार्द रहता है और वह व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वास्थ्य और अपना पूरा जीवन शांत व सुखद रूप से जीता हैं।

Ganesha Pancharatnam by Adi Shankaracharya | ज्ञान, बुद्धि और सफलता के लिए पढ़ें आदि शंकराचार्य रचित गणेश पञ्चरत्नं स्तोत्र

हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।

हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)

Ganesha Pancharatnam Stotram
Ganesha Pancharatnam Stotram

मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् ।

अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम् ॥१॥

नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरं नमत्सुरारिनिर्जरं नताधिकापदुद्धरम् ।

सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरं महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ॥२॥

समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुञ्जरं दरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम् ।

कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करं मनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ॥३॥

अकिंचनार्तिमार्जनं चिरन्तनोक्तिभाजनं पुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम् ।

प्रपञ्चनाशभीषणं धनंजयादिभूषणम् कपोलदानवारणं भजे पुराणवारणम् ॥४॥

नितान्तकान्तदन्तकान्तिमन्तकान्तकात्मजं अचिन्त्यरूपमन्तहीनमन्तरायकृन्तनम् ।

हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनां तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि सन्ततम् ॥५॥

महागणेशपञ्चरत्नमादरेण योऽन्वहं प्रजल्पति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वरम् ।

अरोगतामदोषतां सुसाहितीं सुपुत्रतां समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैति सोऽचिरात् ॥६॥

षोडश महागणपति स्तुति माला | Shodasha Ganapati Stuti Mala Lyrics, PDF & Meaning

गकार गणपति अष्टोत्तर शतनामावली स्तोत्रम | Gakara Ganapati Ashtottara Shatanamavali Stotram Lyrics, Meaning & PDF

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment

Call Us Now
WhatsApp
We use cookies in order to give you the best possible experience on our website. By continuing to use this site, you agree to our use of cookies.
Accept
Privacy Policy