गीता जयंती 2025: जानें संपूर्ण पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री लिस्ट Gita Jayanti Puja Vidhi 2025: Step-by-Step गीता जयंती मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाई जाती हैं। यानी आती हैं। इसी दिन मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता हैं। मोक्षदा एकादशी को दक्षिण भारत में वैकुण्ठ एकादशी के नाम से मनाया जाता हैं। गीता जयंती वाले दिन भगवान श्री कृष्ण जी ने कुरुक्षेत्र में रणभूमि में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। इस कथा को पढ़ने या सुनने से वायपेय यज्ञ का फल मिलता है।
यह व्रत मोक्ष देने वाला तथा चिंतामणि के समान सब कामनाएँ पूर्ण करने वाला है। इसलिए गीता जयन्ती के दिन गीता की पूजा करने से लाभ मिलता है। इसलिए हम आपको Gita Jayanti Puja Vidhi के बारे में बताने जा रहे हैं। Free Upay.in द्वारा बताये जा रहे गीता जयंती पूजा विधि (Gita Jayanti Puja Vidhi) को पढ़कर आप भी बहुत आसन तरीके गीता जयंती के दिन गीता की पूजा विधि कर सकते हैं।
घर पर कैसे करें गीता जयंती पूजा? 2025 | Gita Jayanti 2025: Puja Vidhi, Shubh Muhurat & Mantra
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गीता जयंती 2025: तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत नियम | Gita Jayanti Puja Vidhi in Hindi: How to Worship the Bhagavad Gita
गीता जयंती पूजा विधि 2025: पूजा सामग्री, मंत्र, नियम और लाभ | Complete Gita Jayanti Puja Vidhi, Samagri & Rituals 2025
गीता जयंती कब हैं? 2025 || Gita Jayanti Puja Date 2025
👉 इस वर्ष 2025 में गीता जयंती पूजा 01 दिसम्बर, वार सोमवार के दिन की जाएगी।
गीता जयंती पूजा 2025 शुभ मुहूर्त | Gita Jayanti Puja Auspicious Time 2025
➤ सुबह 06:59 बजे से सुबह 08:18 बजे तक।
➤ सुबह 09:37 बजे से सुबह 10:57 बजे तक।
➤ दोपहर 01:35 बजे से संध्या 05:33 बजे तक।
गीता जयंती पूजन करने की विधि 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि और मंत्र | How to Perform Gita Jayanti Puja at Home: Step-by-Step Vidhi
➤ सबसे पहले आप भगवान श्री विष्णु जी की पूजा अर्चना करें।
➤ शास्त्रों के अनुसार गीता जयंती पर भगवत गीता की पूजा करके आरती करनी चाहिए, इसके पश्चात ही गीता के सारे पाठ करना चाहिए। इससे महापुण्य की प्राप्त होती है।
➤ गीता जयंती वाले दिन जो भी व्यक्ति गीता के सारे पाठ नही कर सकता हो तो उसे गीता का अठारवां अध्याय का पाठ करने से ही उसे संपूर्ण गीता पाठ का लाभ मिल जाता है।
➤ शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति मोक्षदा एकादशी का व्रत रखकर भगवान श्री विष्णु की पूजा करके भगवत गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करता है उसके कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। गीता के ग्यारहवें अध्याय में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को अपना विराट रूप के दर्शन करवा कर उसका वर्णन किया था।
➤ जो भी व्यक्ति गीता जयंती से रोजाना नियमित रूप से गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करता है, उसे भगवान श्री विष्णु जी के दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है।

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