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Gita Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (Om Jai Bhagwad Gite) | गीता जी की आरती (PDF) हिंदी में

गीता जी की आरती (PDF) हिंदी में Gita Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (Om Jai Bhagwad Gite) श्री गीता जी हिन्दू धर्म का एक पवित्र ग्रन्थ हैं। श्री गीता जी की आरती नियमित रूप से पढ़ने से जातक के बुरे कर्म समाप्त होने लगते हैं। Shri Gita Ji Ki Aarti आदि के बारे में बताने जा रहे हैं।

गीता जी की आरती (PDF) हिंदी में | Gita Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi: Complete Aarti

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Gita Ji Ki Aarti
Gita Ji Ki Aarti

घर पर कैसे करें गीता जी की आरती लिरिक्स डाउनलोड | Gita Ji Ki Aarti PDF Download in Hindi

गीता जी की आरती PDF डाउनलोड | Shri Gita Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

करो आरती गीता जी की ||

जग की तारन हार त्रिवेणी,

स्वर्गधाम की सुगम नसेनी |

अपरम्पार शक्ति की देनी,

जय हो  सदा पुनीता की ||

ज्ञानदीन की दिव्य-ज्योती मां,

सकल जगत की तुम  विभूती मां |

महा निशातीत प्रभा पूर्णिमा,

प्रबल शक्ति भय भीता  की || करो०

अर्जुन की तुम सदा दुलारी,

सखा कृष्ण की प्राण प्यारी  |

षोडश कला पूर्ण विस्तारी,

छाया नम्र विनीता की || करो० ||

श्याम  का हित करने वाली,

मन का सब मल हरने वाली |

नव उमंग नित भरने  वाली,

परम प्रेरिका कान्हा की || करो० ||

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