इस आरती के बिना अधूरी है गोवर्धन पूजा, पढ़ें गिरिराज जी की आरती (Lyrics) Giriraj Ji Ki Aarti in Hindi दिवाली के अगले दिन श्री गोवर्धन महाराज की पूजा की जाती हैं। गोवर्धन हमारे हिन्दू धर्म में वैष्णव जातीयता के लिए एक पवित्र स्थान है। जो उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में आता हैं। यंहा आपको गोवर्धन पर्वत के दर्शन भी हो जायेगे यंहा विश्व भर से लोग दर्शन के लिए आते हैं। यंहा पर श्री गिरिराज जी की आरती उतारी जाती हैं। Shri Giriraj Ji Ki Aarti आदि के बारे में बताने जा रहे हैं।
श्रीकृष्ण की कृपा पाने के लिए गाएं गिरिराज जी की यह चमत्कारी आरती (Lyrics) | Giriraj Ji Ki Aarti PDF in Hindi (Free Download)
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Giriraj Aarti Lyrics in Hindi | गिरिराज जी की आरती लिखा हुआ
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गिराज जी की आरती PDF डाउनलोड | Giriraj Ji Ki Aarti in Hindi
ओउम जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय जय गिरिराज।
संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज।। ओउम जय ।।
इन्द्रादिक सब सुर मिल तुम्हरौ ध्यान धरैं।
रिषि मुनिजन यश गावें, ते भव सिन्धु तरैं।। ओउम जय ।।
सुन्दर रूप तुम्हारौ श्याम सिला सोहें।
वन उपवन लखि-लखि के भक्तन मन मोहे।। ओउम जय।।
मध्य मानसी गंग कलि के मल हरनी।
तापै दीप जलावें, उतरें वैतरनी।। ओउम जय।।
नवल अप्सरा कुण्ड सुहावन-पावन सुखकारी।
बायें राधा कुण्ड नहावें महा पापहारी।। ओउम जय।।
तुम्ही मुक्ति के दाता कलियुग के स्वामी।
दीनन के हो रक्षक प्रभु अन्तरयामी।। ओउम जय।।
हम हैं शरण तुम्हारी, गिरिवर गिरधारी।
देवकीनन्दन कृपा करो, हे भक्तन हितकारी।। ओउम जय।।
जो नर दे परिकम्मा पूजन पाठ करें।
गावें नित्य आरती पुनि नहिं जनम धरें।। ओउम जय।।

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