Jagannatha Ashtakam : Jagannathastakam : जगन्नाथ अष्टकम

Sri Jagannatha Ashtakam

Jagannatha Ashtakam : Jagannathastakam : जगन्नाथ अष्टकम भगवान जगन्नाथ जी को समर्पित हैं। श्री जगन्नाथ अष्टकम को नियमित रूप से पाठ करने से जातक की मन की शांति व् सारी बुराईयों नष्ट हो जाती हैं। और इसके साथ साथ जगन्नाथ अष्टकम का पाठ करने से जातक स्वस्थ, धनी और सुखी समृद्ध की प्राप्ति होती हैं। … Read more

Shri Gangashtakam : श्री गंगा अष्टकम

Shri Gangashtakam

Shri Gangashtakam : श्री गंगा अष्टकम इस गंगाष्टकम् के रचियता महर्षि वाल्मीकी जी ने की हैं। हमारे हिन्दू धर्म में गंगा नदी को माँ का दर्जा दिया गया हैं। ऋग्वेद वेद में गंगा नदी का वर्णित किया हुआ हैं। गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं। श्री गंगा अष्टकम … Read more

Ganga Ashtakam : Ganga Ashtak : गंगा अष्टकम

Ganga Ashtakam

Ganga Ashtakam : Ganga Ashtak : गंगा अष्टकम इस गंगाष्टकम् के रचियता महाकवि कालिदास जी ने की हैं। हमारे हिन्दू धर्म में गंगा नदी को माँ का दर्जा दिया गया हैं। ऋग्वेद वेद में गंगा नदी का वर्णित किया हुआ हैं। गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं। Sri … Read more

Artatrana Parayana Gangadhar Ashtakam : आर्त त्राण परायण गंगाधर अष्टकम

Artatrana Parayana Gangadhar Ashtakam

Artatrana Parayana Gangadhar Ashtakam : आर्त त्राण परायण गंगाधरा अष्टकम भगवान श्री शिव जी को समर्पित हैं। आर्त त्राण परायण गंगाधरा अष्टकम आदि के बारे में बताने जा रहे हैं। आर्त त्राण परायण गंगाधर अष्टकम — Artatrana Parayana Gangadhar Ashtakam क्षीराम्भोनिधिमन्थनोद्भवविषात् संदह्यमानान् सुरान्, ब्रह्मादीनवलोक्य यः करुणया हालाहलाख्यं विषम् । निश्शंकं निजलीलया कबलयन् लोकान् ररक्षादरात्, आर्तत्राणपरायणः स भगवान् गंगाधरो मे गतिः ॥ १ … Read more

Shri Ganga Ashtakam : Shri Ganga Ashtak : श्री गंगा अष्टकम

Shri Ganga Ashtakam

Shri Ganga Ashtakam : Shri Ganga Ashtak : श्री गंगा अष्टकम इस गंगाष्टकम् के रचियता महाकवि कालिदास जी ने की हैं। हमारे हिन्दू धर्म में गंगा नदी को माँ का दर्जा दिया गया हैं। ऋग्वेद वेद में गंगा नदी का वर्णित किया हुआ हैं। गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो … Read more

Anandatirtha Kritam Ganga Ashtakam : आनंदतीर्थ कृतं गंगा अष्टकम

Anandatirtha Kritam Ganga Ashtakam

Anandatirtha Kritam Ganga Ashtakam : आनंदतीर्थ कृतं गंगा अष्टकम इस गंगाष्टकम् के रचियता महाकवि कालिदास जी ने की हैं। हमारे हिन्दू धर्म में गंगा नदी को माँ का दर्जा दिया गया हैं। ऋग्वेद वेद में गंगा नदी का वर्णित किया हुआ हैं। गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं। … Read more

Gangashtakam : Ganga Ashtakam : Ganga Ashtak : गंगा अष्टकम

Gangashtakam

Gangashtakam : Ganga Ashtakam : Ganga Ashtak : गंगा अष्टकम इस गंगाष्टकम् के रचियता शंकराचार्य जी ने की हैं। हमारे हिन्दू धर्म में गंगा नदी को माँ का दर्जा दिया गया हैं। ऋग्वेद वेद में गंगा नदी का वर्णित किया हुआ हैं। गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं। … Read more

Narasimha Ashtakam : नृसिंह अष्टकम

Narasimha Ashtakam

Narasimha Ashtakam : नृसिंह अष्टकम श्री नरसिंह अष्टक भगवान श्री नरसिम्हा जी को समर्पित हैं । नृसिंह अष्टक आदि के बारे में बताने जा रहे हैं। नृसिंह अष्टकम — Narasimha Ashtakam ध्यायामि नरसिम्हक्यं ब्रह्म वेदन्तगोचारं । भवाब्धि तरनोपयं संख चाकर धरं परम् || १ || नीलं रामं चा परिभूय कृपा रसेन स्तम्भे स्वसक्ति मनघं विनिधाय देव । प्रह्लाद … Read more

Sri Narasimha Ashtakam : श्री नृसिंह अष्टकम

Sri Narasimha Ashtakam

Sri Narasimha Ashtakam : श्री नृसिंह अष्टकम श्री नरसिंह अष्टक भगवान श्री नरसिम्हा जी को समर्पित हैं। नृसिंह अष्टक आदि के बारे में बताने जा रहे हैं। श्री नृसिंह अष्टकम — Sri Narasimha Ashtakam श्रीमदकलङ्कपरिपूर्णशशिकोटि- श्रीधर मनोहरसटापटलकान्त । पालय कृपालय भवाम्बुधिनिमग्नं दैत्यवरकाल नरसिंह नरसिंह ॥ १ ॥ पादकमलावनतपातकिजनानां पातकदवानलपतत्रि वरकेतो । भावनपरायण भवार्तिहरया मां पाहि कृपयैव नरसिंह नरसिंह ॥ २ … Read more

Shodasha Bahu Narasimha Ashtakam : षोडश बाहु नृसिंह अष्टकम

Shodasha Bahu Narasimha Ashtakam

Shodasha Bahu Narasimha Ashtakam : षोडश बाहु नृसिंह अष्टकम श्री षोडश बाहु नृसिंह अष्टकम श्रीविजयीन्द्रयति कृतं द्वारा रचियत हैं। श्री षोडश बाहु नृसिंह अष्टकम आदि के बारे में बताने जा रहे हैं। षोडश बाहु नृसिंह अष्टकम — Shodasha Bahu Narasimha Ashtakam ॥ श्रीषोडशबाहुनृसिंहाष्टकम् ॥ भूखण्डं वारणाण्डं परवरविरटं डंपडंपोरुडंपं, डिं डिं डिं डिं डिडिम्बं दहमपि दहमैः झम्पझम्पैश्चझम्पैः । … Read more

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