छठ पूजा 4 दिन की संपूर्ण विधि: नहाय खाय, खरना से लेकर अर्घ्य तक (2025) Chhath Puja Vidhi 2025: Complete 4-Day Vidhi (Nahay Khay, Kharna, Arghya) Step-by-Step कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन छठ षष्ठी मनाई जाती हैं इस त्यौहार को छठ के नाम से भी जाना जाता हैं हमारे पूर्वी भारत में छठ पर्व खूब धूमधाम से मनाया जाता है इसे ज्यादातर बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश व नेपाल के तराई क्षेत्रों में छठ पर्व को पुरे हर्षौल्लास के साथ मनाया जाता है अब तो इस महा पर्व को धीरे-धीरे यह त्योहार प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ विश्वभर में प्रचलित हो गया है छठ पर्व एक साल में दो बार मनाया जाता है।
पहली बार तो चैत्र महीने में और दूसरी बार कार्तिक महीने में मनाया जाता है पारिवारिक सुख-स्मृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए छठ पर्व मनाया जाता है छठ पर्व को स्त्री और पुरुष समान रूप से मनाते हैं पुत्र सुख पाने के लिए भी छठ पर्व को मनाया जाता है।
छठ व्रत पूजा विधि: चरण, मुहूर्त व मंत्र 2025 | Chhath Puja Vidhi 2025: Day-by-Day Rituals for All 4 Days
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Saral Chhath Puja Vidhi 2025 | संपूर्ण छठ पूजा विधि और नियम (Step-by-Step)
➤ छठ पूजा के दौरान सूर्य अर्घ्य देते समय करें यह एक उपाय, सूर्य देव की कृपा से पूरी होगी हर इच्छा
➤ जानें छठ पूजा का महत्व, इतिहास और कथा
➤ छठ पूजा कथा 2025: यह कथा सुनने से मिलता है संतान और सौभाग्य का वरदान
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संतान प्राप्ति और सुख-समृद्धि के लिए ऐसे करें छठ पूजा (संपूर्ण विधि 2025) | Chhath Vrat Puja Vidhi 2025: Nahay‑Khay, Kharna & Arghya
छठ पूजा 2025 कब है? | Chhath Puja Date 2025
➤ कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता हैं। इस साल 2025 में छठ पूजा अक्टूबर महीने के 28 तारीख वार मंगलवार के दिन मनाया जायेगा।
छठ व्रत पुजा सामग्री लिस्ट 2025 | Chhath Puja Samagri List in Hindi
👉 बॉस या पितल की सूप, बॉस के फट्टे से बने दौरा व डलिया, पानी वाला नारियल, गन्ना पत्तो के साथ, नींबू बड़ा, शहद की डिब्बी, पान सुपारी, कैराव, सिंदूर, सुथनी, शकरकंदी, डगरा, हल्दी और अदरक का पौधा, नाशपाती, कपूर, कुमकुम, चावल अक्षत के लिए, चन्दन, फल, घर पर शुद्ध देसी घी में बना हुआ ठेकुवा जिसे हम लोग अग्रोटा भी कहते है।
छठ पूजा विधि: नहाय‑खाय, खरना व अर्घ्य स्टेप्स | Chhath Puja 2025: Vidhi, Katha, Muhurat, Geet, and Thekua Recipe
➤ छठ पूजा (Chhath Puja) चार दिवसीय उत्सव होता है इसकी शुरुआत कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर समाप्ति कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को होती है इस दौरान व्रत करने वाले लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं इस दौरान वे अन्न तो क्या पानी भी नहीं ग्रहण करते है।
👉 छठ पर्व के पहले दिन सेन्धा नमक, घी से बना हुआ अरवा चावल और कद्दू की सब्जी प्रसाद के रूप में ली जाती है फिर उससे अगले दिन से उपवास आरम्भ होता है जो भी व्यक्ति उपवास करते है वह दिन भर अन्न-जल त्याग कर शाम को आठ बजे के बाद से खीर बनाकर, पूजा करने के उपरान्त प्रसाद ग्रहण करते हैं, जिसे “खरना” कहते हैं तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य यानी दूध अर्पण करते हैं अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य चढ़ाते हैं पूजा में पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है छठ पर्व में खाने में लहसून व प्याज आदि खाना वर्जित होता है और अपने घरों छठ पर्व के गीत गाये जाते हैं।
छठ पर्व का पहला दिन – नहाय खाय | Chhath Puja Vidhi 2025: Complete 1st Day Vidhi – Nahay Khay Steps
➤ पहला दिन (Chhath Puja 1 Day) कार्तिक शुक्ल चतुर्थी ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है सबसे पहले घर की सफाई कर उसे पवित्र किया जाता है इसके पश्चात छठव्रती स्नान कर पवित्र तरीके से बने शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करते हैं घर के सभी उपवास करने वाले सदस्य भोजन ग्रहण करते हैं भोजन के रूप में कद्दू-दाल और चावल ग्रहण किया जाता है यह दाल चने की होती है।
👉 छठ पूजा चार दिवसीय उत्सव है इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को तथा समाप्ति कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है इस दौरान व्रत करने वाले लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं इस दौरान वे अन्न तो क्या पानी भी नहीं ग्रहण करते है।
छठ पर्व का दूसरा दिन – लोहंडा और खरना | Chhath Puja Vidhi 2025: Complete 2nd Day Vidhi – Kharna Steps
➤ दूसरे दिन (Chhath Puja 2 Day) कार्तिक शुक्ल पंचमी को व्रतधारी दिनभर का उपवास रखने के बाद शाम को भोजन करते हैं इसे ‘खरना’ कहा जाता है खरना का प्रसाद लेने के लिए आस-पास के सभी लोगों को निमंत्रित किया जाता है प्रसाद के रूप में गन्ने के रस में बने हुए चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई जाती है इसमें नमक या चीनी का उपयोग नहीं किया जाता है इस दौरान पूरे घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है और पूजा वाले घर में किसी अन्य व्यक्ति का जाना मना होता है।
छठ पर्व का तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य (डूबते सूरज की पूजा करना) | Chhath Puja Vidhi 2025: Complete 3rd Day Vidhi – Sandhya Arghya Steps
👉 तीसरे दिन (Chhath Puja 3 Day) कार्तिक शुक्ल षष्ठी को दिन में छठ का प्रसाद बनाया जाता है प्रसाद के रूप में ठेकुआ, जिसे कुछ क्षेत्रों में टिकरी भी कहते हैं, इसके अलावा चावल के लड्डू, जिसे लड़ुआ भी कहा जाता है, इससे बनाते हैं इसके अलावा चढ़ावा के रूप में लाया गया साँचा और उस मौसम में मिलने सभी फल भी छठ प्रसाद के रूप में शामिल होता है सभी अपने हैसियत के अनुसार फल की खरीदारी करते है गरीब से गरीब भी इस पर्व में शामिल होने के लिए पैसा इक्कठा करता है और पूजन करता है।
➤ शाम को पूरी तैयारी और व्यवस्था कर बाँस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है और व्रति के साथ परिवार तथा पड़ोस के सारे लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने घाट की ओर चल पड़ते हैं सभी छठव्रति एक नियत तालाब या नदी किनारे इकट्ठा होकर सामूहिक रूप से अर्घ्य दान संपन्न करते हैं सूर्य को जल और दूध का अर्घ्य दिया जाता है तथा छठी मैया की प्रसाद भरे सूप से पूजा की जाती है इस दौरान कुछ घंटे के लिए मेले जैसा दृश्य बन जाता है।
छठ पर्व का चौथा दिन – सुबह का अर्घ्य (उगते सूरज की पूजा करना) | Chhath Puja Vidhi 2025: Complete 4th Day Vidhi – Usha Arghya Steps
👉 चौथे दिन (Chhath Puja 4 Day) कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उदियमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है व्रति वहीं पुनः इकट्ठा होते हैं जहाँ उन्होंने पूर्व संध्या को अर्घ्य दिया था पुनः पिछले शाम की प्रक्रिया की पुनरावृत्ति होती है सभी व्रति तथा श्रद्धालु घर वापस आते हैं, व्रति घर वापस आकर गाँव के पीपल के पेड़ जिसको ब्रह्म बाबा कहते हैं वहाँ जाकर पूजा करते हैं पूजा के पश्चात् व्रति कच्चे दूध का शरबत पीकर तथा थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत पूर्ण करते हैं जिसे पारण या परना कहते हैं।
36 घंटे का कठिन व्रत सफल करने के लिए जानें छठ पूजा की सही विधि (PDF) | The Ultimate Chhath Puja Guide 2025: Rituals, Significance & Benefits in Hindi
➤ छठ पर्व में मंदिरों में पूजा अर्चना नहीं की जाती है और ना ही घर में साफ़-सफाई की जाती है छठ पर्व से दो दिन पूर्व चतुर्थी पर स्नानादि से निवृत्त होकर भोजन किया जाता है पंचमी तिथि को उपवास करके संध्याकाळ में किसी तालाब या नदी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्ध्य दिया जाता है तत्पश्चात अलोना भोजन किया जाता है।
👉 षष्ठी के दिन प्रात:काल स्नानादि के बाद संकल्प लिया जाता है संकल्प लेते समय नीचे दिए गये निम्न छठ व्रत पूजा मंत्र का उच्चारण करे: ॐ अद्य अमुकगोत्रोअमुकनामाहं मम सर्व, पापनक्षयपूर्वकशरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।
➤ नोट: दिए गये मंत्र में पहले अमुक के स्थान पर अपने गोत्र का नाम बोले व दूसरी बार अमुक वाले स्थान पर अपना नाम बोलेन इस दिन पूरा दिन निराहार और नीरजा निर्जल रहकर पुनः नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और सूर्यदेव को अर्ध्य दिया जाता है।
Chhath Vrat Puja Vidhi 2025: सूर्य को अर्ध्य देने की विधि
👉 छठ पर्व के दिन सूर्य को भी अर्ध्य देने की भी एक विधि होती है एक बांस के सूप में केला एवं अन्य फल, अलोना प्रसाद, ईख आदि रखकर उसे पीले वस्त्र से ढक दें तत्पश्चात दीप जलाकर सूप में रखें और सूप को दोनों हाथों में लेकर नीचे दिए गये निम्न मन्त्र का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्यदेव को अर्ध्य दें।
छठी मैया पूजा मंत्र 2025: Chhath Vrat Puja Mantra In Hindi
➤ छठ व्रत पूजा मंत्र: ॐ एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते॥

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