छठ पूजा कथा 2025: यह कथा सुनने से मिलता है संतान और सौभाग्य का वरदान Chhath Puja Vrat Katha in Hindi PDF छठ पूजा का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना की जाती हैं ऐसा करने से व्यक्ति को पारिवारिक सुख, समृद्धि तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं।
छठ पूजा व्रत कथा 2025: पढ़ें छठी मैया की यह पौराणिक कहानी | Sampurna Chhath Puja Vrat Katha Aur Puja Vidhi (2025)
हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।
हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)

Chhath Puja Vrat Katha PDF in Hindi (Free Download 2025) | इस कथा के बिना अधूरा है छठ का 36 घंटे का कठिन व्रत, जानें पूरी कहानी
➤ जानें छठ पूजा का महत्व, इतिहास और कथा
➤ छठ पूजा के दौरान सूर्य अर्घ्य देते समय करें यह एक उपाय, सूर्य देव की कृपा से पूरी होगी हर इच्छा
➤ छठ पूजा 4 दिन की संपूर्ण विधि: नहाय खाय, खरना से लेकर अर्घ्य तक (2025)
➤ संतान प्राप्ति और उसकी लंबी आयु के लिए करें ये महाउपाय
जब राजा प्रियव्रत को मिला मृत पुत्र, पढ़ें छठ की वह चमत्कारी कथा | Chhath Puja 2025: Vrat Katha, Puja Vidhi, Nahay Khay & Kharna Details
छठ पूजा 2025 कब है? जानें सही तारीख | Chhath Puja 2025: Date, Puja Vidhi & Time
👉 कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता हैं। इस साल 2025 में छठ पूजा अक्टूबर महीने के 28 तारीख वार मंगलवार के दिन मनाया जायेगा।
छठ पूजा व्रत कथा (संपूर्ण कहानी) | Chhath Puja Katha 2025: The Story of King Priyavrat & Chhathi Maiya
छठ पूजा से सम्बंधित पौराणिक कथा के अनुसार प्रियव्रत नाम के एक राजा थे उनकी पत्नी का नाम मालिनी था परंतु दोनों की कोई संतान न थी इस बात से राजा और उसकी पत्नी बहुत दुखी रहते थे उन्होंने एक दिन संतान प्राप्ति की इच्छा से महर्षि कश्यप द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया इस यज्ञ के फल स्वरूप रानी गर्भवती हो गई। Chhath Puja Vrat Katha
नौ महीने बाद संतान सुख को प्राप्त करने का समय आया तो रानी को मरा हुआ पुत्र प्राप्त हुआ इस बात का पता चलने पर राजा को बहुत दुख हुआ संतान शोक में वह आत्म हत्या का मन बना लिया परंतु जैसे ही राजा ने आत्महत्या करने की कोशिश की उनके सामने एक सुंदर देवी प्रकट हुईं। Chhath Puja Vrat Katha
देवी ने राजा को कहा कि “मैं षष्टी देवी हूं” मैं लोगों को पुत्र का सौभाग्य प्रदान करती हूं इसके अलावा जो सच्चे भाव से मेरी पूजा करता है मैं उसके सभी प्रकार के मनोरथ को पूर्ण कर देती हूं यदि तुम मेरी पूजा करोगे तो मैं तुम्हें पुत्र रत्न प्रदान करूंगी” देवी की बातों से प्रभावित होकर राजा ने उनकी आज्ञा का पालन किया। Chhath Puja Vrat Katha
राजा और उनकी पत्नी ने कार्तिक शुक्ल की षष्टी तिथि के दिन देवी षष्टी की पूरे विधि -विधान से पूजा की इस पूजा के फलस्वरूप उन्हें एक सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई तभी से छठ का पावन पर्व मनाया जाने लगा। Chhath Puja Vrat Katha
छठ व्रत के संदर्भ में एक अन्य कथा के अनुसार जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा इस व्रत के प्रभाव से उसकी मनोकामनाएं पूरी हुईं तथा पांडवों को राजपाट वापस मिल गया। Chhath Puja Vrat Katha

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
