छठ पूजा कथा 2026: यह कथा सुनने से मिलता है संतान और सौभाग्य का वरदान Chhath Puja Vrat Katha in Hindi PDF छठ पूजा का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना की जाती हैं ऐसा करने से व्यक्ति को पारिवारिक सुख, समृद्धि तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं।
छठ पूजा व्रत कथा 2026: पढ़ें छठी मैया की यह पौराणिक कहानी | Sampurna Chhath Puja Vrat Katha Aur Puja Vidhi 2026
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Chhath Puja Vrat Katha PDF in Hindi (Free Download 2026) | इस कथा के बिना अधूरा है छठ का 36 घंटे का कठिन व्रत, जानें पूरी कहानी
जब राजा प्रियव्रत को मिला मृत पुत्र, पढ़ें छठ की वह चमत्कारी कथा | Chhath Puja 2026: Vrat Katha, Puja Vidhi, Nahay Khay & Kharna Details
छठ पूजा 2026 कब है? जानें सही तारीख | Chhath Puja 2026: Date, Puja Vidhi & Time
👉 कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता हैं। इस साल 2026 में छठ पूजा नवम्बर महीने के 15 तारीख वार रविवार के दिन मनाया जायेगा।
छठ पूजा व्रत कथा (संपूर्ण कहानी) | Chhath Puja Katha 2026: The Story of King Priyavrat & Chhathi Maiya
छठ पूजा से सम्बंधित पौराणिक कथा के अनुसार प्रियव्रत नाम के एक राजा थे उनकी पत्नी का नाम मालिनी था परंतु दोनों की कोई संतान न थी इस बात से राजा और उसकी पत्नी बहुत दुखी रहते थे उन्होंने एक दिन संतान प्राप्ति की इच्छा से महर्षि कश्यप द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया इस यज्ञ के फल स्वरूप रानी गर्भवती हो गई। Chhath Puja Vrat Katha
नौ महीने बाद संतान सुख को प्राप्त करने का समय आया तो रानी को मरा हुआ पुत्र प्राप्त हुआ इस बात का पता चलने पर राजा को बहुत दुख हुआ संतान शोक में वह आत्म हत्या का मन बना लिया परंतु जैसे ही राजा ने आत्महत्या करने की कोशिश की उनके सामने एक सुंदर देवी प्रकट हुईं। Chhath Puja Vrat Katha
देवी ने राजा को कहा कि “मैं षष्टी देवी हूं” मैं लोगों को पुत्र का सौभाग्य प्रदान करती हूं इसके अलावा जो सच्चे भाव से मेरी पूजा करता है मैं उसके सभी प्रकार के मनोरथ को पूर्ण कर देती हूं यदि तुम मेरी पूजा करोगे तो मैं तुम्हें पुत्र रत्न प्रदान करूंगी” देवी की बातों से प्रभावित होकर राजा ने उनकी आज्ञा का पालन किया। Chhath Puja Vrat Katha
राजा और उनकी पत्नी ने कार्तिक शुक्ल की षष्टी तिथि के दिन देवी षष्टी की पूरे विधि -विधान से पूजा की इस पूजा के फलस्वरूप उन्हें एक सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई तभी से छठ का पावन पर्व मनाया जाने लगा। Chhath Puja Vrat Katha
छठ व्रत के संदर्भ में एक अन्य कथा के अनुसार जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए, तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा इस व्रत के प्रभाव से उसकी मनोकामनाएं पूरी हुईं तथा पांडवों को राजपाट वापस मिल गया। Chhath Puja Vrat Katha

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