दत्तात्रेय स्तोत्र (PDF): अर्थ और पाठ विधि Dattatreya Stotram Lyrics in Sanskrit & Hindi भगवान श्री दत्तात्रेय जी भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव के मिलकर रूप बनाया हैं। भगवान श्री दत्तात्रेय जी एक संत है जिनके बारे में हिन्दू पुराणों में पढ़ने को मिल जायेगा। भगवान श्री दत्तात्रेय जी अनसूया और महर्षि अत्री के पुत्र हैं। दत्तात्रेय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना हैं का इसका दत्त और अत्री जिसमे दत्त का अर्थ है साधना और अत्री (ऋषि अत्री उनके पिता जी)।
भगवान श्री दत्तात्रेय जी को प्रकृति यानी पर्यावरण शिक्षा के गुरु के रूप में माना जाता है। Sri Dattatreya Stotram का नियमित रूप से जो व्यक्ति पाठ करता है उसे मानसिक परेशानी नही रहती हैं उसका मन शांत रहता हैं। श्रीभगवान दत्तात्रेय का स्मरण करते हुए उनके मंत्रों का जप करता हैं एवं उनके श्री नारद पुराण में रचित दिव्य स्तोत्र का पाठ करता हैं उन मनुष्य के जीवन के सभी कष्ट दूर होने के साथ पितरदोष से भी मुक्ति मिलने के साथ सतत उन्नति करने लगता है। Sri Dattatreya Stotram आदि के बारे में बताने जा रहे हैं।
संपूर्ण दत्तात्रेय स्तोत्र लिरिक्स | Dattatreya Stotram PDF Download (Hindi & Sanskrit)
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श्री दत्तात्रेय स्तोत्र (PDF Download) | Sri Guru Dattatreya Stotram: Protection, Success & Spiritual Growth
श्री दत्तात्रेय स्तोत्र | Sri Dattatreya Stotram Lyrics in Sanskrit
जटाधरं पाण्डुराङ्गं शूलहस्तं कृपानिधिम् ।
सर्वरोगहरं देवं दत्तात्रेयमहं भजे ॥1॥
अस्य श्रीदत्तात्रेयस्तोत्रमन्त्रस्य भगवान् नारदऋषिः ।
अनुष्टुप् छन्दः । श्रीदत्तपरमात्मा देवता । श्रीदत्तप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥
जगदुत्पत्तिकर्त्रे च स्थितिसंहार हेतवे । भवपाशविमुक्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥
जराजन्मविनाशाय देहशुद्धिकराय च ।
दिगम्बरदयामूर्ते दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥2॥
कर्पूरकान्तिदेहाय ब्रह्ममूर्तिधराय च ।
वेदशास्त्रपरिज्ञाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥3॥
र्हस्वदीर्घकृशस्थूल-नामगोत्र-विवर्जित ।
पञ्चभूतैकदीप्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥4॥
यज्ञभोक्ते च यज्ञाय यज्ञरूपधराय च ।
यज्ञप्रियाय सिद्धाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥5॥
आदौ ब्रह्मा मध्य विष्णुरन्ते देवः सदाशिवः ।
मूर्तित्रयस्वरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥6॥
भोगालयाय भोगाय योगयोग्याय धारिणे ।
जितेन्द्रियजितज्ञाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥7॥
दिगम्बराय दिव्याय दिव्यरूपध्राय च ।
सदोदितपरब्रह्म दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥8॥
जम्बुद्वीपमहाक्षेत्रमातापुरनिवासिने ।
जयमानसतां देव दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥9॥
भिक्षाटनं गृहे ग्रामे पात्रं हेममयं करे ।
नानास्वादमयी भिक्षा दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥10॥
ब्रह्मज्ञानमयी मुद्रा वस्त्रे चाकाशभूतले ।
प्रज्ञानघनबोधाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥11॥
अवधूतसदानन्दपरब्रह्मस्वरूपिणे ।
विदेहदेहरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥12॥
सत्यंरूपसदाचारसत्यधर्मपरायण ।
सत्याश्रयपरोक्षाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥13॥
शूलहस्तगदापाणे वनमालासुकन्धर ।
यज्ञसूत्रधरब्रह्मन् दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥14॥
क्षराक्षरस्वरूपाय परात्परतराय च ।
दत्तमुक्तिपरस्तोत्र दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥15॥
दत्त विद्याढ्यलक्ष्मीश दत्त स्वात्मस्वरूपिणे ।
गुणनिर्गुणरूपाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥16॥
शत्रुनाशकरं स्तोत्रं ज्ञानविज्ञानदायकम् ।
सर्वपापं शमं याति दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥17॥
इदं स्तोत्रं महद्दिव्यं दत्तप्रत्यक्षकारकम् ।
दत्तात्रेयप्रसादाच्च नारदेन प्रकीर्तितम् ॥18॥
॥ इति श्रीनारदपुराणे नारदविरचितं दत्तात्रेयस्तोत्रं सुसम्पूर्णम् ॥

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