धनतेरस 2026 पूजा विधि: जानें शुभ मुहूर्त, संपूर्ण सामग्री लिस्ट और नियम | Dhanteras Puja Vidhi 2026: A Step-by-Step Guide with Samagri & Muhurat उत्तरी भारत में कार्तिक कृ्ष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का पर्व पूरी श्रद्धा व विश्वास से मनाया जाता है धनवन्तरी के अलावा इस दिन, देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की भी पूजा करने की मान्यता है धनतेरस के दिन कुबेर के अलावा यमदेव को भी दीपदान किया जाता है यमदेव की पूजा करने के विषय में एक मान्यता है कि इस दिन यमदेव की पूजा करने से घर में असमय मृ्त्यु का भय नहीं रहता है धनतेरस पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करने से सुख-समृद्धि व आरोग्य की प्राप्ति होती है।
संपूर्ण धनतेरस पूजन विधि: लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि पूजा का सही तरीका | Dhanteras Puja Vidhi 2026: Step-by-Step Method & Puja Samagri List
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घर पर धनतेरस पूजा करने की सबसे आसान विधि | Dhanteras Easy Puja Method
धनतेरस पूजा विधि और सामग्री | Dhanteras Puja Vidhi: Lakshmi Kuber Worship Method & Muhurat 2026
धनतेरस 2026 कब है? | When is Dhanteras 2026
➤ कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस कहते हैं इस साल 2026 में धनतेरस पूजा नवम्बर महीने के 06 तारीख वार शुक्रवार के दिन बनाया जायेगा।
धनतेरस 2026 पूजा समय | Dhanteras Puja Timings 2026
प्रदोष काल मुहूर्त – संध्या 05:56 से रात्रि 08:26 तक
👉 धनतेरस पूजा प्रदोष काल में करना शुभ रहता हैं प्रदोष काल 2 घण्टे एवं 24 मिनट का होता हैं अपने शहर के सूर्यास्त समय अवधि से लेकर अगले 2 घण्टे 24 मिनट कि समय अवधि को प्रदोष काल माना जाता हैं अलग- अलग शहरों में प्रदोष काल के निर्धारण का आधार सूर्योस्त समय के अनुसार निर्धारीत करना चाहिये धनतेरस के दिन प्रदोषकाल में दीपदान व लक्ष्मी पूजन करना शुभ रहता है।
धनतेरस पूजा 2026 शुभ मुहूर्त | Dhanteras Puja Auspicious Time 2026
➤ धनतेरस पूजा मुहूर्त – संध्या 06:24 से रात्रि 08:26 बजे तक।
धनतेरस पूजा सामग्री लिस्ट हिंदी में | Dhanteras Puja Samagri List 2026
👉 Dhanteras Puja Vidhi में भगवान धन्वन्तरि की मूर्ति या चित्र, चावल, गंध, अबीर, गुलाल पुष्प, रोली, चांदी के पात्र, पान, लौंग, सुपारी, मौली।
घर पर धनतेरस पूजा करने की सबसे आसान विधि | Dhanteras Dhanvantari Puja Vidhi: Health & Wealth
➤ धनतेरस पूजा (Dhanteras Puja) करने से पहले जातक को सर्वप्रथम नहाकर साफ वस्त्र धारण करें भगवान धन्वन्तरि की मूर्ति या चित्र साफ स्थान पर स्थापित करें तथा स्वयं पूर्वाभिमुख होकर बैठ जाएं उसके बाद भगवान धन्वन्तरि का आह्वान निम्न मंत्र से करें –
धनतेरस पूजा मंत्र | Dhanteras Puja Mantra 2026
सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं, अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।
गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।
👉 इसके पश्चात पूजन स्थल पर आसन देने की भावना से चावल चढ़ाएं इसके बाद आचमन के लिए जल छोड़े भगवान धन्वन्तरि के चित्र पर गंध, अबीर, गुलाल पुष्प, रोली, आदि चढ़ाएं चांदी के पात्र में खीर का नैवैद्य लगाएं (अगर चांदी का पात्र उपलब्ध न हो तो अन्य पात्र में भी नैवेद्य लगा सकते हैं) तत्पश्चात पुन: आचमन के लिए जल छोड़े मुख शुद्धि के लिए पान, लौंग, सुपारी चढ़ाएं भगवान धन्वन्तरि को वस्त्र (मौली) अर्पण करें शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि पूजनीय औषधियां भी भगवान धन्वन्तरि को अर्पित करें रोगनाश की कामना के लिए इस मंत्र का जाप करें।
धन्वन्तरि पूजा मंत्र | Dhanvantari Puja Mantra 2026
➤ ऊँ रं रूद्र रोगनाशाय धन्वन्तर्ये फट् ||
धनतेरस पर लक्ष्मी पूजन की संपूर्ण विधि और मंत्र | Dhanteras Lakshmi Puja Vidhi & Mantra
👉 इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजन करने के साथ-साथ सात धान्यों (गेंहूं, उडद, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर) की पूजा की जाती है सात धान्यों के साथ ही पूजन सामग्री में विशेष रुप से स्वर्णपुष्पा के पुष्प से भगवती का पूजन करना लाभकारी रहता है इस दिन धनतेरस पूजा में भोग लगाने के लिये नैवेद्ध के रुप में श्वेत मिष्ठान का प्रयोग किया जाता है, इसके साथ ही इस दिन स्थिर लक्ष्मी की भी पूजा करने का विशेष महत्व है।
धनतेरस पर कुबेर पूजन की संपूर्ण विधि और मंत्र | Dhanteras Kuber Puja Vidhi & Mantra
➤ शुभ मुहूर्त में धनतेरस के दिन धूप, दीप, नैवैद्ध से पूजन करने के बाद बताये गए निम्न मंत्र का जाप करें इस धनतेरस पूजा मंत्र का जाप करने से भगवन धनवन्तरी बहुत खुश होते हैं, जिससे धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये।
धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।।
👉 – पूजा करने के बाद घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर मुख वाला दीपक जिसमें कुछ पैसा और कौड़ी डालकर पूरी रात्रि जलाना चाहिए।
👉 – पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार देवताओं व दैत्यों ने जब समुद्र मंथन किया तो उसमें से कई रत्न निकले समुद्र मंथन के अंत में भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए उस दिन कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी ही थी इसलिए तब से इस तिथि को भगवान धन्वन्तरि का प्रकटोत्सव मनाए जाने का चलन प्रारंभ हुआ।
धनतेरस पर यम का दीपक (यमदीप दान) जलाने की सही विधि और नियम | How to do Yamdeep Daan on Dhanteras: The Correct Vidhi & Mantra
➤ कच्ची मिटटी या आटे का बना चौमुखी दीपक बनाकर रखें। उसमें सरसों का तेल भरकर फिर एक सिक्का ड़ालें। घर के सदस्यों के तिलक करें। फिर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके उस दीपक को चौराहे या घर के मेन गेट पर रख दें। और नीचे बताये गये मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं होगा। इसे यमराज के लिए भी दीपदान करना कहते हैं।
यम दीपक जलाने का मंत्र | Yamdeep Daan Mantra
👉 मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्॥

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