Gangaur Puja Geet 2025 : गणगौर पूजा के गीत गौर-गौर गणपति-ईसर पूजै पार्वती

Gangaur Puja Geet 2025 : गणगौर पूजा के गीत गौर-गौर गणपति-ईसर पूजै पार्वती गणगौर एक त्योहार है जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है। होली के दूसरे दिन यानी चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से जो नवविवाहिताएं प्रतिदिन गणगौर पूजती हैं। वे चैत्र शुक्ल द्वितीया के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपनी पूजी हुई गणगौरों को पानी पिलाती हैं और दूसरे दिन सायंकाल के समय उनका विसर्जन कर देती हैं।

Gangaur Puja Geet
Gangaur Puja Geet

यह व्रत विवाहिता लड़कियों के लिए पति का अनुराग उत्पन्न कराने वाला और कुमारियों को उत्तम पति देने वाला है। इससे सुहागिनों का सुहाग अखंड रहता है। हम यंहा आपको गणगौर पूजा के गीत के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

गणगौर गीत

प्रार्थना

गौरि ए गणगौरी माता ! खोल किवाड़ी ‘

बाहर    उबी    थारी   पुजनवाली |

पूजो ए पूजाओ बाई , काई  – काई  ! मांगों ?

अन्न मांगों , धन मांगों , लाछ मांगों ,  लछमी ||

जलहर  जामी बाबल माँगा रातादेई माई |

कान कुंवर सो बीरों माँगा राई सी भोजाई

ऊंट चढ्यो बहणेंई माँगा चुडला वाली बहणल ||

गौर – गौर गणपति ईसर पूजे पार्वती

पार्वती का आला गीला , गौर का सोना का टिका ,

टिका दे , टमका दे , राजा रानी बरत करे ,

करता करता , आस आयो वास आयो ,

खेरो   खांडो   लाडू  लायो,

लाडू ले बीरा न दियो ,बीरो म्हाने चुनड  दी

चुनड को में बरत करयो

सन मन सोला, ईसर गोरजा ,

दोनु जौड़ा, जोर ज्वार

रानी पूजे राज में, मैं पूजा सुहाग में ,

रानी को राज घटतो जाई, म्हाखो सुहाग बढतों जाय ,

किडी किडी कीड़ो ल्याय, किडी थारी जात दे ,

जात दे , गुजरात दे, गुजरात्या को पानी

दे दे थम्बा तानी, ताणी का सिघडा, बारी का बुजारा

म्हारो भाई एम्ल्यो खेम्ल्यो,

सेर सिंघाड़ा ल्यो, पेफ का फूल ल्यो,

सूरज जी को डोरों ल्यो, सोना को कचोलो ल्यो

गणगौर पूज ल्यो |

पाटा धोने का गीत

पाटो धोय पाटो धोय , बीरा की बहन पाटो धो ,

पाटा ऊपर पिलो पान , महे जास्या बीरा की जान ,

जान जास्या , पान खास्या , बीरा न परनार ल्यास्या ,

अली गली में  साँप जाय , भाभी थारो बाप जाय ,

अली गली गाय जाय , भाभी तेरी माय जाये ,

दूध में  डोरों , म्हारो भाई गोरो ,

खाट पर खाजा , म्हारो भाई राजा ,

थाली में जीरो म्हारो भाई हीरो ,

थाली में हैं , पताशा बीरा करे तमाशा

ए खेले नंदी बैल , ओ पानी कठे जासी राज ,

आधो जासी अली गली ,आधो ईसर न्हासी राज ,

ईसर जी तो न्हाय लिया , गौर बाई न्हासी राज ,

गौरा बाई रे बेटो जायो , भुवा बधाई ल्याई राज ,

अरदा तानो परदा तानो , बंदरवाल बंधाओ राज ,

सार की सुई पाट का धागा, भुआ बाई के कारने भतीजा रहगया नागा ,

नागा नागा काई करो और सिवास्या बागा ,

ओडा खोडो का गीत

ओडो छे खोड़ो छे घुघराए , रानियारे माथे मोर ,

ईसर दास जी , गौरा छे घुघराए रानियारे माथे मोर ….

[इसी प्रकार पुरे परिवार के सदस्यों का नाम ले]

इसी के साथ आरत्या भी करे |

एक बड़े दिये में एक कोढ़ी, सुपारी, चांदी की अगुठी और एक रुपया डाल कर उसमे थौड़ा पानी डाल कर लोटे के ऊपर रख कर आरती गाये|

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