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Hayagriva Puja Vidhi in Hindi – हयग्रीव पूजा विधि, सामग्री और लाभ, हयग्रीव जयंती पर करें यह विशेष पूजा

Hayagriva Puja Vidhi in Hindi – हयग्रीव पूजा विधि, सामग्री और लाभ, हयग्रीव जयंती पर करें यह विशेष पूजा भगवान हयग्रीव अथवा हयशीर्ष भगवान विष्णु जी के ही अवतार हैं इनका सिर घोड़े का है। पुराणों में भगवान के इस स्वरूप से संबन्धित कथाएँ मिलती हैं। हम आपको श्री हयग्रीव जयंती पर भगवान Shri Hayagriva Puja Vidhi बताने जा रहे है आप हमारे द्वारा बताये गये श्री हयग्रीव जी की पूजन विधि से श्री हयग्रीव जी को खुश कर सकते है व अपनी मनोकामना पूरी करवा सकते हैं।

Hayagriva Puja Vidhi Step by Step – हयग्रीव पूजा सामग्री, मंत्र और विधि

हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।

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Hayagriva Puja Vidhi
Hayagriva Puja Vidhi

श्री हयग्रीव जंयती कब मनाई जाती हैं?

सावन मास की शुल्क पक्ष की चतुर्दशी तिथि को श्री हयग्रीव जंयती का पर्व मनाया जाता है।

श्री हयग्रीव जंयती 2025 कब हैं?

इस साल 2025 में श्री हयग्रीव जंयती 08 अगस्त, वार शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।

श्री हयग्रीव पूजा मुहूर्त

सुबह 05:55 से सुबह 10:53 मिनट तक (चर, लाभ, अमृत चौघडिया मुहूर्त सहित)

दोपहर 12:06 से दोपहर 12:59 मिनट तक (अभिजित मुहूर्त सहित)

दोपहर 12:32 से दोपहर 02:12 बजे तक (शुभ चौघडिया मुहूर्त सहित)

Hayagriva Jayanti 2025 Puja Vidhi – हयग्रीव जयंती पर करें यह विशेष पूजा

श्री हयग्रीव जी का पूजन करते समय पूर्व दिशा व उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। सर्वप्रथम भगवान श्री गणेश जी का पूजन करें। श्री गणेश जी को स्नान कराकर उन्हें वस्त्र अर्पित करें। गंध, पुष्प , धूप ,दीप, अक्षत से पूजन करें। उसके बाद अब भगवान Shri Hayagriva Puja करें। पहले श्री हयग्रीव जी को पंचामृत व् जल से स्नान कराएं । उन्हें वस्त्र अर्पित करें। वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं। अब पुष्पमाला पहनाएं। अब तिलक करें। “ॐ नमो भगवते आत्मविशोधनाय नमः” मंत्र का उच्चारण करते हुए श्री हयग्रीव जी को तिलक लगाएं। इसके पश्चात अपने हाथ में चावल व फूल लें व इस मंत्र का उच्चारण करते हुए श्री हयग्रीव जी का ध्यान करें।

हयग्रीव पूजा ध्यान मंत्र

अंगन्यास 

ब्रह्मा ऋषि:| अनुष्टुप् छन्द:|  श्री हयग्रीव: परमात्मा देवता |

हकारं बीजं | यकारं शक्ति:| ग्रीवः कीलकम् |

श्रीहयग्रीव-प्रसाद-सिद्धयर्थे जपे विनियोग:||

करन्यास:

उद्गीथ प्रणवोद्गीथ अंगुष्ठाभ्यां नमः ।  सर्ववागीश्वरेश्वर  तर्जनीभ्यां नमः ।  

सर्ववेदमयाचिन्त्य मध्यमाभ्यां नमः । सर्वं  बोधय बोधय अनामिकाभ्यां नमः ।   

उद्गीथ प्रणवोद्गीथ सर्ववागीश्वरेश्वर कनिष्ठिकाभ्यां नमः ।

सर्ववेदमयाचिन्त्य सर्वं बोधय बोधय करतल-करपृष्ठाभ्यां नमः |

हृदयादि न्यास:

उद्गीथ प्रणवोद्गीथ हृदयाय नमः । सर्ववागीश्वरेश्वर  शिरसे स्वाहा ।  

सर्ववेदमयाचिन्त्य शिखायै वषट् ।

सर्वं  बोधय बोधय कवचाय हुं । उद्गीथ प्रणवोद्गीथ सर्ववागीश्वरेश्वर नेत्रत्रयाय वौषट् ।  

सर्ववेदमयाचिन्त्य सर्वं  बोधय बोधय अस्त्राय फट् | भूर्भुवस्वरोमिति दिग्बंध्:।

|| ध्यानम् ||

हस्तैर्दधानम् मालां च पुस्तकं वर पंकजम्।

कर्पूराभम् सौम्य-रूपम् नाना भूषणभूषितम्॥

हयग्रीव जयंती पूजा मंत्र

ॐ हयग्रीव नारायणाय नमः लं पृथिव्यात्मकम् गंधम् समर्पयामि।

ॐ हयग्रीव नारायणाय नमः हं आकाशात्मकम् पुष्पम् समर्पयामि।

ॐ हयग्रीव नारायणाय नमः यं वायवात्मकम् धूपम् आघ्रापयामि।

ॐ हयग्रीव नारायणाय नमः रं वह्न्यात्मकम् दीपम् दर्शयामि।

ॐ हयग्रीव नारायणाय नमः वं अमृतात्मकम् नैवेद्यम् निवेदयामि।

ॐ हयग्रीव नारायणाय नमः सौं सर्वात्मकम् सर्वोपचाराणि मनसा परिकल्प्य समर्पयामि।

इसके बाद श्री हयग्रीव जी को गंध, फूल, धूप, दीप व नैवेद्य अर्पित करें। श्रद्धानुसार घी या तेल का दीपक लगाएं।

हयग्रीव पूजा मंत्र

“॥ॐ नमो भगवते आत्मविशोधनाय नमः॥”

या

“॥ ॐ वागीश्वराय विद्महे हयग्रीवाय धीमहि तन्नो हंसः प्रचोदयात्॥”

दिए गए मंत्रों में से किसी एक मंत्र का Shri Hayagriva Puja में जाप करें उसके बाद श्री हयग्रीव स्तोत्र का पाठ करें। Shri Hayagriva Puja, मंत्र जप और आरती के दौरान हुए जाने-अनजाने दोषों के लिए क्षमा प्रार्थना कर सारी परेशानियों और चिंतामुक्ति के लिए कामना करें।

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