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Kanya Pujan Vidhi 2025: Step-by-Step Guide | नवरात्रि कन्या पूजन विधि: संपूर्ण सामग्री, भोग और नियम

Kanya Pujan Vidhi 2025: Step-by-Step Guide | नवरात्रि कन्या पूजन विधि: संपूर्ण सामग्री, भोग और नियम यह तो आप सब जानते हो की नवरात्र पर्व के अंतिम दो दिनों अर्थात् अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करने का विधान माना जाता है इस दौरान छोटी-छोटी कन्याओं को अपने घर बुलाकर उनका पूजन करके भोजन कराया जाता है दुर्गा अष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं को 9 देवी का रूप मानकर अपने घर बुलाकर उनका स्वागत किया जाता है मान्यता जाता है की ऐसा करनें से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।

हम यंहा आपको कन्या पूजन कैसे करना चाहिए इसके करने से आपके जीवन में क्या लाभ मिलते हैं आदि के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं हमारे द्वारा बताये जा रहे नवरात्रि में कन्या पूजन विधि कैसे करे को करके आप भी सही प्रकार से नवरात्रि समापन करके माँ दुर्गा को पसंद कर सकते हैं।

कन्या पूजन की सबसे सरल विधि (घर पर) | The simplest method for Kanya Pujan at home

हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।

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Navratri Kanya Pujan Vidhi 2025
Kanya Pujan Vidhi

माँ दुर्गा को प्रसन्न करने वाली सही कन्या पूजन विधि (अष्टमी/नवमी) | The correct Kanya Pujan method to please Maa Durga (Ashtami/Navami))

Kanya Pujan 2025: Date & Time (Shubh Muhurat) कन्या पूजन 2025 शुभ मुहूर्त (अष्टमी-नवमी): जानें सही समय और तिथि

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार कन्या पूजन नवरात्रि की नवमी तिथि के दिन किया जाना चाहिए परंतु यदि अपने पारिवारिक या सामाजिक परंपरा के कारण अलग अलग जगहों और अलग अलग तिथियो के दिन कन्या पूजन किया जाता हैं इसलिए कन्या पूजन नवरात्रि की नवमी तिथि तो कहीं जगह अष्टमी तिथि के दिन किया जाता हैं।

🙏 आज अष्टमी/नवमी है, घर पर ऐसे करें कन्या पूजन | Kanya Pujan Vidhi | Step by Step Kanjak Puja

👉 – कन्या पूजन के लिए कम से कम 9 कन्याओं को श्रद्धापूर्वक अपने घर में भोजन के लिए आमंत्रित करना चाहिए।

👉 – कन्याओं की कम से कम आयु 3 वर्ष से अधिकतम 10 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

👉 – इससे अधिक एवं अन्य आयु वर्ग की कन्याओं को भोजन के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।

👉 – कन्या पूजन के समय एक लड़का भी होना चाहिए क्योंकि यह बालक भैरव का प्रतीक माना जाता है।

👉 – आमंत्रित कन्या आने पर सर्वप्रथम उनके हाथ धुलवाएं और अपने हाथों से उनके पैरों को धोये।

👉 – उसके बाद कन्याओं को श्रद्धापूर्वक आसन प्रदान करें।

👉 – फिर सभी कन्याओं को पौष्टिक भोजन परोसे भोजन में हलवा-पूरी, सुखे काले चने और खीर अनिवार्य रूप से माने गए हैं।

👉 – कन्याओं के भोजन करने के बाद उनके हाथ धुलवाएं और उनको तिलक लगाये ।

👉 – उसके बाद कन्याओं के पैरों के अंगूठे पर कुमकुम, चंदन, फूल और अखंडित चावल अर्पित करके सभी नौ कन्याओं की आरती करें।

👉 – फिर अपने क्षमता के अनुसार फल, वस्त्र और दक्षिणा प्रदान करें। (Kanya Pujan Food and Gift List)

जानें कंजक पूजा विधि 2025: Benefits of Navratri Kanya Pujan

🕉️ – नवरात्र में सभी तिथियों को एक-एक और अष्टमी या नवमी को नौ कन्याओं की पूजा होती है।

🕉️ – दो वर्ष की कन्या (कुमारी) पूजन से जातक के सभी प्रकार के दु:ख और दरिद्रता दूर होती हैं।

🕉️ – तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति रूप में मानी जाती है इनके पूजन से जातक के परिवार में सुख-समृद्धि व धन-धान्‍य में वृद्धि होती हैं।

🕉️ – चार वर्ष की कन्या को कल्याणी रूप माना जाता है इस कन्या पूजन से जातक के परिवार में रहने वाले सभी सदस्यों का कल्याण होता है।

🕉️ – जबकि पांच वर्ष की कन्या रोहिणी कहलाती है इन कन्या पूजन से जातक रोग से मुक्त हो जाता है।

🕉️ – छह वर्ष की कन्या को कालिका रूप कहा गया है कालिका रूप से विद्या, विजय, राजयोग की प्राप्ति होती है।

🕉️ – सात वर्ष की कन्या को चंडिका रूप कहा गया है चंडिका रूप की कन्या पूजन से जातक को ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

🕉️ – आठ वर्ष की कन्या शाम्‍भवी रूप कहलाती है इसका पूजन करने से जातक सभी प्रकार के वाद-विवाद में विजय प्राप्त होती है।

🕉️ – नौ वर्ष की कन्या दुर्गा रूप कहलाती है इसका कन्या पूजन करने से जातक के सभी शत्रुओं का नाश होता है और कठिन और असाध्य कार्य पूर्ण होते हैं।

🕉️ – दस वर्ष की कन्या सुभद्रा कहलाती है इन कन्या पूजन से माँ दुर्गा अपने भक्तों के सारे मनोकामना पूर्ण करती है।

मान्यता है कि कन्या पूजन करने से जातक की गरीबी और दरिद्रता समाप्त होती है यदि आप कर्ज में डूबे हुए हो तो आपको इससे मुक्ति मिल जाती है व्यक्ति के धन एवं आयु में वृद्धि होती है और जातक अपने सभी प्रकार के शत्रुओं पर विजय पाता है सभी तरह की विद्या व ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन में सदा सुख एवं समृद्धि का कारण बनती है।

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