Maa Kushmanda Mantra : नवरात्रि का चौथे दिन, मां कुष्माण्डा देवी माता से फल प्राप्ति के लिए करें इस मंत्र का जाप श्री दुर्गा जी का चौथी अवतार कूष्मांडा हैं नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है यह देवी अपनी मंद हंसी से ब्रह्माण्ड का निर्माण करने वाली “माँ कूष्मांडा” देवी दुर्गा का चौथा स्वरुप हैं।
कुष्मांडा मंत्र
सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते। भयेभ्य्स्त्राहि नो देवि कूष्माण्डेति मनोस्तुते॥
ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥
कुष्मांडा प्रार्थना मंत्र
वन्दे वांछित कामर्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्। सिंहरूढाअष्टभुजा कुष्माण्डायशस्वनीम्॥
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
कुष्मांडा स्तुति: मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
कुष्मांडा बीज मंत्र
ऐं ह्री देव्यै नम:।
कुष्मांडा महामंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
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