Nag Panchami Puja Vidhi in Hindi – नाग पंचमी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त एवं व्रत नियम सावन मास की कृष्ण पक्ष की पंचम तिथि के दिन नागपंचमी आती है। इस दिन विशेष रूप से नाग देवता की पूजा अर्चना की जाती है। आटे में हल्दी मिलाकर नाग (नाग-नागिन के जोड़ ) बनाये जाते है या किसी सफ़ेद कागज में नाग बनाते है या किसी धातु के नाग बनाकर पूजा अर्चना की जाती है नागपंचमी पूजा विधि करके आप कालसर्प, राहू व् केतु से पीड़ित व सांप भय आदि से मुक्ति पा सकते है हम यंहा आपको कैसे करें नागपंचमी की पूजा की जानकारी देने जा रहे हैं।
Nag Panchami 2025 Puja Vidhi – नाग पंचमी पूजा कैसे करें – संपूर्ण विधि और उपाय जानिए 2025 में
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नाग पंचमी 2025 में कब है?
इस वर्ष 2025 में नाग पंचमी का पर्व त्यौहार को 29 जुलाई, 2025 में वार मंगलवार के दिन मनाई जाएगी।
नागपंचमी पूजा मुहूर्त
सुबह 09:13 से दोपहर 02:13 तक
दोपहर 03:54 से सांय 05:33 तक।
नागपंचमी पूजा सामग्री
आटे में हल्दी मिलाकर नाग बनाये जाते है या किसी सफ़ेद कागज में नाग बनाते है या किसी धातु के नाग बने हुए, एक दिन पूर्व रात में मोठ और बाजरा भिगो देते है। या आप Nag Panchami Puja वाले दिन दाल-बाटी-चूरमे के लड्डू बना सकते है (नाग पंचमी वाले दिन हिन्दू धर्म में तवे को अग्नि पर रखना वर्जित माना जाता है), कच्चा दूध, जल, फुल, रोली, मोली (कलावा), चावल, दक्षिणा, लकड़ी का पाटा (चोकी), जल सेरा लोटा और बायने के लिए एक कटोरी भीगी मोठ और बाजरा या दाल-बाटी-चूरमे के लड्डू और रूपये।
Nag Panchami Pujan Vidhi – नागपंचमी विशेष पूजन विधि
पहले तो Nag Panchami Puja में लकड़ी का पाटा ( चोकी ) पर लाला कपड़ा बिछाकर आटे में हल्दी मिलाकर बनाये गये नाग (नाग-नागिन के जोड़े) या किसी सफ़ेद कागज में बनाये गये नाग या किसी धातु के बने नाग को रख दें। उसके बाद श्री भगवान् शिव स्मरण करते हुए व नाग देवता का स्मरण करते हुए दिए गये Nag Panchami Puja मंत्र का उच्चारण करें:
नागपंचमी पूजा मंत्र || Nag Panchami Puja Mantra
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शंखपाल धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात:काले विशेषत:।।
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्।।
नाग-नागिन के जोड़े को दूध से स्नान कराकर उसके बाद शुद्ध जल से स्नान कराकर। उसके बाद फिर रोली से तिलक करके गंध, पुष्प आदि चढ़ा कर ! धुप व् घी का दीपक जलाएं। उसके बाद सफेद मिठाई का भोग व मोठ और बाजरा चढ़ाये। Nag Panchami Puja करने के बाद नीचे दी हुई प्रार्थना करें।
सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले।।
ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।
Nag Panchami Puja और प्रार्थना करने के बाद नाग गायत्री मंत्र का भी जाप करें।
नाग गायत्री मंत्र || Nag Gayatri Mantra
“ऊँ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्।”
जिसकी इच्छा है वो व्यक्ति सर्प सूक्त का भी पाठ कर सकता है। Nag Panchami Puja और प्रार्थना करने के बाद हाथ में मोठ व बाजरा लेकर नागपंचमी की कहानी सुने। कहानी समाप्त होने पर हाथ में ली हुई मोठ व् बाजरा को नाग देवता को चढ़ा दें। उसके बाद बयाना के लिए एक कटोरी में मोठ बाजरा लेकर उसके ऊपर दक्षिणा रखकर चवल व रोली के छीटें दें। दोनों हाथ जोड़कर अपनी इच्छानुसार यह बयाना किसी को भी दें दें।

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