Radha Parihar Stotram | पाप, ताप और संताप मिटाने वाला श्री राधा परिहार स्तोत्र श्री राधा परिहार स्तोत्र राधा रानी को समर्पित हैं। इस श्री राधा परिहार स्तोत्र का नित्य पाठ करने से साधक के ऊपर राधा रानी के साथ साथ श्री हरी की कृपा हमेशा बनी रहती हैं। श्री राधा परिहार स्तोत्र के बारे में बताने जा रहे हैं।
संपूर्ण श्री राधा परिहार स्तोत्र (अर्थ सहित) | Radha Parihar Stotra in Hindi: The Divine Remedy for Sins and Sorrows
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त्वं देवी जगतां माता विष्णुमाया सनातनी
कृष्ण प्राणाधिदेवी च कृष्ण प्राणाधिका शुभा
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते ।।
कृष्ण प्रेममयी शक्ति: कृष्ण सौभाग्य रूपिणी
कृष्ण भक्ति प्रदे राधे नमस्ते मंगलप्रदे
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहिे कृष्ण पूजिते ।।
अद्य मे सफलं जन्म जीवनं सार्थकं मम
पूजितासि मया सा च या श्रीकृष्णेन पूजिता
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते ।।
कृष्ण प्रिया च गोलोके तुलसी कानने तु या
चम्पावती कृष्णसंगे क्रीडा चम्पक कानने
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते ।।
चंद्रावली चन्द्रवने शतश्रृंगे सतीति च
विरजा दर्प हन्त्री च विरजा तट कानने
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते ।।
पद्यावती पद्मवने कृष्णा कृष्ण सरोवरे
भद्रा कुंज कुटीरे च काम्या च काम्यके वने
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते ।।
वैकुण्ठे च महालक्ष्मी वाणि नारायणोरसि
क्षीरोदे सिन्धुकन्या च मत्ये लक्ष्मीर्हरि प्रिया
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते ।।
सर्व स्वर्गे स्वर्ग लक्ष्मी देव दु:ख विनाशिनी
सनातनी विष्णुमाया दुर्गा शंकर वक्षसि
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते ।।
सावित्री देव माता च कलया ब्रह्म वक्षसि
कलया धर्म पत्नी त्वं नरनारायण प्रसू:
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते ।।
कलया तुलसी त्वं च गंगा भुवनपावनी
लोम कूपोद्भवा गोप्य: कलांशा रोहिणी रति:
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते ।।
कला कलांशरुपा च शतरूपा शची दिती:
अदिति देव माता च त्वत्कलांश हरिप्रिया
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते ।।
देव्यश्च मुनि पत्न्यश्च कलया शुभे
कृष्ण भक्ति दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते
कृष्ण भक्तिं कृष्ण दास्यं देहि मे कृष्ण पूजिते ।।
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