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Rudrabhishek Karne Ki Vidhi : Rudrabhishek Kaise Kare : रुद्राभिषेक करने की विधि

Rudrabhishek Karne Ki Vidhi : Rudrabhishek Kaise Kare : रुद्राभिषेक करने की विधि यदि शिव शंकर जी को आप खुश करने की सोच रहे हो तो उसका रामबाण उपाय है केवल और केवल “रुद्राभिषेक” !! जी हा रुद्राभिषेक से आप शिव जी से मनचाहा वरदान बड़ी ही आसानी तरीखे से पा सकते है। क्योंकी शिव जी को रूद्र रूप बहुत प्यारा लगता है। रुद्राभिषेक शिव जी को बहुत प्रिय है। यदि आप महादेव के परम भक्त हो तो और यदि आप रुद्राभिषेक भी करवाना चाहते हो तो भी यह जानकारी आपके लिए बहुत ही उपयोगी होगी।

रुद्राभिषेक करने की विधि || Rudrabhishek Karne Ki Vidhi

Rudrabhishek Karne Ki Vidhi
Rudrabhishek Karne Ki Vidhi

रुद्राभिषेक करने की सामग्री

Rudrabhishek करने के लिए बाल्टी या बड़ा पात्र, शुद्ध जल गंगाजल मिश्रित (यदि संभव हो तो गंगाजल से अभिषेक करे), श्रृंगी (गाय के सींग से बना अभिषेक का पात्र) श्रृंगी पीतल एवं अन्य धातु की भी बाजार में सहज उपलब्ध हो जाती है।, लोटा आदि।

रुद्राभिषेक करने की विधि

रुद्राष्टाध्यायी के एकादशिनि रुद्री के ग्यारह आवृति पाठ किया जाता है। इसे ही लघु रुद्र कहा जाता है। यह पंचामृत से की जाने वाली पूजा है। इस पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रभावशाली मंत्रो और शास्त्रोक्त विधि से विद्वान ब्राह्मण द्वारा पूजा को संपन्न करवाया जाता है। इस पूजा से जीवन में आने वाले संकटो एवं नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है। ब्राह्मण के अभाव में स्वयं भी संस्कृत ज्ञान होने पर रुद्राष्टाध्यायी के पाठ से अथवा अन्य परिस्थितियों में शिवमहिम्न का पाठ करके भी अभिषेक किया जा सकता है। इस सबकी सुविधा ना होने पर भी निम्नलिखित मंत्रो से भी महादेव को स्नान एवं अभिषेक (Rudrabhishek Karne Ki Vidhi) करने से बहुत पूण्य मिलता है।

रुद्राभिषेक करने का मंत्र

श्लोक मंत्र

ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ॥

ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोय्‌ ॥

तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः ॥

वामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमो

रुद्राय नमः कालाय नम: कलविकरणाय नमो बलविकरणाय नमः 

बलाय नमो बलप्रमथनाथाय नमः सर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः ॥

सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः ।

भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्‌भवाय नमः ॥

नम: सायं नम: प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा ।

भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नम: ॥

यस्य नि:श्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्योsखिलं जगत् ।

निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम् ॥

त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिबर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ॥

सर्वो वै रुद्रास्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु । पुरुषो वै रुद्र: सन्महो नमो नम: ॥

विश्वा भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायामानं च यत् । सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ॥

रुद्राभिषेक करने की विधि || Rudrabhishek Karne Ki Vidhi

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जल से अभिषेक (Jal Se Rudrabhishek Karne Ke Labh)

– हर तरह के दुखों से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव का जल से अभिषेक करें।

– भगवान शिव के बाल स्वरूप का मानसिक ध्यान करें।

– ताम्बे के पात्र में ‘शुद्ध जल’ भर कर पात्र पर कुमकुम का तिलक करें।

– “ॐ इन्द्राय नम:” का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें।

– पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय” का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें।

– शिवलिंग पर जल की पतली धार बनाते हुए रुद्राभिषेक करें।

– अभिषेक (Rudrabhishek Karne Ki Vidhi) करते हुए “ॐ तं त्रिलोकीनाथाय स्वाहा” मंत्र का जाप करें।

– शिवलिंग को वस्त्र से अच्छी तरह से पौंछ कर साफ करें।

दूध से अभिषेक (Dudh Se Rudrabhishek Karne Ke Labh)

– शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए दूध से अभिषेक करें।

– भगवान शिव के ‘प्रकाशमय’ स्वरूप का मानसिक ध्यान करें।

– ताम्बे के पात्र में ‘दूध’ भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें।

– “ॐ श्री कामधेनवे नम:” का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें।

– पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नम: शिवाय” का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें ।

– शिवलिंग पर दूध की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें।

– अभिषेक (Rudrabhishek Karne Ki Vidhi) करते हुए “ॐ सकल लोकैक गुरुर्वै नम:” मंत्र का जाप करें।

– शिवलिंग को साफ जल से धो कर वस्त्र से अच्छी तरह से पौंछ कर साफ करें।

फलों का रस (Falon Ka Ras Se Rudrabhishek Karne Ke Labh)

– अखंड धन लाभ व हर तरह के कर्ज से मुक्ति के लिए भगवान शिव का फलों के रस से अभिषेक करें।

– भगवान शिव के ‘नील कंठ’ स्वरूप का मानसिक ध्यान करें।

– ताम्बे के पात्र में ‘गन्ने का रस’ भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें।

– “ॐ कुबेराय नम:” का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें।

– पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नम: शिवाय” का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें।

– शिवलिंग पर फलों का रस की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें।

– अभिषेक (Rudrabhishek Karne Ki Vidhi) करते हुए “ॐ ह्रुं नीलकंठाय स्वाहा” मंत्र का जाप करें।

– शिवलिंग पर स्वच्छ जल से भी अभिषेक करें।

सरसों के तेल से अभिषेक (Sarason Ke Tel Se Rudrabhishek Karne Ke Labh)

– ग्रहबाधा नाश हेतु भगवान शिव का सरसों के तेल से अभिषेक करें।

– भगवान शिव के ‘प्रलयंकर’ स्वरुप का मानसिक ध्यान करें।

– ताम्बे के पात्र में ‘सरसों का तेल’ भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें।

– “ॐ भं भैरवाय नम:” का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें।

– पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नम: शिवाय” का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें।

– शिवलिंग पर सरसों के तेल की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें।

– अभिषेक ( Rudrabhishek Karne Ki Vidhi) करते हुए “ॐ नाथ नाथाय नाथाय स्वाहा” मंत्र का जाप करें।

– शिवलिंग को साफ जल से धो कर वस्त्र से अच्छी तरह से पौंछ कर साफ करें।

चने की दाल (Chane Ki Daal Se Rudrabhishek Karne Ke Labh)

– किसी भी शुभ कार्य के आरंभ होने व कार्य में उन्नति के लिए भगवान शिव का चने की दाल से अभिषेक करें।

– भगवान शिव के ‘समाधी स्थित’ स्वरुप का मानसिक ध्यान करें।

– ताम्बे के पात्र में ‘चने की दाल’ भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें।

– “ॐ यक्षनाथाय नम:” का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें।

– पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें।

– शिवलिंग पर चने की दाल की धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें।

– अभिषेक (Rudrabhishek Karne Ki Vidhi) करते हुए “ॐ शं शम्भवाय नम:” मंत्र का जाप करें।

– शिवलिंग को साफ जल से धो कर वस्त्र से अच्छी तरह से पौंछ कर साफ करें।

काले तिल से अभिषेक (Kale Til Se Rudrabhishek Karne Ke Labh)

– तंत्र बाधा नाश हेतु व बुरी नजर से बचाव के लिए काले तिल से अभिषेक करें।

– भगवान शिव के ‘नीलवर्ण’ स्वरुप का मानसिक ध्यान करें।

– ताम्बे के पात्र में ‘काले तिल’ भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें।

– “ॐ हुं कालेश्वराय नम:” का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें।

– पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नम: शिवाय” का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें।

– शिवलिंग पर काले तिल की धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें।

– अभिषेक (Rudrabhishek Karne Ki Vidhi) करते हुए “ॐ क्षौं ह्रौं हुं शिवाय नम:” का जाप करें।

– शिवलिंग को साफ जल से धो कर वस्त्र से अच्छी तरह से पौंछ कर साफ करें।

शहद मिश्रित गंगा जल (Shahad Mishrit Gangajal Se Rudrabhishek Karne Ke Labh)

– संतान प्राप्ति व पारिवारिक सुख-शांति हेतु शहद मिश्रित गंगा जल से अभिषेक करें।

– भगवान शिव के ‘चंद्रमौलेश्वर’ स्वरुप का मानसिक ध्यान करें।

– ताम्बे के पात्र में ” शहद मिश्रित गंगा जल” भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें।

– “ॐ चन्द्रमसे नम:” का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें।

– पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नम: शिवाय” का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें।

– शिवलिंग पर शहद मिश्रित गंगा जल की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें।

– अभिषेक (Rudrabhishek Karne Ki Vidhi) करते हुए “ॐ वं चन्द्रमौलेश्वराय स्वाहा” का जाप करें।

– शिवलिंग पर स्वच्छ जल से भी अभिषेक करें।

घी व शहद  (Ghee Or Shahad Se Rudrabhishek Karne Ke Labh)

– रोगों के नाश व लम्बी आयु के लिए घी व शहद से अभिषेक करें।

– भगवान शिव के ‘त्रयम्बक’ स्वरुप का मानसिक ध्यान करें।

– ताम्बे के पात्र में ‘घी व शहद’ भर कर पात्र को चारों और से कुमकुम का तिलक करें।

– “ॐ धन्वन्तरयै नम:” का जाप करते हुए पात्र पर मौली बाधें।

– पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय” का जाप करते हुए फूलों की कुछ पंखुडियां अर्पित करें।

– शिवलिंग पर घी व शहद की पतली धार बनाते हुए-रुद्राभिषेक करें।

– अभिषेक (Rudrabhishek Karne Ki Vidhi) करते हुए “ॐ ह्रौं जूं स: त्रयम्बकाय स्वाहा” का जाप करें।

– शिवलिंग पर स्वच्छ जल से भी अभिषेक करें।

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