Saptarishi Stuti Full Lyrics, PDF & Meaning: सप्तर्षि स्तुति (ऋषि पंचमी स्तुति) 2025 हर साल भादो मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का पर्व मनाया जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दिन पूजा व्रत-उपासना करने से जाने-अनजाने में हुई गलतियों का प्रायश्चित किया जा सकता है। इस दिन महिलाओं द्वारा सप्त ऋषियों यानी सात ऋषियों को श्रद्धांजलि देने और रजस्वला दोष से शुद्ध होने के लिए रखा जाने वाला एक उपवास दिवस है। ऋषि पंचमी की पूजा में सप्तर्षि स्तुति करने से सप्त ऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता हैं।
सप्तर्षि पंचमी स्तुति – Saptarishi Panchami Stuti Full Lyrics, PDF & Meaning
हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।
हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)

🧿 लैब सर्टिफाइड और अभिमंत्रित सिद्ध रुद्राक्ष पाने के लिए तुरंत कॉल करें मोबाइल नंबर: 9667189678
विश्वामित्र वसिष्ठ वत्स भरत व्यासङ्गिरो गौतमाः
माण्डव्यात्रि पुलस्त्य धौम्य पुलहाऽष्टावक्र गर्गादयः ।
मार्कण्डेय विभाण्डको शुक शतानन्दाश्वलोद्दालका
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ १॥
👉 अर्थ – विश्वामित्र, वशिष्ठ, वत्स, भरत, व्यास, अङ्गिरा, गौतम, माण्डव्य, त्रि-पुलस्त्य, धौम्य, पुलह, अष्टावक्र, गर्ग और अन्य मार्कण्डेय, विभाण्डक, शुक, शतानंद आदि सभी वेदों और वैदिक धर्म के रक्षक ऋषि हैं। वे हमेशा मेरे भले के लिए शुभकामनाएँ दें।
यास्को गालव याज्ञवल्क्य जनको जाबाल्यगस्त्यादयो
भारद्वाज उतथ्य लोमशकृपाः सूतादयः शौनकः ।
दुर्वासा भृगु भार्गवौ च कुशिकः शाण्डिल्य गार्ग्यायणी
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ २॥
👉 अर्थ – यास्क, गालव, याज्ञवल्क्य, जनक, जाबाल्य, गस्त्य, भारद्वाज, उतथ्य, लोमश, कृप, सूत, शौनक, दुर्वासा, भृगु, भार्गव, कुशिक, शाण्डिल्य, गार्ग्यायणी – ये सभी वैदिक धर्म के रक्षक ऋषि हैं। वे सदा मेरे और सभी भक्तों के कल्याण की कामना करें।
नन्दी नारद तुम्बुरुश्च कपिलो सौबाष्कलौ देवलः
सिद्धास्ते सनकादयोरहगणः कौडिन्य शिब्यादय ।
शृङ्गी गौतम शुष्य शृङ्ग मनवो मान्धात मेधा ध्रुवाः
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ ३॥
👉 अर्थ – नंदी, नारद, तुम्बुरु, कपिल, सौबाष्कल, देवल, सनकादि रिहगण, कौडिन्य, शिब्यादि, शृङ्गी, गौतम, शुष्य, शृङ्ग, मनव, मान्धात, मेधा, ध्रुव आदि ऋषि सभी वेद और वैदिक धर्म के संरक्षक हैं। वे सदा मेरे और सम्पूर्ण जगत के कल्याण की कामना करें।
शको दीर्घतमा दधीचिरुपमन्यः पिप्पलादादयो
बार्हस्पत्य कणाद पाणिनि बृहस्पत्यासुरोन्द्रादयः ।
शङ्खः पञ्चशिखः पराशर वृषा मेधातिथिर्मुद्गलो
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ ४॥
👉 अर्थ – शको, दीर्घतमा, दधीचि, रुपमन्य, पिप्पलाद, बार्हस्पत्य, कणाद, पाणिनि, बृहस्पति, असुरोन्द्र आदि सभी ऋषि वैदिक धर्म के रक्षक हैं और वे हमेशा सम्पूर्ण जगत के कल्याण के लिए कामना करें।
मौद्गल्योऽथ धनञ्जयो सित भरद्वाजा नलो धर्मराड्-
माण्डव्यासाङ्गिरसौ ययाति भरताः कण्वोऽथ हारीतकः ।
शक्तिः कश्यप काश्यपौच्यवनको वात्सायनश्च क्रतु
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ ५॥
👉 अर्थ – मौद्गल्य, धनञ्जय, सित, भरद्वाज, नल, धर्मराज, माण्डव्य, आसङ्गिर, ययाति, भरत, कण्व, हारीतक, शक्ति, कश्यप, काश्यप, च्यवनक, वात्सायन, क्रतु – ये सभी ऋषि वैदिक धर्म के रक्षक हैं। वे सदा मेरे और जगत के कल्याण की कामना करें।
वैशम्पायन पिप्पलायन बुधास्तौ जह्नु कात्यायनौ
गोरक्षो जमदग्नि जैमिनी शुनश्शेपाश्च सामश्रवाः ।
गार्यः शाकल शाकटायन शकाः शाकस्य कौत्सादयो
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ ६॥
👉 अर्थ – वैशम्पायन, पिप्पलायन, बुद्ध, जह्नु, कात्यायन, गोरक्ष, जमदग्नि, जैमिनी, शुनश्शेप, सामश्रव, गार्य, शाकल, शाकटायन, शक, शाकस्य, कौत्स आदि ऋषि वैदिक धर्म के संरक्षक हैं और सदा जगत कल्याण की कामना करते हैं।
भीष्मो भागुरि पिङ्गलौ च सगरो द्रोणः सहस्रार्जुनो
बुद्धो वामन कासकृत्स्न शबराः पाण्ड्वम्बरीषादयः ।
आपस्तम्ब पतञ्जली पुरुरवाः पुष्य पृथुः पाण्डवाः
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ ७॥
👉 अर्थ – भीष्म, भागुरि, पिङ्गल, सगर, द्रोण, सहस्रार्जुन, बुद्ध, वामन, कासकृत्स्न, शबर, पाण्डव, अमरीष आदि ऋषि वैदिक धर्म के रक्षक हैं। वे सदा मेरे और सम्पूर्ण जगत के कल्याण की कामना करें।
देवापिर्वरतन्तु शन्ततु गदा दाल्भ्योऽभिमन्युर्वसू रैभ्यः
सौभरि जैबली बलि मिथी बौद्धायनो नैमिषः ।
अश्वत्थाम विलेशयौ द्रुपदको नेमिः मृकन्डुर्यमो
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ ८॥
👉 अर्थ – देवापि, वरतन्तु, शान्ततु, गदा, दाल्भ्य, अभिमन्यु, वसू, रैभ्य, सौभरि, जैबली, बलि, मिथि, बौद्धायन, नैमिष, अश्वत्थाम, विलेशय, द्रुपद, नेमि, मृकन्दुर्य – ये सभी ऋषि और महापुरुष वैदिक धर्म के संरक्षक हैं। वे सदा मेरे और संसार के कल्याण के लिए शुभकामनाएँ दें।
आत्रेयो जनमेजय श्रवणकः स श्वेतकेतुर्लवः
काकुत्स्थश्च विकुक्षि सञ्जय महावीराः सुधन्वोदयः ।
श्वेताश्वो नचिकेत लक्ष्मण पुरु श्रीक्षेमधन्वादयो
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ ९॥
👉 अर्थ – आत्रेय, जनमेजय, श्रवणक, श्वेतकेतु, लव, काकुत्स्थ, विकुक्षि, संजय, महावीर, सुधन्वोदय, श्वेताश्व, नचिकेत, लक्ष्मण, पुरु, श्रीक्षेमधन्व आदि ऋषि वैदिक धर्म के रक्षक हैं और सदा मेरे और जगत के कल्याण की कामना करें।
लौकाक्षी च वसन्तनो दयनको स व्याघ्रपादो जयः
शाल्वः शूर कुशध्वजाऽज विदुरास्तेवासुदेवादयः ।
ऋक्सेना ऋतुपर्ण कर्णक दिवोदासैकलव्यादयो
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ १०॥
👉 अर्थ – लौकाक्षी, वसन्तन, दयनक, व्याघ्रपाद, जय, शाल्व, शूर, कुशध्वज, अज, विदुर, असेव, आसुदेव और अन्य ऋषि वैदिक धर्म के संरक्षक हैं। वे सदा मेरे और सम्पूर्ण जगत के कल्याण की कामना करें।
प्रह्लादो डहरः सुभिक्ष ललितौ शुरः शिलादित्यको
बप्यो विक्रम भोज भतहरयस्ते गोपिचन्द्रादयः ।
मानांशूदय नाग नीप मलयाः पृथ्वी प्रतापौ शिवौ
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ ११॥
👉 अर्थ – प्रह्लाद, डहर, सुभिक्ष, ललित, शूर, शिलादित्य, बप्य, विक्रम, भोज, भतहरय, गोपिचन्द्र और अन्य महापुरुष वैदिक धर्म के रक्षक हैं। वे सदा मेरे और जगत के कल्याण की कामना करें।
पैङ्गी भृङ्गि मरीचि कर्दममुखाः कल्माषपादो यदु-
र्दुष्यन्तः सुरथ समाधि नहुषौ हर्षः प्रियादिव्रतः ।
अन्ये चापि तुलाधर प्रभृतयो लर्कश्च पारस्करो
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ १२॥
👉 अर्थ – पैङ्गी, भृङ्गि, मरीचि, कर्दममुख, कल्माषपाद, यदुर्दुष्यन्त, सुरथ, समाधि, नहुष, हर्ष, प्रियादिव्रतः और अन्य ऋषि वैदिक धर्म के रक्षक हैं। वे सदा मेरे और सम्पूर्ण जगत के कल्याण की कामना करें।
अग्नीध्रो हरिरग्निबाहु सवनौ नाभिर्वसुः केतुमान्
ज्योतिष्मान् द्युतिमानिलावृत हिरण्मद्रम्यकाहव्यकः ।
पत्रः किम्पुरुषः कृशाश्व, ऋषभौ भद्राश्व मुख्याखिला
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ १३॥
👉 अर्थ – अग्निध्र, हरिरग्निबाहु, सवन, नाभिर्वसुः, केतुमान, ज्योतिष्मान्, द्युतिमान, इलावृत, हिरण्मद्र, म्यकाहव्यक, पत्र, किम्पुरुष, कृशाश्व, ऋषभ, भद्राश्व और अन्य ऋषि वैदिक धर्म के रक्षक हैं। वे सदा मेरे और सम्पूर्ण जगत के कल्याण की कामना करें।
पुण्यास्ते मनवश्चतुर्दश शुभास्ते वालखिल्यादय
इक्ष्वाकुः कुरु रन्तिदेव रघवो रामो दिलीपोंऽशुमान् ।
पाला पङ्किरथो भगीरथ कुसौ नागाश्च सेनादयो
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ १४॥
👉 अर्थ – मनु, चतुर्दश शुभ, वालखिल्य आदि, इक्ष्वाकु, कुरु, रन्तिदेव, रघु, राम, दिलीप, अशुमान, पाला, पङ्किरथ, भगीरथ, कुस, नाग और सेनादि ऋषि वैदिक धर्म के रक्षक हैं। वे सदा मेरे और सम्पूर्ण जगत के कल्याण की कामना करें।
सिंहालिच्छवि मल्लशाह सहिताश्चन्द्राश्च चोलादयो
गुप्तावर्धन वर्मदेव सहजाः शाक्या शका विक्रमाः ।
चाणक्यश्चरकश्च सुश्रुत भटौ नागो नृगो माधवो
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ १५॥
👉 अर्थ – सिंहालिच्छवि, मल्लशाह, सहिताश्चन्द्र, चोलादि, गुप्तावर्धन, वर्मदेव, सहज, शाक्या, शका, विक्रम, चाणक्य, चरक, सुश्रुत, भटौ, नाग, नृगो, माधव – ये सभी ऋषि और महापुरुष वैदिक धर्म के रक्षक हैं। वे सदा मेरे और जगत के कल्याण की कामना करें।
अन्ये स्व स्व कृतिप्रसिद्धयशसो ब्रह्मर्षि राजर्षयः
शत्रुघ्नो भरतोऽथ लक्ष्मणबली कृष्णोद्धवौ सात्यकी ।
प्रद्युम्नोऽप्यसमञ्जसो वृष हरिश्चन्द्रौ नरेन्द्रादयोः
विश्वे वैदिकधर्मरक्षक ऋषिव्राताः सदा पान्तुनः ॥ १६॥
👉 अर्थ – अन्ये अपने-अपने कर्म और प्रसिद्धि के अनुसार ब्रह्मर्षि, राजर्षि, शत्रुघ्न, भरत, लक्ष्मण, बलि, कृष्ण, उधव, सात्यकी, प्रद्युम्न, असमञ्जस, वृष, हरिश्चन्द्र और अन्य महार्षि वैदिक धर्म के रक्षक हैं। वे सदा मेरे और सम्पूर्ण जगत के कल्याण की कामना करें।
👉 सप्तर्षि पूजा मंत्र और विधि | Saptarishi Mantra for Rishi Panchami Puja Vidhi, Lyrics & PDF
👉 ऋषि पंचमी की आरती – Rishi Panchami Aarti Lyrics in Hindi, PDF & Meaning
👉 ऋषि स्तुति – Rishi Stuti (Saptarishi Stotram): Full Lyrics, PDF & Meaning

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े
