Shri Krishna Janmashtami Puja Vidhi – कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा कैसे करें यह तो आप सब जानते है की भगवान् श्री कृष्ण जी का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, वार बुधवार, नक्षत्र रोहिणी को अर्धरात्रि के समय मथुरा नगरी के कारागार में हुआ है। भगवान श्री कृष्ण जी के पिता का नाम वासुदेव जी व माता का नाम देवकी जी हैं। परन्तु उनका लालन पालन माता यशोदा व नन्दबाबा के यंहा हुआ हैं। हम यंहा आपको Shri Krishna Janmashtami Puja Vidhi की जानकारी बताने जा रहे हैं।
Krishna Janmashtami Ki Puja Vidhi – जन्माष्टमी व्रत व पूजा की संपूर्ण विधि
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2025 कब की है?
इस साल 2025 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को व्रत पर्व को 15 अगस्त, 2025 वार शुक्रवार के दिन मनाया जायेगा।
Janmashtami 2025 Puja Vidhi – शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
श्री कृष्णा जन्माष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त: रात्रि 12:03 से रात्रि 12:47 तक। (15 अगस्त)
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री
Shri Krishna Janmashtami Puja में जातक को बाल रूप श्री कृष्ण जी, पालना (फूलों से सजा), श्री कृष्ण जी के वस्त्र, चन्दन, इत्र, फुल की माला, भोग की सामग्री, पंचामृत (कच्चा दूध, दही, घी, शहद, चीनी), पंजीरी (सूखे धनिये की पीसी हुई), काजू, पिस्ता, बादाम, फल आदि !
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Krishna Janmashtami Ki Puja Vidhi – श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत व पूजा की संपूर्ण विधि
Shri Krishna Janmashtami Puja रात में 12 बजे व चंद्रमा निकलते ही भगवान श्री कृष्ण जी का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। पहले बाल रूप श्री कृष्ण जी को कच्चे दूध उसके बाद शुद्द जल फिर दही से, उसके बाद फिर शुद्द जल से फिर घी से उसके बाद फिर शुद्द जल से उसके बाद फिर शहद से उसके बाद फिर शुद्ध जल से, उसके बाद पीसी हुई चीनी से उसके बाद गंगाजल से अभिषेक कराए।
नहलाये के बाद भगवान श्री कृष्ण जी को नए कपडे धारण करवाए व उनको अच्छी तरह से सजाये। तिलक करें इत्र लगाये, पुष्पों की माला पहनाएं। भगवान श्री कृष्ण जी के जन्म के गीत गायें। उन्हें भोग लगायें। उसके बाद श्री कृष्ण जी की आरती करें।

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