वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Tulasi Stotra Lyrics, Meaning & Benefits | जीवन के सभी दुखों को दूर करने वाला श्री तुलसी स्तोत्रम् (PDF)

Tulasi Stotra Lyrics, Meaning & Benefits | जीवन के सभी दुखों को दूर करने वाला श्री तुलसी स्तोत्रम् (PDF) तुलसी पौधे को हमारे हिन्दू धर्म में पूजनीय व् देवी का दर्जा दिया गया हैं। यह तो आप सब पहले से जानते है की तुलसी पौधे को भगवान श्री विष्णु जी की पत्नी का अवतार माना जाता है। Sri Tulasi Stotra‌ के रचियता ऋषि पुंड्रार्की ने की हैं ! श्री तुलसी स्तोत्रम्‌ का पाठ आप नियमित रूप से तुलसी पूजा के समय कर सकते हैं। Sri Tulasi Stotra‌ का नियमित रूप से जो भी व्यक्ति पाठ करता हैं उसके जीवन के कष्ट नष्ट हो जाते है और दीर्घायु जीवन जीता हैं।

Tulasi Stotra PDF Download, Benefits & Chanting Vidhi | घर में आएगी सुख-समृद्धि रोज पढ़ें यह चमत्कारी तुलसी स्तोत्र

हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।

हर समस्या का फ्री उपाय (Free Upay) जानने के लिए हमारे WhatsApp Channel (व्हात्सप्प चैनल) से जुड़ें: यहां क्लिक करें (Click Here)

Tulasi Stotra
Tulasi Stotra

Powerful Tulasi Stotra Lyrics in Hindi for Health, Wealth, and Protection | जीवन के सभी कष्टों को हरने वाला श्री तुलसी स्तोत्रम् (PDF), अवश्य पढ़ें

श्री तुलसी स्तोत्र PDF डाउनलोड | Tulasi Stotra PDF Download – Peaceful Chanting for Morning

श्रीभगवानुवाच –

बृंदा रूपाश्च वृक्षाश्च यथैकत्र भवन्ति हि।

विदुर्बुधास्तेन बृंदां मत्प्रियां तां भजाम्यहम् ॥१॥

पुरा बभूव या देवी त्वादौ बृन्दा वनेन च।

तेन वृन्दावनीख्याता सौभाग्यां तां भजाम्यहम् ॥२॥

असंख्येषु च विश्वेषु पूजिता या निरन्तरम्।

तेन विश्वपूजिताख्या पूजितां तां भजाम्यहम् ॥३॥

असंख्यानि तु विश्वानि पवित्राणि तया सदा।

तां विश्वपावनीं देवीं विरहेण स्मराम्यहम् ॥४॥

देवा न तुष्टाः पुष्पाणां समूहेन यया विना।

तां पुष्पसारां शुद्धां च द्रष्टुमिच्छामि शोकतः ॥५॥

विश्वे यत्प्राप्तिमात्रेण भक्तानन्दो भवेद्ध्रुवम्।

नन्दिनी तेन विख्याता सा प्रीता भवतादिह ॥६॥

यस्या देव्यास्तुला नास्ति विश्वेषु निखिलेषु च।

तुलसी तेन विख्याता तां यामि शरणं प्रियाम् ॥७॥

कृष्णजीवनरूपा सा शश्वत्प्रियतमा सती।

तेन कृष्णजीवनीया सा मे रक्षतु जीवनम् ॥८॥

बृन्दा बृन्दावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।

पुष्पसारा नन्दिनी च तुलसी कृष्णजीवनी ॥९॥

एतन्नामाष्टकं चैव स्तोत्रं नामार्थसंयुतम्।

यः पठेत् तां च संपूज्य सोऽश्वमेधफलं लभेत् ॥१०॥

वैदिक उपाय और 30 साल फलादेश के साथ जन्म कुंडली बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

10 वर्ष के उपाय के साथ अपनी लाल किताब की जन्मपत्री बनवाए केवल 500/- रूपये में: पूरी जानकारी यहां पढ़े

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment

Call Us Now
WhatsApp
We use cookies in order to give you the best possible experience on our website. By continuing to use this site, you agree to our use of cookies.
Accept