Tulasi Stotra Lyrics, Meaning & Benefits | जीवन के सभी दुखों को दूर करने वाला श्री तुलसी स्तोत्रम् (PDF) तुलसी पौधे को हमारे हिन्दू धर्म में पूजनीय व् देवी का दर्जा दिया गया हैं। यह तो आप सब पहले से जानते है की तुलसी पौधे को भगवान श्री विष्णु जी की पत्नी का अवतार माना जाता है। Sri Tulasi Stotra के रचियता ऋषि पुंड्रार्की ने की हैं ! श्री तुलसी स्तोत्रम् का पाठ आप नियमित रूप से तुलसी पूजा के समय कर सकते हैं। Sri Tulasi Stotra का नियमित रूप से जो भी व्यक्ति पाठ करता हैं उसके जीवन के कष्ट नष्ट हो जाते है और दीर्घायु जीवन जीता हैं।
Tulasi Stotra PDF Download, Benefits & Chanting Vidhi | घर में आएगी सुख-समृद्धि रोज पढ़ें यह चमत्कारी तुलसी स्तोत्र
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Powerful Tulasi Stotra Lyrics in Hindi for Health, Wealth, and Protection | जीवन के सभी कष्टों को हरने वाला श्री तुलसी स्तोत्रम् (PDF), अवश्य पढ़ें
श्री तुलसी स्तोत्र PDF डाउनलोड | Tulasi Stotra PDF Download – Peaceful Chanting for Morning
श्रीभगवानुवाच –
बृंदा रूपाश्च वृक्षाश्च यथैकत्र भवन्ति हि।
विदुर्बुधास्तेन बृंदां मत्प्रियां तां भजाम्यहम् ॥१॥
पुरा बभूव या देवी त्वादौ बृन्दा वनेन च।
तेन वृन्दावनीख्याता सौभाग्यां तां भजाम्यहम् ॥२॥
असंख्येषु च विश्वेषु पूजिता या निरन्तरम्।
तेन विश्वपूजिताख्या पूजितां तां भजाम्यहम् ॥३॥
असंख्यानि तु विश्वानि पवित्राणि तया सदा।
तां विश्वपावनीं देवीं विरहेण स्मराम्यहम् ॥४॥
देवा न तुष्टाः पुष्पाणां समूहेन यया विना।
तां पुष्पसारां शुद्धां च द्रष्टुमिच्छामि शोकतः ॥५॥
विश्वे यत्प्राप्तिमात्रेण भक्तानन्दो भवेद्ध्रुवम्।
नन्दिनी तेन विख्याता सा प्रीता भवतादिह ॥६॥
यस्या देव्यास्तुला नास्ति विश्वेषु निखिलेषु च।
तुलसी तेन विख्याता तां यामि शरणं प्रियाम् ॥७॥
कृष्णजीवनरूपा सा शश्वत्प्रियतमा सती।
तेन कृष्णजीवनीया सा मे रक्षतु जीवनम् ॥८॥
बृन्दा बृन्दावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नन्दिनी च तुलसी कृष्णजीवनी ॥९॥
एतन्नामाष्टकं चैव स्तोत्रं नामार्थसंयुतम्।
यः पठेत् तां च संपूज्य सोऽश्वमेधफलं लभेत् ॥१०॥

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