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Yamaraja Puja Vidhi 2025: Mantra, Muhurat, and Yamdeep Daan Rules | यमराज पूजा विधि 2025: जानें यमदीप दान का सही नियम और मंत्र

यमराज पूजा विधि 2025: जानें यमदीप दान का सही नियम और मंत्र Yamaraja Puja Vidhi 2025: Mantra, Muhurat, and Yamdeep Daan Rules हमारे हिंदु मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन यमदेव की पूजा करने का विधान माना जाता हैं कहा जाता है की इस दिन यम देव की पुका करने से जातक अकाल मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता हैं, और वो नरक के भय से मुक्त हो जाता है और साथ ही उनके पूर्वजों को भी नरक की यातनायें नही झेलनी पड़ती हैं।

नरक चतुर्दशी की रात्रि को यम का दीपक जलाया जाने की परम्परा हैं। Free Upay.in द्वारा बताये जा रहे यमराज पूजा विधि (Yamaraja Puja Vidhi) को पढ़कर आप भी बहुत ही आसानी तरीके से यमदेव की पूजा करके फायदा व लाभ उठा सकते है।

अकाल मृत्यु से रक्षा के लिए यमराज पूजा विधि (2025) | Yamdeep Daan Vidhi 2025: The Correct Yamaraja Puja Method

हमारी वेबसाइट FreeUpay.in (फ्री उपाय.इन) में रोजाना आने वाले व्रत त्यौहार की जानकारी के अलावा मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, साधना, व्रत कथा, ज्योतिष उपाय, लाल किताब उपाय, स्तोत्र आदि महत्वपूर्ण जानकारी उबलब्ध करवाई जाएगी सभी जानकारी का अपडेट पाने के लिए दिए गये हमारे WhatsApp Group Link (व्हात्सप्प ग्रुप लिंक) क्लिक करके Join (ज्वाइन) कर सकते हैं।

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Yamaraja Puja Vidhi
Yamaraja Puja Vidhi 2025

यम के कोप से बचने के लिए ऐसे करें यमराज की पूजा | Yamaraja Puja Vidhi on Narak Chaturdashi 2025

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यमराज पूजा विधि: घर पर पूजा स्टेप्स व समय | How to Do Yamaraja Puja at Home (Step-by-Step Guide for 2025)

यमराज पूजा कब करे 2025 | When to worship Yamraj? 2025

👉 यमराज पूजा कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी, यम चतुर्दशी व रूप चतुर्दशी भी कहते हैं। इस बार 2025 में 19 अक्टूबर, वार रविवार को यमराज की पूजा व व्रत का विधान है।

यमराज पूजा मुहूर्त 2025 | Yamaraja Puja Muhurat 2025

➤ प्रदोष काल मुहूर्त – संध्या 05:56 से रात्रि 08:26 तक का मुहूर्त यमराज की पूजा व यम तर्पण के लिए श्रेष्ट है।

👉 स्नान मुहूर्त: 19 अक्टूबर, 2025 सुबह 05:18 – सुबह 06:29 तक।

यमराज पूजा विधि 2025 | The Puja That Protects from Untimely Death: Yamaraja Puja Guide

➤ इस दिन जातक सूर्योदय से पहले जगकर शरीर पर तिल के तेल की मालिश करके स्नान करने का विधान है। स्नान के बाद अपामार्ग (एक प्रकार का पौधा) को शरीर पर स्पर्श करना चाहिए। अपामार्ग को मस्तक पर घुमाना नीचे बताये गये मंत्र का जाप करना चाहिए।

यमराज पूजा मंत्र 2025 | Yamaraja Puja Mantra 2025

सितालोष्ठसमायुक्तं सकण्टकदलान्वितम्।

हर पापमपामार्ग भ्राम्यमाण: पुन: पुन:।।

👉 उसके बाद शुद्ध कपड़े पहनकर, तिलक लगाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बताये गये नीचे निम्न मंत्रों से प्रत्येक नाम से तिलयुक्त तीन-तीन जलांजलि देनी चाहिए। यह यम-तर्पण कहलाता है। इससे वर्ष भर के पाप नष्ट हो जाते हैं:

ऊँ यमाय नम:,

ऊँ धर्मराजाय नम:,

ऊँ मृत्यवे नम:,

ऊँ अन्तकाय नम:,

ऊँ वैवस्वताय नम:,

ऊँ कालाय नम:,

ऊँ सर्वभूतक्षयाय नम:,

ऊँ औदुम्बराय नम:,

ऊँ दध्राय नम:,

ऊँ नीलाय नम:,

ऊँ परमेष्ठिने नम:,

ऊँ वृकोदराय नम:,

ऊँ चित्राय नम:,

ऊँ चित्रगुप्ताय नम:।

➤ इस प्रकार से तर्पण कर्म सभी पुरुषों को करना चाहिए, चाहे उनके माता-पिता जीवित या स्वर्गीय हों। फिर देवताओं का पूजन करके सायंकाल प्रदोष काल में यमराज को दीपदान करने का विधान है।

👉 दीपक जलाने का काम त्रयोदशी तिथि से शुरू करके अमावस्या तक करना चाहिए। इस दिन भगवान श्री कृष्ण का पूजन करने का भी विधान बताया गया है क्योंकि इसी दिन उन्होंने नरकासुर का वध किया था। इस दिन जो भी व्यक्ति विधिपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करता है, उसके मन के सारे पाप दूर हो जाते हैं और अंत में उसे बैकुंठ में जगह मिलती है।

यम का दीपक कैसे जलाए | How to Worship Yam Ka Diya: A Simple Puja Guide for Narak Chaturdashi

➤ यम देव के नाम का दीपक जलाने से पहले पूजा की जाती हैं। इसलिए एक चौकी पर रोली (कुमकुम) से स्वास्तिक बनाकर उस पर आटे का बना चौमुखी दीपक बनाकर रखें। फिर दीपक पर रोली-चावल से तिलक करें, फूल अर्पित करें। फिर उसमें एक सिक्का ड़ालें। घर के सदस्यों के तिलक करें। फिर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके उस दीपक को चौराहे या घर के मेन गेट पर रख दें और बताये गये इस मंत्र का जाप करें।

यम का दीपक जलाने का मंत्र | Yama Ka Deepak Jalane Ka Mantra

मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह।

त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्॥

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