Kalki Jayanti Puja Vidhi : Kalki Jayanti 2025 Puja Vidhi : कल्कि जयंती पूजा विधि सावन मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन कल्कि जयंती आती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्री विष्णु जी का अंतिम अवतार कल्कि की पूजा अर्चना की जाती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान कल्कि कलयुग में फैले द्वेष का पूर्ण विनाश करके सनातन धर्म का निर्माण करने के लिए जन्म लेंगे। हम यंहा आपको कैसे करें कल्कि की पूजा की जानकारी देने जा रहे हैं।
कल्कि जयंती पूजा विधि || Kalki Jayanti Puja Vidhi
कल्कि जयंती पूजा कब है?
इस साल 2025 में कल्कि जयंती जुलाई महीने की 30 तारीख, वार बुधवार के दिन बनाई जाएगी।
कल्कि जयंती पूजा का महत्व
श्रीमद्भागवतम के अनुसार कल्कि को भगवान श्री विष्णु के अवतार के रूप में पहचाना जाता है। और वह सत्य युग को वापस लाने के लिए वर्तमान चरण को समाप्त करते हुए दिखाई देंगे। उन्हें भगवान श्री विष्णु के सबसे क्रूर अवतार में से एक माना जाता है। जो मानव जाति को अच्छे के लिए समाप्त कर देंगे। इस दिन, भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। और अपने सभी बुरे कर्मों या पापों के लिए क्षमा मांगते हैं। साथ ही, वे अपने परिवार के शांतिपूर्ण जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं।
कल्कि जयंती पूजा तिथि
शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि का प्रारंभ: 29 जुलाई 2025 दिन मंगलवार, रात्रि 12:46 मिनट से
शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि का समापन: 30 जुलाई 2025 दिन बुधवार, रात्रि 02:41 मिनट तक।
कल्कि जयंती पूजा मुहूर्त
सूर्योदय से सुबह 09:14 बजे तक।
सुबह 10:54 से दोपहर 12:30 बजे तक।
दोपहर 03:54 से सांय 07:12 बजे तक ।
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कल्कि जयंती पूजा विधि || Kalki Jayanti Puja Vidhi
- इस दिन सबसे पहले प्रातःकाल स्नान आदि कार्यों से निवृत्त होकर साफ़ कपड़े धारण करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
- उसके बाद अपने पूजा स्थल पर एक चौकी रखकर उस पर लाल कपड़ा बिछाकर श्री विष्णु जी की मूर्ति या प्रतिमा को गंगाजल से धोकर उसे स्थापित करके वस्त्र, पुष्प अर्पित करके तिलक करें। धूप व दीप जलाए।
- भोग के रूप में पंचमित्र, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं।
- उसके बाद श्री कल्कि स्तोत्र, चालीसा और आरती का पाठ करके पूजा करें।
- उसके बाद अपने सामर्थ अनुसार ब्राह्मणों को दान आदि करना बहुत शुभ होता है।
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